केबिनेट बैठक से कर्मचारियों एवम पेंशनरों को मिली निराशा
*चुनाव आयोग के अनुमति के बाद आज तक कर्मचारियों पेंशनरों का क्यों नही हुआ डीए डीआर का आदेश*
मुख्यसचिव से जवाब तलब होना चाहिए – वीरेन्द्र नामदेव
भाजपा सरकार के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहली बार पूरी केबिनेट बैठक हो गई। इसमें जुलाई 23 से 4%प्रतिशत लम्बित डीए डीआर पर निर्णय नही होने से प्रदेश के कर्मचारियों एवम पेंशनरों को निराशा हुई है, क्योंकि निर्वाचन आयोग से मंजूरी मिलने,वित्त विभाग से फाइल क्लियर होने के बावजूद केवल माननीय मुख्यमंत्री महोदय से नस्ती में स्वीकृति मिलते ही महंगाई भत्ता मिल जाता,लेकिन सन्देह है कि मुख्यसचिव महोदय ने राज्य की वित्तीय स्थिति का ऐसा प्रस्तुतिकरण किया होगा कि सब कुछ धरा का धरा रह गया,पता नही कर्मचारियों और पेंशनरों के दिन कब बहुरेंगे। नये मुख्यमंत्री कह रहे हैं मोदी जी गारंटी है सभी वायदे पांच साल में पूरे किए जाएंगे। यही भाषा 5 साल में वादा पूरी करने की बात पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कहते हुए पूरा 5 साल निकाल दिए। इसी कारण चुनाव भी हार गए।
जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा, प्रदेश महामंत्री अनिल गोल्हानी, लोचन पाण्डे,बी एल यादव, नरसिंग राम, बी एस दसमेर,आर जी बोहरे आदि ने संयुक्त विज्ञप्ति में विधान सभा चुनाव के घोषणा पत्र में दिए गए वादा पूरा करे और केन्द्र सरकार द्वारा घोषित डीए डीआर की बकाया किस्त देने मामले को स्वयं संज्ञान में लेकर मुख्य सचिव से जवाब तलब करे कि आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग से कर्मचारियों व पेंशनरों को डीए डीआर देने के अनुमति के बाद भी उनके लिए आदेश पारित क्यों नही किया गया और बिना अनुमति
आईएएस – आईपीएस केडर ने अपने आदेश कैसे जारी कर लिए,इस पर पूछताछ जरूर होनी चाहिए
वीरेन्द्र नामदेव
9826111421

