बिलासपुर । मस्तूरी पचपेड़ी में मिनी माता गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा महिला सांसद मिनीमाता की 47 वी पुण्यतिथि मनाई गई . मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बाँधी की उपस्थिति में संपन्न हुई इस पुण्यतिथि कार्यक्रम में
बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंम प्रथम महिला सांसद मिनीमाता के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ. कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मस्तूरी विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष डॉ कृष्णमूर्ति बाँधी कहा कि मिनीमाता का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. उन्होंने अस्पृश्यता, छुआछूत, वर्ण व्यवस्था आदि का विरोध किया और समाज के अंदर शिक्षा, महिला उत्थान आ दि के क्षेत्र में बढ़ चढ़कर कार्य किया.
ममतामयी मिनीमाता ने गरीबो की आवाज को संसद में रखा, उनके उद्धार व विकास के लिए आवाज बुलंद की. हम सभी समाज के ऐसे विभूति को बिलकुल भी ना भूले. उनके हरेक अच्छे कार्यों को समाज के बीच युवाओ के समक्ष रखे तब जाकर समाज के लिए उनके द्वारा किया गया त्याग सार्थक होगा. उन्होने उपस्थित महिला व पुरुषो को शिक्षा से जुड़ने के लिए अपील की साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह शस्त्र है जो समाज के युवा पीढ़ी को नई दिशा प्रदान कर सकता है. गुरुद्वारा प्रबंधन समिति का अध्यक्ष सुखराम खूंटे ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मिनीमाता का जीवन वर्णन उपस्थित जनों के समक्ष रखा
और कहा कि मिनीमाता का जीवन एक दर्शन है. तत्कालीन समाज में जब बेटियां पढ़ नहीं पाती थीं, उन्हें आज के जैसे छूट नहीं होती थीं, अनेको बंदिशे होती थीं. तब के समय में शिक्षित बनने के साथ, प्रथम महिला सांसद के रूप में चुना जाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थीं. ना केवल अपने क्षेत्र बल्कि पुरे देश भर के महिलाओ के उत्थान व विकास के मुद्दों को संसद में रखा.
मिनीमाता ने ऊंच नीच अमीर गरीब के सिद्धांत को परे कर आमजन के हित के लिए कार्य किया. कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि द्वारिका टण्डन, बूंदराम जांगड़े, चंदराम बर्मन, दिलेश, केवटराम, भूषण मधुकर, संजय जांगड़े, देवेंद्र कुर्रे, रवि मधुकर, मनहरण कौशले, लखन कौशले, धनन्जय महिंलांगे,राहुल भारद्वाज, सोमेश्वर, राकेश नवरंग आदि सतनामी समाज प्रमुख उपस्थित रहे।
