मुफ्त शव वाहन की शुरुवात जनपद सदस्य अश्वनी यदु की पहल
कई बार दिन भर रखी रहती थी डेट बॉडी, पोस्टमार्डम हेतु ले जाने नहीं मिलता था शव वाहन, अब मिलेगी सुविधा
कवर्धा-कहते हैं की महिलाओं के लिए सबसे बड़ी पीड़ा प्रसव पीड़ा होती है लेकीन उससे भी बड़ी पीड़ा है जब कोई घर का चिराग इस दुनियां से चला जाये और अन्तिम समय में पोस्टमार्टम कराने हेतू गाड़ी ना मिले तो यह पीड़ा असहनीय है उस परिवार का क्या होता होगा, एक माता पिता पर क्या गुजरती होगी जब लाख कोशिशों के बाद गाड़ी ना मिले और घर का चिराग सुविधा के आभाव में दम तोड दे जनपद पंचायत पंडरिया के सभापति एंव अजीत जोगी युवा मोर्चा के कवर्धा ज़िला अध्यक्ष अश्वनी यदु ने कहा की कई बार हमने देखा है की दुर्घटना में या आत्महत्या करने पर किसी साथी की मृत्यु हो जाये और गाड़ी उपलब्ध ना हो तो उससे बड़ी पीड़ा कुछ नहीं,आगे अश्वनी यदु ने कहा की एक बार दामापुर क्षेत्र के युवा साथी सुबह लगभग 8 बजे के आस पास फांसी लगाकर आत्म हत्या कर लिया था सुबह से शाम हो गई लेकिन गाड़ी नहीं मिली हद तो तब हो गई जब वाहन शाम को आया जिसका चार्ज दस हजार रुपया लगा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार उस पैसा को देने भी सक्षम नहीं था, उस पल वहां खड़े सभी को अंदर से झकझोर दिया पूरे दिन उस बालक के माता पिता उसकी बहन रो रोकर कई बार बेहोश हुई दिन भर भयानक दर्द भरा पल रहा अन्तिम समय में अपने जिगर के टुकड़े को गाड़ी नसीब नहीं होते देख जो दर्द उस माता पिता के चेहरे में था उस दर्द को कोई भी पढ़ सकता था उस घटना के बाद लगा की क्षेत्र में एक वाहन की व्यवस्था करना अति आवश्यक है ताकी अन्तिम समय में किसी के मां बाप भटके ना उसके बाद ही शव वाहन चालू करने का ख्याल आया जो आज से शुरु हो रहा है वैसे ही एक घटना जहां एक 26 वर्षीय युवा साथी का बिजली करेंट लगने से मौत हो गया जो सक्षम तो था कितना पैसा भी लगे वो देनें को तैयार था बस वो अपने बच्चे को पोस्टमार्डम कराने जल्दी से जल्दी ले जाना चाहता था लेकिन दुर्भाग्य से दोपहर हो गई और यहां भी गाड़ी नहीं मिली मजबूरी वस पंडरिया 30-35 किलोमीटर ट्रैक्टर से उक्त युवक को ले जाया गया ऐसी कई घटना है गाड़ी के आभाव में डेट बॉडी दिन भर घर में ही रखी रही बस यही सब घटना को देख कर इस कार्य हेतु ख्याल आया आज से कुंडा दामापुर एंव पूरे जिले के लिये यह वाहन उपलब्ध रहेगा आगे अश्वनी यदु ने कहा की जवान बेटे का बॉडी दिन भर रखाया रहे इससे बड़ा दुःख कुछ नहीं अब हमारी कोशिश है की ऐसे तकलीफ को थोड़ा कम किया जाये अब आने वाले समय में स्वास्थ्य गत कारणों में वाहन की कमी नहीं होगी
