तीसरे दिन 22 दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ एवं पैर, 10 बैसाखी, 08 कैलीपर, 2 व्हीलचेयर, 05 ट्राई साइकिल एवं 30 दिव्यांगों को श्रवण यंत्र मशीन की गई प्रदान
भारतीय जैन संगठना जो कार्य कर रही है, उससे बड़ा पुण्य का कार्य और कोई नहीं हो सकता – संभागायुक्त श्री भीम सिंह
बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़) भगवान महावीर स्वामी ने कहा है हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो, घृणा से विनाश होता है। भगवान महावीर की वाणी को जन-जन तक पहुंचाने एवं इसी मूल भावना के साथ भारतीय जैन संघठना बिलासपुर द्वारा आयोजित निःशुल्क दिव्यांग सेवा शिविर एवं स्वास्थ्य परीक्षण व परामर्श शिविर के तीसरे दिन का सैकड़ों लोगों ने लाभ उठाया। इस दिव्यांग सेवा शिविर के आयोजन को सफल बनाने के लिए श्री भगवान महावीर विकलांग सेवा समिति जयपुर से आई हुई 25 लोगों की टीम निस्वार्थ भाव से दिन-रात सेवा दे रही है। भगवान महावीर विकलांग सेवा समिति जयपुर के इस पुनीत कार्य में सीएसआर रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड पार्टनर है । यह शिविर 25 जून से 30 जून तक के चलेगी ।
जैन एवं सनातन परंपरा का निर्वहन करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण एवं भगवान महावीर स्वामी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ की गई। मंगलाचरण की प्रस्तुति श्रीमती क्षिप्रा जैन ने दी। बिलासपुर के संभागायुक्त श्री भीम सिंह आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय जैन संघठना छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज लुंकड़ एवं महासचिव विजय गंगवाल उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि संभागायुक्त महोदय ने कहा कि भारतीय जैन संगठना जो कार्य कर रही है, उससे बड़ा पुण्य का कार्य और कोई नहीं हो सकता, क्योंकि इस पुनीत कार्य के माध्यम से वह न केवल दिव्यांगों के जीवन को नई रोशनी दे रहे हैं बल्कि उन दिव्यांगों के साथ जुड़े पूरे परिवार के चेहरे पर एक नई मुस्कान बिखेर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर बैसाखी एवं व्हील चेयर का वितरण किया जाता है परन्तु बीजेएस द्वारा जो जयपुर के प्रसिद्ध कृत्रिम अंग प्रदान किए जा रहे हैं वह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि बाकी समाज एवं संप्रदाय के लोगों को भी इस पहल से सीख लेकर इस तरह के आयोजन करते रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने आश्वासन भी दिया कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन के लिए समाज कल्याण विभाग की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा।
स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर की श्रृंखला में आज दूसरे दिन श्री अरबिंदो नेत्रालय रायपुर से डॉ निकलेश दलाल एवं डॉ प्रज्ञा चंद्रवंशी के साथ विशेषज्ञ की एक टीम अपने टेस्टिंग वैन के साथ शिविर स्थल पहुंची। इस वैन की मदद से आज 150 से अधिक लोगों ने नेत्र परीक्षण एवं परामर्श का लाभ लिया।
शिविर के तीसरे दिन आज 22 दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ एवं पैर लगाए गए। इसके साथ ही 10 दिव्यांगों को बैसाखी, 08 दिव्यांगों को कैलीपर, 2 दिव्यांग को व्हीलचेयर, 05 दिव्यांगों को ट्राई साइकिल एवं 30 दिव्यांगों को श्रवण यंत्र मशीन प्रदान की गई।
शिविर के मीडिया प्रभारी अमित जैन एवं आंचल जैन ने बताया कि अभी तक तीन दिनों में 10 माह के बच्चे से लेकर 85 वर्ष तक के सैकड़ों दिव्यांग एवं मरीज इस शिविर का लाभ ले चुके हैं। भावुक होते हुए उन्होंने बताया कि जो दिव्यांग खड़े भी नहीं हो पाते थे, दूसरों के कंधों या गोद में चढ़कर इस शिविर में पहुंचे थे और इस शिविर से अपने पैरों में चलकर वापस जा रहे हैं, उसके बाद वह जो दिल से दुआ और आशीर्वाद दे रहे हैं तो लगता है कि भगवान महावीर के सिद्धांतों को आत्मसात करने के उद्देश्य और भावना के साथ आयोजित इस शिविर का मकसद तो पूर्ण हो ही रहा है साथ ही रहीम की ये पंक्तियाँ शत प्रतिशत चरितार्थ हो रही हैं :
वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग। बाँटन वारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।
कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की सुपरिटेंडेंट ऑफिसर बीना दीक्षित, जीजीवी श्रवण लाइन योजना की प्रभारी डॉ. अर्चना यादव, जीजीवी श्रवण लाइन योजना के स्वयंसेवक सत्यम शर्मा, रागिनी विश्वकर्मा, प्रांजली साहू, उन्नति साहू, गीतिका नेताम के साथ अमरेश जैन, प्रवीण कोचर, संजय छाजेड़, आंचल जैन, अमित जैन, राजू तेजाणी, महिपाल सुराना, क्षिप्रा जैन, डॉ. मीनल जैन, डॉ अंशुमन जैन, विजय जैन, गोपाल वेलानी, अभिनव डाकलिया, ऋतु जैन, पूर्णिमा सुराणा, सुनीता जैन, विनोद लुनिया, कमल जैन, मनीष जैन, अंकित गेड़िया, स्वप्निल जैन, राकेश तेजानी, रीतेश तेजानी, भावेश गांधी, अर्चना नाहर, जय कुमार जैन, अंशुल जैन, पराग जैन, अनिता जैन एवं नागरिक और दिव्यांग लाभार्थी उपस्थित रहे।
