जैन श्वेतांबर तेरापंथी का वैशाली नगर एवं स्थानकवासी जैन का जैन भवन टिकरापारा में पर्वधिराज पर्युषण महापर्व शुरू

जैन श्वेतांबर तेरापंथी का वैशाली नगर एवं स्थानकवासी जैन का जैन भवन टिकरापारा में पर्वधिराज पर्युषण महापर्व शुरू

 

बिलासपुर। जैनों का महापर्व पर्युषण पर्व का आज पहला दिवस है आज सुबह से ही समाज के सभी श्रावक एवं श्राविकाएं, बालक एवं बालिकाएं बड़े हिस्सा से इस महापर्व के स्वागत के लिए तैयार थे सभी ने बहुत ही उत्साह के साथ इस पर्व के आगमन पर प्रार्थना एवं भगवान द्वारा आगम का पतन किया साथ ही पर्युषण महापर्व तब और त्याग का, अहिंसा और प्यार का, सेवा और सहयोग का, पाप कर्म का नाश करने का, आध्यात्म से मोक्ष प्राप्त करने का पर्व माना जाता है।
*गुजराती जैन समाज का जैन भवन टिकरापारा* में समाज के लोगों द्वारा तप और साधना के इस पर्व पर श्रीमती भाविका बेन तेजाणी को आज नौवां उपवास और कुमारी हीर कपाड़िया को पांचवा उपवास है । समाज के सभी लोगों के द्वारा महावीर प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि उनको इस उपवास को पूरा करने हेतु शक्ति एवं साधना देवे ।
आज अहमदाबाद की दो बहने स्मिता बेन सुरेंद्रनगर से और लीना बेन वलसाड द्वारा पर्यूषण पर्व की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया और इस पर्व के महत्व को बताया गया जिसे सभी सुनकर आत्मविभोर हो गए।
व्याख्यान में समाज के अध्यक्ष भगवान दास सुतारिया, खुशाल भाई तेजणी, किशोर देसाई, केतन सुतारिया ,राकेश तेजणी, नरेंद्र तेजणी, गोपाल वेलाणी,कीर्ति गांधी, शोभना सुतारिया, पारुल सुतारिया, छाया देसाई, ज्योत्सना तेजाणी, ज्योत्सना जैन, भाविका तेजणी हेमा तेजाणी, सुधा गांधी, लता देसाई, खुशबू देसाई एवं समाज के अन्य सभी उपस्थित थे।

*श्री जैन तेरापंथ समाज*
वैशाली नगर निवासी हुल्लास चंद गोलछा के निवास में आज से पर्वाधिराज महापर्व पर्यूषण प्रारंभ हुआ।
गुरूकृपा से उपासक द्वय दिनेश कोठारी और जयंतीलाल बरलोटा का बिलासपुर में पर्युषण करवाने के लिए शुभागमन हुआ। उन्होंने आज परम पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री महाश्रमणजी की आज्ञा से नवकार मंत्र के जाप के साथ पर्युषण पर्व का शुभारम्भ किया । अध्यक्ष सुरेंद्र मालू जैन ने दोनों उपासकों का स्वागत किया। स्वागत गीत बहिन श्रीमती अंजू गोलछा द्वारा प्रस्तुत किया गया। बाद में सहयोगी उपासक जयंतीलाल ने विभिन्न उदाहरणों और कथानकों के माध्यम से पर्युषण में आध्यात्मिक गतिविधियाँ करने की प्रेरणा दी। आज ख़ाध्य-संयम दिवस है अतः आहार-संयम की प्रेरणा दी। कैसे एक राजा आम का अति सेवन करने से मृत्यु प्राप्त करता है। अतः आहार का संयम करें। बाद में प्रवक्ता उपासक दिनेश कोठारी ने बताया क़ि पर्युषण जैनों के लिए महापर्व है। इस महापर्व में अपनी शक्ति के अनुसार आध्यात्मिक साधना कर के मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है। छोटे-छोटे व्रत भी बहुत लाभकारी हैं। कूरगडुक मुनि के उदाहरण से समझाया की छोटे व्रत और ऊँची भावना से भी केवल ज्ञान और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। भगवान महावीर ने सधना के अनेक रास्ते बताए हैं अतः अपनी रुचि के अनुसार साधना करते हुए मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ें। पर्युषण में आए हुए उपासकों का ज़्यादा से ज़्यादा लाभ लें और ज़्यादा से ज़्यादा व्यक्तियों को प्रेरणा देकर प्रवचन आदि दैनिक कार्यक्रमों में जोड़ें। उपासक दिनेश कोठारी विगत 30 वर्षों से वर्षी तप कर रहे है इसमें एक दिन छोड़कर एक दिन उपवास किया जाता है, आज श्रीमती अर्चना नाहर के उपवास का 10 वा दिन था,श्रीमती ललिका जैन के मौन व्रत एवं विनोद लूनिया, विपुल गोलछा, श्रीमती कमला दुग्गड़, निकिता गोलछा के द्वारा उपवास रखा गया और समाज के अधिकांश लोगों द्वारा खाद्य संयम रखा गया ।
इस अवसर पर भीखम दुग्गड़, रमेश नाहर, चंद्र प्रकाश बोथरा, अमित बोथरा, इंदर चंद बैद, मनोज धारीवाल, पुनीत दुग्गड़, कन्हैयालाल बोथरा, मेहुल छल्लानी, बिनोद लूनिया, शीला छल्लानी, नीतू जैन, कमला दुग्गड़, भारती भंसाली, सारिका नाहर, भावना जैन, ललिका जैन, संगीता जैन, कांवरी जैन, कुसुम लूनिया, अर्चना नाहर, सोनम नाहर, अंजू गोलछा, निकिता गोलछा सहित समाज के लोग उपस्थित थे

*खाद्य संयम दिवस*
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मंगलवार को खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया इस दिन जैन परिवारों के घर में तब तपस्या हुई जिसमें चौविहार उपवास, उपवास, एकाशन, कम से कम द्रव्यों का भोग , 9 से ज्यादा द्रव्य का उपयोग नहीं किया।