अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत आठ माह से चल रहे नित्य आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 6/11/2021 शनिवार को गूगल मीट पर *विश्व रेडियोग्राफी दिवस, भाई दूज, युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस, स्वतंत्रता सेनानी चितरंजन दास जयंती, मंगल यान 1 लॉन्च, अंतिम हिन्दू सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य बलिदान दिवस, युवा सत्याग्रही गुलाब सिंह बलिदान दिवस, इंडियन रेडक्राॅस सोसाइटी की स्थापना हुई,* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम की अध्यक्षा *डॉ अनीता अग्रवाल* ने सभी सदस्यो, अतिथियों का डिजिटल तिलक लगा पुष्प गुच्छ मनी प्लांट भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने मां लक्ष्मी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना पितरों जी की स्तुति कर कार्यक्रम का श्री गणेश किया।
उन्होंने भाई दूज की हार्दिक शुभ कामनाएं प्रेषित कर बताया भाईदूज, भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाई की कलाई में कलावा और माथे पर तिलक करके उसकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। भाई दूज की पौराणिक कथा सुनाई।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *विश्व रेडियोग्राफी दिवस* पर बताया 1895 में एक्स-रे की खोज की वर्षगांठ का प्रतीक है। इस दिन का उद्देश्य रेडियोग्राफिक इमेजिंग और थेरेपी के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है , जो रोगियों के निदान और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सुनिश्चित करना कि विकिरण को न्यूनतम आवश्यक रखा गया है, इसलिए रोगी देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया* ने मंगल यान 1 के लॉन्च के बारे में विस्तार से सरल शब्दों में सभी सदस्यों को बताता।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग* ने 6 नवंबर *युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया
किसी भी युद्ध या सशस्त्र संघर्ष में, हताहतों की गिनती हमेशा मृत और घायल सैनिकों और नागरिकों के रूप में की जाती है। वास्तव में, युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के कारण शहर और आजीविका भी नष्ट हो जाती है। पर्यावरण युद्ध का अप्रकाशित शिकार बना रहता है क्योंकि पर्यावरण पर युद्ध के प्रभाव की हमेशा उपेक्षा की जाती है।
यह दिन इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करता है कि युद्ध के प्रभाव से प्राकृतिक वातावरण कैसे बिगड़ रहा है क्योंकि युद्ध और सशस्त्र संघर्ष के कारण हुए नुकसान और विनाश के गंभीर और दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पर्यावरण पर कार्रवाई संघर्ष की रोकथाम, शांति स्थापना और शांति स्थापना रणनीतियों का हिस्सा है, क्योंकि आजीविका और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने वाले प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट कर दिए जाने पर कोई स्थायी शांति नहीं हो सकती है।5 नवंबर, 2001 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए प्रतिवर्ष 6 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया।
इसने सशस्त्र संघर्ष के जोखिम को कम करने में स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र और स्थायी रूप से प्रबंधित संसाधनों की भूमिका को मान्यता दी। और सतत विकास लक्ष्यों के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए जो महासभा के प्रस्ताव 70/1 में सूचीबद्ध हैं और हकदार हैं “ट्रांसफॉर्मिंग अवर वर्ल्ड: द 2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर विस्तार से बताया।
सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने स्वतंत्रता सेनानी चितरंजन दास की जन्म तिथि पर उन्हे नमन कर उनके संग्रश, देश प्रेम, निस्वार्थ सेवा पर प्रकाश डाल निस्वार्थ अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया।
बरद्वार इकाई की अध्यक्षा श्रीमती *ऊषा कलानोरिया* ने *अंतिम हिन्दू सम्राट हेमचंद विक्रमादित्य* बलिदान दिवस पर मंच से श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाल उनके बताए मार्गो पर चलने के लिया आहवान किया।
कार्यक्रम की वरिष्ट सदस्या *सुलोचना धनावत* ने *युवा सत्याग्रही गुलाब सिंह बलिदान दिवस* पर मंच से श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके कार्यों बलिदान के बारे में सरल शब्दों में विस्तार से बताया।
*पुष्पा अग्रवाल* ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना के बारे में बताया। रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तार से बता सभी को अवगत करवाया।
*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने आज के इतिहास केबारे में बताया।
*उमा बंसल महासचिव* ने कार्यक्रम का संचालन
कार्यक्रम की सभी सदस्य उमा बंसल, मधु अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, सुलोचना धनावत, प्रेमलता गोयल, भगवती अग्रवाल, रेखा गर्ग, रंजना गर्ग ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
