*शबरी जयंती पर बताया भगवान और भक्त की प्रेम भावना अकल्पनीय होती है_ नंदिनी चौधरी सिंगापुर*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े तेरह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 23/2/2822 बुधवार को दोपहर 3 बजे से गूगल मीट पर *भाग्यश्री, कर्ण सिंह, भारतीय राजनेता, अज़ीज़ अंसारी, भारतीय/अमेरिकन हास्य अभिनेता, बाबा हरदेव सिंह – भारत के प्रसिद्ध संत और संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक गुरु, सरदार अजीत सिंह – भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी जन्म जयंती* और *मधुबाला (जन्म 1933), विजय आनन्द (जन्म 1934), ओरलांडो ज़पाटा तामायो, क्यूबाइ नागरिक संघर्षकर्ता पुण्य तिथि* और यशोदा जयंती, शबरी जयंती पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल प्रांत अध्यक्ष ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश के छाया चित्र पर रोली अक्षत का तिलक लगा श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आरती आराधना से किया।उन्होंने अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत कर उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से आमंत्रित किया।
मुख्य अतिथि नंदिनी चौधरी सिंगापुर ने शबरी जयंती पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया हर वर्ष फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम समेत माता शबरी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि त्रेता युग में फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की सप्तमी को भगवान श्रीराम का मिलन माता शबरी से हुई थी। इस अवसर पर माता ने आश्रम में भगवान श्रीराम को स्वागत सत्कार में जूठे बेर खिलाई थी। वहीं, भगवान श्रीराम ने बड़े ही चाव से जूठे बेर खाए थे। जूठे खिलाने के पीछे प्रेम भावना छिपी थी। माता शबरी को आश्रम में भगवान श्रीराम को खिलाने हेतु कुछ नहीं मिला, तो बेसुध होकर माता दौड़ी-दौड़ी वन में गई और बेर चुनकर आई। अब माता के मन में यह कल्मष था कि बेर तो खट्टे भी होते हैं। इसके लिए माता सर्वपर्थम खुद बेर खाती थी। फिर भगवान श्रीराम को खिलाती थी। जब माता शबरी को खट्टे बेर मिलते, तो वह बेर भगवान को नहीं देती थी। यह दृश्य देख शेषनाग अवतारी लक्ष्मण अचंभित हो गए। भगवान और भक्त की यह प्रेम भावना अकल्पनीय है।
विशिष्ट अतिथि रंजना गर्ग कच्छ गुजरात से ने अपनी अभिव्यक्ति में यशोदा जयंती पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पालनहार मां यशोदा का जन्म हुआ था. नंदलाल को जन्म तो देवकी ने दिया था, लेकिन उनकी परवरिशन मां यशोदा ने की थी।
यशोदा गुप्ता कटनी मध्यप्रदेश ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया मधुबाला ( जन्म: 14 फ़रवरी 1933, दिल्ली – निधन: 23 फ़रवरी 1969, बंबई) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थी। उनके अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा जा सकता है। चेहरे द्वारा`भावाभियक्ति तथा नज़ाक़त उनकी प्रमुख विशेषतायें थीं। उनके अभिनय, प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख कर यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री है। वास्तव मे हिन्दी फ़िल्मों के समीक्षक मधुबाला के अभिनय काल को स्वर्ण युग की संज्ञा से सम्मानित करते हैं।
पूजा अग्रवाल बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया भाग्यश्री हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं और एक टेलीविज़न कलाकार हैं। उन्होंने उनकी फिल्म मैने प्यार किया के बारे में बताया और गाना प्रस्तुत किया।
डिंपल अग्रवाल अध्यक्ष सरिया ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया विजय आनन्द (22 जनवरी 1934–23 फ़रवरी 2004) हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता,निर्माता,पटकथा-लेखक,निर्देशक और सम्पादक थे। उन्होंने गाइड (1965) और जॉनी मेरा नाम (1970) फ़िल्मों में अपना योगदान दिया। वो गुरदासपुर (पंजाब ) में जन्मे थे। चेतनआनन्द,देव आनन्द, विजय आनन्द के भाई थे।
भगवती अग्रवाल अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बुधवार का पौराणिक महत्व बता पूजा की विधि बताई।
उषा कलानोरिया ने गणेश जी की आराधना के बारे मे विस्तार से बता गणेश वंदना की।
पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष रायपुर इकाई ने फागुन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी का महत्व बता भजन प्रस्तुति दी।
शीतल लाठ अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने स्वस्थ जीवन के लिए खान पान के बारे में बताया।
हेमलता बंसल कोषाध्यक्ष ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उमा बंसल महासचिव कोरबा ने संचालन करते हुए आज के इतिहास की मुख्य घटनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन की विधिवत घोषणा की गई।
कार्यक्रम में नंदिनी चौधरी, पूजा अग्रवाल, रंजना गर्ग, लाता मोदी, कमलेश बोंदिया, अंशु अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, उषा कलानोरिया, शीतल लाठ, पुष्पा अग्रवाल, हेमलता बंसल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, सुलोचना धनावत, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, शिखा गुप्ता, रजनी जिंदल, हेमलता मित्तल, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, तारा बेरीवाल, सरिता अग्रवाल ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
