छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने कवर्धा में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। इसके बाद पड़ोसी जिलों बेमेतरा और राजनांदगांव में भी इंटरनेट बंद करा दिया गया है। आशंका है कि भड़काऊ पोस्ट की शेयरिंग को देखते हुए निर्णय लिया गया है। वहीं पुलिस टीमें वीडियो और फोटो के आधार पर दंगाइयों की पहचान करने में जुटी हैं। अब तक 70 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इसमें से 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उपद्रव फैलाने, हिंसा भड़काने और तोड़फोड़ को लेकर तीन अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। तीन दिन पहले झंडा लगाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया था।
कवर्धा में हुए बवाल पर स्थिति का जायजा लेने के लिए मस्तूरी विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी, धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल, प्रदेश किसान मोर्चा के विशेष आमंत्रित सदस्य बी पी सिंह कवर्धा के लिए रवाना हुए जहां कवर्धा पहुंचकर स्थिति का जायजा लेकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की ज्ञात हो कि 3 दिन पहले कवर्धा में इसकी शुरुआत मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से बुलाए गए बंद और रैली से हुई। लोग लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर
निकल आए और करीब 100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान पुलिस फोर्स पर भी पत्थर फेंके गए। शहर की सड़कों पर घंटों उपद्रव चलता रहा और तमाम लोग दहशत से घरों में कैद रहे। स्थिति को संभालने के पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और फिर कर्फ्यू लगा दिया गया है
