बिलासपुर— शिक्षा विभाग का संभागीय कार्यालय बिलासपुर में पदस्थ जेडी आर पी आदित्य, डीईओ बिलासपुर अनिल तिवारी एवं बी ई ओ तखतपुर कामेश्वर वैरागी की मनमानी के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने, स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में शासन के नियम के विरुद्ध कार्यवाही एवं पक्षपात पूर्ण कार्यवाही कर शिक्षकों को प्रताड़ित करने, शिक्षक श्याम मूरत कौशिक का पूर्ण पेंशन राशि का भुगतान विगत 7 वर्षों से नहीं कराने, जेडी शिक्षा संभाग बिलासपुर में पदस्थ सहायक संचालक मुकेश मिश्रा ने शराब के नशे में धुत होकर कार्यालय में उपस्थित महिला एवं पुरुष शिक्षकों के साथ जमकर गाली-गलौज और दुर्व्यवहार किया। यही नहीं, उन्होंने शासन-प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के प्रति भी आपत्तिजनक व अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया, जिससे शिक्षा विभाग की गरिमा को ठेस पहुँची है।
गंभीर बात यह है कि घटना को कई दिन बीतने के बाद भी अब तक विभागीय प्रमुख संयुक्त संचालक (जेडी) शिक्षा विभाग द्वारा आरोपी के खिलाफ न तो एफआईआर दर्ज कराई गई है और न ही कोई विभागीय कार्रवाई की गई है। इस पूरे मामले में विभागीय चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग में चर्चा का विषय यह भी है कि यदि इसी तरह की हरकत किसी सामान्य शिक्षक या कर्मचारी द्वारा की जाती, तो उसके खिलाफ तत्काल सस्पेंशन और एफआईआर की कार्रवाई हो जाती। लेकिन उच्च पदस्थ अधिकारी होने के कारण आरोपी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना पक्षपात और संरक्षण का संकेत देता है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष छग कर्मचारी संघ बिलासपुर श्याम मूरत कौशिक ने इस पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि यदि इस मामले में 3 दिनों के भीतर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो किसान मजदूर छात्र शिक्षक बेरोजगार महासंघ बिलासपुर 30 जून सोमवार को जेडी शिक्षा कार्यालय बिलासपुर के सामने आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी आज लिखित जानकारी भी जेडी, कलेक्टर,sp,sdm एवं थाना प्रभारी तारबाहर थाना को भी दे दिया गया है।उन्होंने संयुक्त संचालक से मांग की है कि हमारे द्वारा प्रेषित शिकायत अनुसार 7 सालों से लंबित पेंशन राशि का भुगतान,डीईओ बिलासपुर beo तखतपुर के खिलाफ जांच कार्यवाही एवं शिक्षक संगठनों शिक्षकों के शिकायत आवेदन पर युक्तियुक्तकरण मामले में एवं आरोपी सहायक संचालक के विरुद्ध तुरंत कठोर कानूनी व विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए ताकि विभागीय गरिमा बनी रहे।
विभागीय सूत्रों के अनुसार यह पहला मामला है जब शिक्षा विभाग के सबसे बड़े संभागीय कार्यालय में इस तरह की घटना हुई है। शासन-प्रशासन की चुप्पी पर अब शिक्षक संगठन भी नाराजगी जता रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग बिलासपुर के अधिकारियों की मनमानी एवं शर्मनाक घटना पर कब तक कार्रवाई करता है या फिर इसे भी दबाने की कोशिश की जाएगी। क्योंकि कलेक्टर बिलासपुर से मिलकर शिकायत करने पर दो टूक जवाब देते है कि मै कोई कार्यवाही नहीं कर सकता आप लोग इसकी शिकायत रायपुर में डायरेक्टर के पास कीजिए। इसीलिए बिलासपुर के शिक्षा विभाग के जेडी डीईओ एवं बी ई ओ की मनमानी बढ़ते हुए जा रही है और शिक्षक लोग परेशान एवम प्रताड़ित हो रहे है।
