तीन दोस्तों की अनोखी कहानी जिसमें संघर्ष समाज सेवा और राजनीति में पदार्पण एक साथ

मित्रता दिवस के अवसर पर आज हम बात करेंगे रविबरगाह,राजेश शेंडे व विक्की यादव से रवि की जुबानी
वैसे तो सभी के पास कोई ना कोई मित्र होता है; किंतु कुछ मित्र वास्तव में मित्रता की परिभाषा बन जाते हैं।
आज से २२ वर्ष पूर्व बारहवीं कक्षा के अंतिम दिनों में मेरी मुलाक़ात राजेश भाई से हुई, तब मैं सोचा भी नहीं था कि हमारी मित्रता इतने वर्षों तक ऐसे ही बनी रहेगी जैसे उस वक़्त थी। उस वक्त की यदि बात करूँ तब मैं आर्थिक रूप से कमजोर लड़का था और राजेश भाई पारिवारिक दायित्व का निर्वाह करने वाले अच्छे सुपुत्र….संघर्षशील, सतत संघर्षशील लड़के थे…मैं उनके प्रत्येक संघर्ष का साक्षी हूँ। याद है मुझे जब उन्होंने अपनी पहली सेकंड हैंड बाइक ख़रीदी थी और किस प्रकार से अपना एक छोटा सा व्यवसाय प्रारम्भ कियाथा…और उस व्यवसाय से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा वो किस प्रकार मेरे मौज मस्ती में सहर्ष खर्च कर दिया करते थे..हम थे फ़ाकेमस्त साहब और उस दौर में वह मुझे यह कहते थे कि जब आप कमाने लगे रवि जी तब आप खर्च कीजिएगा, अभी मुझे कर लेने दीजिए। मित्रता के मायने मुझे राजेश भाई ने ही समझाए कि मित्र ही एक ऐसा व्यक्ति होता है जो लाभ-हानि से ऊपर उठकर आपके प्रत्येक समस्या में फिर चाहे आप ग़लत ही क्यों ना हों आपके साथ खड़ा रहता है।
वर्ष बीतते गए और बीतते वर्षों में मित्रता यौवन को प्राप्त होने लगी; फिर एक वक़्त आया जब इन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया..चार बार मन बनाया, और इनके प्रत्येक चुनाव में मैंने भी अपना परिश्रम दिया और परिश्रम के बदले शुल्क निर्धारित किया कि प्रत्येक दिवस की कैनवासिंग के बाद आप मुझे एक कप कड़क चाय पिलाएँगे…हम कैनवासिंग करते और थक कर चाय पीते, वैसी अमूल्य चाय शायद ही मैंने कभी फिर पी होगी। दुर्भाग्य से प्रत्येक चुनाव में राजेश भाई को किन्ही कारणों से पराजय मिली और इनके प्रत्येक पराजय में मैंनेसम्बल देने का दायित्व सम्भाला। दृढ़निश्चयता ऐसी इनकी के ये फिर दुगुने उत्साह से उठ खड़े होते। इन्हीं सब के बीच उन्होंने मेरा घर अपने घर के बग़ल में बनवाने का सुझाव दिया जिसे मैंने सहर्ष स्वीकार करते हुए उनका मित्र होने के साथ-साथ पड़ोसी बनना भी तय किया, आज हम निकट रहते हैं। तय यह भी किया कि दोनों मकानों को फ़्लाईओवर से जोड़कर एक-दूसरे के छत पर आया जाया करें; ताकि गप्प-सड़ाके देर रात लगते रहे।
ख़ैर! इससे इतर, कुछ वर्ष पूर्व मेरे मन में विचार आया कि समाजहित में भी हमें कुछ मानवतापूर्ण सहयोग करना चाहिए। मैंने राजेश भाई व मेरे एक और अतिशय प्रिय मित्र विक्की यादव से इस विषय में चर्चा की, हर बार की तरह इन्होंने मुझे इस पुनीत कार्य में भी सहयोग देना सुनिश्चित किया और आज तक यह दोनों मेरे प्रत्येक ऐसे निर्णय में अपना सहयोग देते आ रहे हैं जिसमें समाज का कुछ भी सहयोग होता है।
इतने बातों के बीच एक नाम का उल्लेख यदि ना करूँ तो यह मेरे उस मित्र के साथ अन्याय होगा जिन्होंने मेरे प्रत्येक सुख-दुःख में निस्वार्थ भाव सहयोग किया।विक्की यादव….एक ऐसा नाम जिनके बिना मेरा मैत्री जीवन अपूर्ण है; पहले पहल आप थोड़ा क्रोधी स्वभाव के थे। उलझने की मानो इनको आदत-सी हो। एक लम्बे समय तक मैंने इनको समझाया…और हर बार एक नई समस्या सामने आती। विवाहोपराँत कुछ परिवर्तन आया। और इधर, मैं लगातार इनको कहता कि सामाजिक दायित्व की पूर्ति तभी सम्भव है; जब हम स्वयं अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएँगे। परिश्रम करना पड़ा; किंतु जिनके हृदय में मृदुलता हो वह अपने स्वभाव में वापस लौट ही आता है, आख़िरकार विक्की भाई ने मेरी पीड़ा को समझा और सारी बुरी आदतों का त्याग कर दिया। इससे बड़ा उपहार एक मित्र दूसरे मित्र को क्या दे सकता है; जो विक्की यादव ने मुझे दिया। आज वे भाजपा किसान मोर्चा में मंडल मंत्री हैं। आपका ध्यान इस ओर भी ले जाना चाहूँगा कि ऐसा नहीं है कि हमारे बीच कभी विरोधाभास नहीं हुआ; कभी-कभी तो विरोध अपने चरम में पहुँच जाता और मुझे दबाव में अपना निर्णय वापस लेना पड़ जाता थाजिनसे ये दोनों महानुभाव सहमत नहीं होते थे।सब ठीक-ठाक चलता रहा; मैं अपने काम और समाजसेवा में व्यस्त रहा और तभी विक्की यादव जी ने मुझसे कहा कि — समाजसेवा को वृहत रूप यदि आपको देना है, तो रवि भाई आपको राजनीति में आना ही पड़ेगा। मैंने उनके इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया; लेकिन विक्की भाई नहीं माने, पूरे एक वर्ष तक मुझे समझाने में खपा दिए; परंतु मित्रता कब अपना हठ छोड़ती है। मुझे आख़िरकार राजनीति में ले ही आए; किंतु मैं अकेले नहीं आया। मैंने भी राजेश भाई को अपने साथ राजनीति के ओखली में सिर देने के लिए पकड़ लाया।
आज हम तीनों भाजपा के सदस्य हैं..
मित्रता आज भी यौवन पर है…
समाजसेवा आज भी जारी है।इनकी मित्रता के प्रतिसाद में मैं इनको केवल धन्यवाद ही लौटा पाता हूँ।*मित्रता दिवस की शुभकामनाएँ मित्रों!*