बिलासपुर — कुछ महीना पहले हमारा परिवार के साथ पचमढ़ी घूमने जाना हुआ हालांकि यह जगह लोगों को शुरू से घूमने के लिए आकर्षित करती है यहां के खूबसूरत पहाड़ और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटन के हिसाब से बेहद ही महत्वपूर्ण है लेकिन जब आप कुछ जगहों पर घूमने जाएंगे और इन जगहों को घूमने के लिए जब आप गाइड का सहारा लेंगे तो आपको हैरानी होगी कि यहां के स्थानीय गाइड भी उस



जगह की गलत जानकारी टूरिस्ट को देते हैं आज हम बात करेंगे पिपरिया रोड़ अम्बा माई मंदिर के पीछे स्थित बेगम पैलेस की वैसे तो यह बेगम पैलेस नहीं है यह नरसिंहगढ़ की रानी ,रानी शिव कुंवर का महल है पचमढ़ी घूमने गए कई लोगों को यहां यही बताया जाता है कि यह बेगम पैलेस है जबकि कुछ ब्लॉगर एवं युटयुबर्स ने भी इसे भूतिया महल बताया है लेकिन जब हम इस महल को घूमने गए और इस महल की देखरेख कर रहे चौकीदार से जब हमने इस महल के बारे में जानकारी ली तो जो जानकारी निकल कर सामने आई वह चौंकाने वाली थी और साथ ही बेहद शर्मनाक और खेदवाली बात यह थी कि लोगों ने भी इसे बिना जाने बिना इसके इतिहास को सुने और खंगाले बिना ही इसे भूतिया महल बेगम पैलेस हांटेट महलज्ञऔर न जाने क्या-क्या कह दिया चौकीदार ने बताया कि यह नरसिंहगढ़ की रानी रानी शिव कुंवर का


महल है इनके पूर्वज बताते हैं की रानी किसी जनजाति समुदाय से थी और राजा ने उनसे विवाह किया था और उन्हें रहने के लिए अलग से यह महल जंगलों के बीच बनवाया था बहरहाल अब तो ना वह राजा रहे और ना ही वो रानी लेकिन उनके कहानी और किस्से आज भी खंडहर के रूप में जीवित खड़े हैं इस शिव कुंवर के महल में जो भी लोग घूमने आते हैं उन्होंने बहुत ही बेदर्दी से पूरी दीवारों पर खोद खोद कर अपने नाम , और गंदे मैसेज बना डाले हैं जब आप इस महल के अंदर जाएंगे तो आप देखेंगे की ईंटों से बना हुआ यह महल अब पूरी तरह खंडहर हो चुका है अंदर प्रवेश करते ही ठंडियों के लिए अंग्रेजों के समय की चिमनी यहां देख सकते हैं चारों तरफ खंमबो से बना हुआ यह महल हवादार और रोशनीदार रहा होगा ऊपर जाने के लिए यहां पर सीढ़ियां भी थी लेकिन अब यह सीढ़ियां टूट चुकी है कमरों की दीवारें भी अब टूट चुकी है महल के चारों तरफ ना कोई सुरक्षा है और ना ही कोई


व्यवस्था हालांकि इस महल पर अभी भोपाल कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और राजा साहब जो भोपाल में रहते हैं वह उसका मुकदमा लड़ रहे हैं क्योंकि यह महल अभी सरकार के अधीन है चौकीदार ने बताया कि राजा साहब बीच-बीच में इसे देखने आते रहते हैं 5 दिन पचमढ़ी रुकने के दौरान हमने इतिहास के कई पन्ने पलटे कि हमें कहीं यह पता चले कि आखिर पचमढ़ी में कब किस बेगम ने यहां राज किया था और उसका यह पैलेस रहा होगा लेकिन हमें इस दौरान ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला कि जिससे पता चल सके कि यह बेगम पैलेस रहा लेकिन जब हमने अंबा माई मंदिर के पुजारी से भी इस बारे में बात की तो उसने भी वही बताया जो हमने आपको इसके पहले इसकी कहानी सुनाई है जब आप भी पचमढ़ी घूमने जाते तो इस स्थान पर अवश्य जाये और इस बेगम पैलेस को रानी शिव कुंवर का महल बताने में सहयोग करें



