डॉ खूबचंद बघेल की 123 वी जन्म जयंती पर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय में व्याख्यान का आयोजन : विश्वविद्यालय में खूबचंद बघेल की जन्म जयंती पर व्याख्यान का आयोजन हुआ कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सुरेश चंद्राकर जीथे आपने खूबचंद बघेल जी के छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा की बघेल जी ने छत्तीसगढ़ में कुरीतियों को खत्म करने में अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है छत्तीसगढ़ी के संबंध में बघेल जी ने कहा कि जो छत्तीसगढ़ के हित में अपना हित समझता है छत्तीसगढ़ के मान सम्मान को अपना मान सम्मान समझता है और छत्तीसगढ़ के अपमान को अपना अपमान समझता है वही छत्तीसगढ़िया है ,चाहे वह किसी भी धर्म प्रांत और जाति का क्यों ना हो छत्तीसगढ़ के सामाजिक बदलाव में आपने दो महत्वपूर्ण आंदोलन का सूत्रपात किया थाl पंक्ति तोड़ो आंदोलन और किसबिन नाच की कुप्रथा को छत्तीसगढ़ से समाप्त किया बघेल जी की साहित्य में रुचि थी उनके साहित्य में छत्तीसगढ़िया ताना-बाना परिलक्षित होता है आप ने अपने नाटक ऊंच-नीच, जरनैल सिंह ,भारत माता ,में उस समय के कुरीतियों पर प्रहार किया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमोद नायक ने अपने उदबोधन में कहा की छत्तीसगढ़ मे उस समय मे व्याप्त ऊच नीच की भावना को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया था l छत्तीसगढ़ी मूल रूप से उनकी सोच थी आज छत्तीसगढ़ उनके विचार को अपना कर आगे बढ़ रहा है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्व विद्यालय के कुलपति आचार्य ए डी एन वाजपेई जी ने कहा की आज बघेल जी के विचारो को आत्म सात करने की जरूरत है यही वजह की विश्वविद्यालय में डा खूबचंद बघेल शोध पीठ की स्थापना की गई है विश्वविद्यालय को समाज के साथ जोड़ने का प्रयास उसी का एक हिस्सा है l आज का यह आयोजन छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया व्याख्यान श्रृंखला का एक कड़ी है, खूबचंद बघेल के सपनों को पूरा करने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है छत्तीसगढ़ की कल्पना पूर्व से ही सीपी और बरार राज्य के समय से ही थी बघेल जी तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों तो विसंगतियों को दूर करने के लिए पूरे जीवन भर संघर्ष किया था l आज के समय में कुरीतियों के स्वरूप में बदलाव आया है यह बदलाव प्रशासन, राजनीति, विश्वविद्यालय ,और अन्य संस्थाओं के पदानुक्रम में भी देखने को मिलता है ,तत्कालीन परिस्थितियों में हम आलोचना कर सकते थे चाहे ओ भाषा के नाम हो विकास के नाम पर हो धर्म के नाम पर हो राजनीति और संस्कृति के नाम पर आज हमें एकजुट होने की आवश्यकता हैl खूबचंद बघेल जी का मानना था की छत्तीसगढ़ कमजोर होगा तो भारत माता कमजोर होगी और छत्तीसगढ़ मजबूत होगा भारत माता भी मजबूत होगी l कुछ व्यक्तियों पर राजनीति नहीं होना चाहिए हमे खूबचंद बघेल के विचारों को आगे बढ़ाना है छत्तीसगढ़ के विकास के लिए यहां के युवाओं को केंद्रीय सेवा में आने की जरूरत है विशेष करके यूपीएससी की सेवाओं में छत्तीसगढ़ के युवाओं सहभागिता नगण्य है फिर भी बहुत निराश होने की जरूरत नहीं है खुशी की बात है की चंद्रयान मिशनमें छत्तीसगढ़ के युवा भी शामिल थे और हमें आज के समाज में व्याप्त कुरीतियों के बारे में सोचना होगा और उसे खत्म करने के लिए एक जुट होना होगा और संकल्प लेना होगा कि हम उसे दूर करने का प्रयास करेंगे कार्यक्रम का संचालन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो एच एस होता ने किया, कार्यक्रम का विषय वस्तु रा से यो कार्यक्रम समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा ने रखा इस कार्यक्रम नेत्र रोग विशेषज्ञ एल सी मढ़रिया भुवन वर्मा हरियर ऑक्सी जोन के सदस्य और कुल सचिव श्री शैलेन्द्र दुबे, परीक्षा नियंत्रक डॉ टीडी दीवान कुलसचिव नेहा राठौर सहायक कुलसचिव फकरुदीन कुरैशी रामेश्वर राठौड़ प्रो सुमोना भट्टाचार्य सौमित्र तिवारी लतिका भाटिया कार्यक्रम के संयोजक धर्मेंद्र कश्यप एवं विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के समस्त शिक्षक और अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे
