दिनांक30जून 25 सोमवार को जेडी शिक्षा कार्यालय बिलासपुर के सामने धरना प्रदर्शन कर 12 बिंदुओं पर कार्यवाही हेतु छग शासन के राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं सचिव स्कूल शिक्षा विभाग रायपुर के नाम तहसीलदार बिलासपुर जेडी को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में मांग किया गया है कि 15 दिनों में कार्यवाही नहीं होने पर संगठन पुनः उग्र आंदोलन करने हेतु बाध्य होगा।
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शिक्षा विभाग बिलासपुर के अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ 30 जून को 12 से 02 बजे तक जेडी शिक्षा कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन, कार्रवाई नहीं होने पर शिक्षकों , किसान मजदूर महासंघ,शिक्षक संगठनों में आक्रोश
बिलासपुर,
बिलासपुर संभागीय शिक्षा विभाग में संयुक्त संचालक (जेडी), डीईओ एवं बीईओ की मनमानी और जिला प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में शिक्षक संगठन 30 जून को धरना प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन जेडी शिक्षा कार्यालय घोड़ादाना स्कूल तारबाहर के समक्ष दोपहर12 बजे से 02 बजे तक किया जाएगा। धरना के बाद ज्ञापन सौंपा गया।
धरना पश्चात तहसीलदार बिलासपुर के समक्ष जेडी शिक्षा संभाग बिलासपुर से प्रतिनिधि मंडल ने भेंट कर सभी बिंदुओं पर जेडी आर पी आदित्य से चर्चा हुई है। चर्चा में पेंशन भुगतान एवं डीईओ beo के विरुद्ध जांच एवं शीघ्र कार्यवाहीं करने की बात कही और मुकेश मिश्रा सहायक संचालक के खिलाफ कार्यवाही एवं युक्तियुक्त करण में गड़बड़ियों के बिन्दुओं पर कार्यवाही करने हेतु गोल मोल जवाब दिया गया। महामहिम राज्यपाल मुख्यमंत्री एवं सचिव स्कूल शिक्षा विभाग रायपुर को दिए गए ज्ञापन के सभी 12 बिंदुओं पर यदि 15 दिनों तक कोई संतोष जनक कार्यवाही नहीं हुई तो फिर से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
आज के धरना प्रदर्शन को किसान मजदूर छात्र शिक्षक बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष श्याम मूरत कौशिक,gss के अध्यक्ष लखन सुबोध, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष आशा सुबोध, महिला कुर्मी समाज जिलाध्यक्ष एवं कांग्रेस नेत्री प्रीति पाटनवार, कुर्मी जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र वर्मा,उप संयोजक सालिक यादव, सलाहकार अंबिका कौशिक, सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद आसिफ भाभा, डा रघु साहू, लोक कलाकार, लखन खांडे, ओबीसी नेता अजय राय, सीपीएम नेता सुखऊ निषाद, गणेश निषाद,gss के अजय अनंत, वीरेंद्र भारद्वाज,किसान नेता भोला राम साहू,पूर्व कर्मचारी नेता रामकुमार कौशिक ने संबोधित किया। इस अवसर पर, अजय अनंत, वीरेंद्र भारद्वाज,नत्थू गिरी गोस्वामी,कुर्मी समाज संरक्षक गौरी शंकर कौशिक, स्नेहिल सिंह मसीह, विनोद खांडे, डा संतोष साहू, हरि शंकर साहू, दीपक कौशिक, शैलेन्द्र कौशिक,अनीता कौशिक, प्रभु साहू आदि उपस्थित रहे।
धरना प्रदर्शन का निर्णय तब लिया गया जब आंदोलन की पूर्व चेतावनी के बावजूद विभागीय प्रमुखों ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया है कि स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में नियमों को दरकिनार कर पक्षपातपूर्ण व मनमानीपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे शिक्षकों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है।
मुख्य मांग और आरोप ये है ~
शिक्षक श्याम मूरत कौशिक की 7 वर्षों से लंबित पेंशन राशि का भुगतान नहीं किया गया।
डीईओ बिलासपुर द्वारा निलंबन और बहाली को प्रताड़ना व दबाव का हथियार बनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 18 स्कूलों में स्वीकृत अतिरिक्त कक्ष निर्माण की फाइल को डीईओ बिलासपुर द्वारा दबा कर रखने के कारण कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस के बाद कोई कार्यवाही नहीं होना।
पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर मामलों में आरोपी शिक्षकों को बहाल किया जा रहा है जबकि अन्य मामलों में पक्षपात किया जा रहा है।
संलग्नीकरण वाले कर्मचारियों को मूल कार्यालय में वापस नहीं भेजा जा रहा है।
सहायक संचालक मुकेश मिश्रा द्वारा शराब के नशे में शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार, गाली-गलौज और दुर्व्यवहार किया गया, साथ ही शासन व विभागीय अधिकारियों के प्रति भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया। बावजूद इसके, न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही विभागीय कार्रवाई की गई। यही हरकत यदि कोई शिक्षक या तृतीय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के द्वारा किए जाए होती तो ये अधिकारी तुरंत fir कर जेल भेज कर निलंबित कर दिए होते। इस तरह से भेदभाव पूर्ण कार्यवाही के खिलाफ भी ये धरना प्रदर्शन है।

किसान मजदूर छात्र शिक्षक बेरोजगार महासंघ बिलासपुर के अध्यक्ष,पूर्व जिला अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मूरत कौशिक ने कहा कि — “इस मामले में आवेदन निवेदन शिकायत एवं चेतावनी के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है इसलिए संगठन के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।”
अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कब तक इस गंभीर मामले पर कार्रवाई करते हैं, या फिर मामले को दबाने की कोशिश की जाएगी। वहीं, कलेक्टर बिलासपुर द्वारा शिकायतकर्ताओं को रायपुर डायरेक्टर स्तर पर जाने की सलाह देना भी प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। लगातार बढ़ती मनमानी के कारण शिक्षक वर्ग एवं आम जनों में भारी रोष व्याप्त है। अंत में शिक्षा विभाग बिलासपुर के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हेतु नारा बाज़ी के साथ धरना प्रदर्शन ज्ञापन का समापन हुआ।
