देवरी खुर्द में भी कच्ची प्लाटिंग बदस्तूर जारी, जनता के गाढ़ी कमाई का हो रहा बंदरबाट
ऐसे ही मामलों में तोरवा क्षेत्र के भू माफिया की जमानत याचिका हुई है खारिज
मोपका-सेंदरी में 91 लाख की ठगी का FIR तक नहीं, सिविल लाइन में फर्जी मुख्तियारनामा से हड़पी जमीन; पंजीयन और राजस्व विभाग कठघरे में
बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर में भू-माफियाओं का सिंडिकेट बेखौफ होकर ‘खुला खेल’ खेल रहा है। फर्जी दस्तावेजों, कूटरचित रजिस्ट्रीयों और यहां तक कि नकली मुख्तियारनामा के ज़रिए आम लोगों की खून-पसीने की कमाई और करोड़ों रुपए की ज़मीनों पर डाका डाला जा रहा है। हाल ही में सामने आए दो सनसनीखेज मामलों ने प्रशासन की लचर व्यवस्था और माफियाओं की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका खुलासा किया है।
पहला मामला मोपका-सेंदरी बाइपास रोड से जुड़ा है, जहां चार लोगों से ज़मीन बेचने के नाम पर सीधे-सीधे 91 लाख रुपए की बड़ी ठगी की गई। शातिर ठगों – साजिद खान, अंकित मिश्रा, गिरीश मौर्य, सतीश अग्रवाल और हरिश अग्रवाल – ने न केवल फर्जी दस्तावेज दिखाए, बल्कि फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करवा दी। पीड़ित संजीत कुमार और तीन अन्य ने कुल 91 लाख रुपए गंवा दिए। हैरानी की बात यह है कि एसएसपी के निर्देश के बावजूद, इस हाई-प्रोफाइल मामले में अभी तक सरकंडा थाने में FIR तक दर्ज नहीं हुई है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
दूसरा मामला सिविल लाइन क्षेत्र जरहाभांठा का है, जहां ‘भू-माफिया’ ने जालसाजी की सारी हदें पार कर दीं। दूसरे की ज़मीन हड़पने के लिए बाकायदा माया देवी के नाम पर दूसरी महिला का फर्जी आधार कार्ड बनवाया, पंजीयन कार्यालय में फर्जी दस्तावेजों के साथ उसे पेश कर फर्जी मुख्तियारनामा हासिल किया। फिर फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार कर उमेंद्र राम भार्गव की खरीदी हुई ज़मीन सुषमा गुप्ता और अरविंद गुप्ता को रजिस्ट्री कर दी। कलेक्टर के निर्देश पर जांच हुई तब जाकर इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और सिविल लाइन थाने में भूमाफिया व अन्य पर मामला दर्ज हुआ।
इन घटनाओं से साफ है कि बिलासपुर में भू-माफियाओं की सक्रियता चरम पर है।
इधर देवरी खुर्द के बूटापारा और दोमुहानी ,विजय नगर, सतबहनिया मंदिर जैसे क्षेत्रों में कच्ची और अवैध प्लाटिंग का काम भी धड़ल्ले से जारी है,
चिंताजनक बात यह है कि विष्णु के सुशासन पर बट्टा लगाने वाले ये कौन से राजस्व अधिकारी हैं जिनकी छत्र छाया में जनता की गाढ़ी कमाई का बंदर बांट खुले आम हो रहा है
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि क्षेत्र में भू माफिया को राजस्व अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते पूरे क्षेत्र में कच्ची प्लाटिंग का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है ।
बिलासपुर में जल्द ही अवैध कारोबारियों पर कलेक्टर की गाज गिरनी तय मानी जा रही है सुशासन तिहार के बाद जल्द ही रुकी हुई कार्यवाही पुनः प्रारंभ हो जाएगी।
