अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 13 अप्रैल 2022 बुधवार को *चैत्र मास द्वादसी, जलियांवाला बाग़ हत्याकांड स्मृति दिवस, खालसा पंथ स्थापना दिवस, विश्व पार्किनसन्स दिवस, हिंदुस्तानी लाल सेना दिवस, रोंगली बिहू, बोहाग बिहू, त्रावणकोर, केरल महाराजा तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटक संगीत परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संगीतज्ञ स्वाति तिरुनल, भारत में उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत राज्यपाल के पद पर कार्यरत रहे हैरी ग्राहम हैग, भारत की पहली फिंल्म ‘श्रीपुंडलीक’ का निर्माता, फिल्मकार दादासाहब तोरणे, हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक चन्दूलाल शाह, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और लेखिका नजमा हेपतुल्ला भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध गीतकार वर्मा मलिक, तंजानिया के राष्ट्रपति रहे जूलियस नायरर, महान सेनानी राणा साँगा की जन्म तिथि* और *भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, निबन्धकार और व्यंग्यकार बाबू गुलाबराय, फ़िल्म अभिनेता बलराज साहनी का निधन 1973 को हुआ पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*अभिभावकों को अपने बच्चो के साथ दोस्ताना व्यवहार रख बचपन से उन्हें अनुशासन, समय और रिश्तों का महत्व समझा उनकी रुचि का ध्यान दे उनके लिए समय सारिणी बना पालन करने के लिए प्रोत्साहित करे समय समय पर उन्हें अच्छे काम के लिए पुरस्कृत करते रहिए@ डॉक्टर सुचिता गोयल मनोरोग विशेषज्ञ*

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत साढ़े 14 माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 13 अप्रैल 2022 बुधवार को
*चैत्र मास द्वादसी, जलियांवाला बाग़ हत्याकांड स्मृति दिवस, खालसा पंथ स्थापना दिवस, विश्व पार्किनसन्स दिवस, हिंदुस्तानी लाल सेना दिवस, रोंगली बिहू, बोहाग बिहू, त्रावणकोर, केरल महाराजा तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटक संगीत परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संगीतज्ञ स्वाति तिरुनल, भारत में उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत राज्यपाल के पद पर कार्यरत रहे हैरी ग्राहम हैग, भारत की पहली फिंल्म ‘श्रीपुंडलीक’ का निर्माता, फिल्मकार दादासाहब तोरणे, हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक चन्दूलाल शाह, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और लेखिका नजमा हेपतुल्ला भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध गीतकार वर्मा मलिक, तंजानिया के राष्ट्रपति रहे जूलियस नायरर, महान सेनानी राणा साँगा की जन्म तिथि* और *भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, निबन्धकार और व्यंग्यकार बाबू गुलाबराय, फ़िल्म अभिनेता बलराज साहनी का निधन 1973 को हुआ पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का श्री गणेश प्रांत अध्यक्ष *डॉ अनीता

अग्रवाल* ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश के दरबार में रोली अक्षत का तिलक लगा पुष्प माल्यार्पण कर फल और श्रीफल चढ़ा मंत्रोचार से दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना, पितरों जी की वंदना, गुरु वंदना से किया।अपने स्वागत उद्बोधन में उन्होंने सभी अतिथियों और सदस्यों का डिजिटल मंच पर स्वागत वंदन अभिनंदन कर प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की महत्ता को दोहराया।

*मंजू गोयल* अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने मुख्य अतिथि का संक्षिप्त जीवन परिचय सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया। ने पुष्प गुच्छ मनी प्लांट बैठकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

*मधु मित्तल रायगढ़* ने स्वागत गान से मुख्य अतिथि का स्वागत कर उन्हें उनके उद्बोधन के लिए डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

कार्यक्रम अध्यक्ष *डॉक्टर सुचिता गोयल मनोरोग विशेषज्ञ* रायगढ़ ने अपने वक्तत्व में बताया स्थितियों की विस्तृत शृंखला जो मनोभाव, सोच, और व्यवहार को प्रभावित करती है।रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत नुकसान पहुंचाने वाला मानसिक विकार, जिसमें हमेशा मन उदास रहता है या किसी भी गतिविधि में मन नहीं लगता है। यह जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों के मेल से होने वाली परेशानियों की वजह से हो सकता है। शोध से यह बात और भी सामने आ रही है कि इन कारणों से दिमाग के काम करने के तरीके में बदलाव आ सकता है।दिमाग में तंत्रिकाओं के कुछ सर्किट की गतिविधियों में परिवर्तन भी इस बदलाव का हिस्सा हो सकते हैं।
बहुत सी सामान्य बाते, लक्षण, इलाज के बारे में सरल शब्दो मे विस्तृत जानकारी साझा की। बच्चो को ऑब्जर्व करे अच्छा करे तो उन्हें प्रोत्साहित करे, अगर गलत करता है तो सजा दे घर में एक कोना पनिशमेंट कॉर्नर बनाए, बच्चो से एक अच्छा रिश्ता स्थापित करे, शुरू से अनुशासन का महत्व सिखाए, समय का सदुपयोग सिखाए, है कार्य जा समय निश्चित करे, सभी बच्चो को एक ही तरह से समझाए उसकी रुचि का ध्यान दे बच्चो को पूरा समय दे एक आदर्श प्रस्तुत करे तभी बच्चे अवसाद डिप्रेशन से दूर रहेंगे। घर में भी एक टीम बना बच्चो के साथ सामूहिक रूप से खेल, पूजा आदि करे। उन्होंने आगे बताया माता पिता को बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए,बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए, बच्चों के साथ रिलेशन बनाना चाहिए,फैमिली डिसीजन में बच्चों को शामिल करना चाहिए, बच्चों से घर के काम में सहायता लेनी चाहिए, बच्चों को अनुशासन सिखाएं, पर इसके लिमिटेशंस भी अवश्य बताए, माता-पिता बच्चो के साथ मिलकर डिसाइड करें और बच्चों को पूरा समय दें बच्चों के साथ समय बिताएं, बच्चों के सामने अपने को आदर्श रूप में प्रस्तुत करें, आप बच्चों से जो चाहते हैं अपेक्षाएं रखते है, वही वातावरण आप बच्चों को दें,अपना गुस्सा बच्चों पर कभी भी नहीं उतारे तभी खुशहाल रह बच्चे तरक्की करेंगे।

*प्रश्नोत्तरी* कार्यक्रम में उन्होंने सभी सदस्यो के प्रश्नों के एक के बाद एक उत्तर पूर्ण संतुष्टि तक दिए।

*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बाराद्वार इकाई ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर कार्यक्रम अध्यक्ष का धन्यवाद ज्ञापित किया।

*कुसुम अग्रवाल* सह कोषाध्यक्ष ने द्वादसी पर भगवान कृष्ण का ध्यान कर पूजा अर्चना आराधना कर सामूहिक कीर्तन, सतसंग करवाया।

मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* सिंगापुर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *महान सेनानी राणा साँगा* जन्म जयंती पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया 12 अप्रैल 1484 को मालवा राजस्थान के सिसोदिया राजवंश राणा साँगा का जन्म हुआ। इनका पूरा नाम महाराणा सँग्राम सिँह था ।राणा साँगा अपनी वीरता और उदारता के कारण पूरे राजपुताने मे प्रसिद्ध थे इसी कारण विदेशी आक्रमणकारियों के विरूद्ध एक आवाज पर पूरा राजपुताना एकजुट हो गया । सन 1509 मे राणा रायमल के बाद आप मेवाण के उत्तराधिकारी बने ।इन्होने अपने शौर्य से दूसरो को प्रेरित किया इन्होने दिल्ली,गुजरात व मालवा प्रान्त के मुगल बादशाही आक्रमणो से अपने राज्य की बहादुरी से रक्षा की ।एक विश्वासघाती के कारण आप बाबर से एक युद्ध हार गये थे।राणा साँगा घायल होने के बाद भी युद्ध भूमि मे लडते रहे।
कवियों ने इनके पराक्रम और शौर्य के बारे मे लिखा “अस्सी घाव लगे थे तन मे फिर भी व्यथा नही थी मन मे। राणा साँगा अपने समय के महानतम विजेता तथा हिन्दूपति के नाम से विख्यात थे।वे भारत मे हिन्दू साम्राज्य की स्थापना के लिए प्रयत्नशील रहे। ऐसे राष्ट्र भक्त वीर पराक्रमी हिन्दू राजा को मंच से सभी ने शत शत नमन वन्दन किया।

विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल* बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *विश्व पार्किंसंस दिवस है*। हर साल 11 अप्रैल को यह दिवस न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।जेम्स पार्किंसन ने 1817 में पहली बार इस बीमारी को पहचान करते हुए एन एसे ऑन द शेकिंग पाल्सी लेख लिखा था। दरअसल, यह एक बीमारी है, जिसके कारण चलने-फिरने की गति धीमी पड़ जाती है, मासपेशियां सख्त हो जाती हैं और शरीर में कंपन की समस्या पैदा हो जाती है।उन्होंने इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में विस्तार से बताया।

विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया पंजाब ही नहीं पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के लिए 13 अप्रैल को बैसाखी एक त्यौहार के तौर पर अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. दिलचस्प है कि इतनी विविधता और विभिन्न संस्कृतियों वाले देश भारत में ये एकमात्र दिन ऐसा है जो किसी न किसी रूप में सब जगह उत्सव की शक्ल में मनाया जाता है।

विशिष्ट अतिथि *कमलेश बोंदिया* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया असम में बैसाखी पर बोहाग बीहू या रोंगाली बिहू पर्व मनाया जाता है. ये असमिया नए साल की शुरुआत होती है. इस मौके पर सात दिन के उत्सव होते हैं. बिहार और नेपाल के मिथल क्षेत्र में जुड़ शीतल के तौर पर बैसाखी मनाई जाती है।
असम में बैसाखी पर बोहाग बीहू या रोंगाली बिहू पर्व मनाया जाता है. ये असमिया नए साल की शुरुआत होती है. इस मौके पर सात दिन के उत्सव होते हैं. बिहार और नेपाल के मिथल क्षेत्र में जुड़ शीतल के तौर पर बैसाखी मनाई जाती है।

*कीर्ति अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *हिन्दुस्तानी लाल सेना* भारत के एक अन्य प्रांत विदर्भ (अब महाराष्ट्र) के नागपुर में जलियांवाला नरसंहार की बरसी पर 13 अप्रैल 1939 को हिन्दुस्तानी लाल सेना का गठन किया गया था।

विशिष्ट अतिथि *सबिता अग्रवाल* सानपुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया खालसा पंथ की स्थापना
गुरु गोबिंद सिंह ने 13 अप्रैल 1699 को तख़्त श्री केसगढ़ साहब (श्री आनंदपुर साहब) में अलग-अलग जातियों की नुमायन्दगी करने वाले पांच सिंह तैयार किए जिन्हें ‘पंज प्यारे’ नाम दिया गया. इनके नाम के आगे ‘भाई’और ‘उपनाम’ की जगह पर ‘सिंह’ लगाया. इन पंज प्यारों में भाई दया राम खत्री, भाई धरमचन्द जाट, भाई मोहकम चन्द धोबी, भाई हिम्मत राय कुम्हार तथा भाई साहिब चन्द नाई जाति से ताल्लुक रखते थे. यही नहीं ये भारत के अलग अलग क्षेत्रों से भी थे. सबने एक ही बर्तन में पानी और मीठे से तैयार अमृत पिया और उसी से बर्तन में बचा अमृत फिर गुरु गोबिंद सिंह ने पिया. ये एक ऐसी व्यवस्था स्थापित हुई जो आपसी भाईचारे, बराबरी और जातिगत भेदभाव खत्म करने वाली बनी जिसे ‘खालसा पंथ’ (शुद्ध पंथ) का नाम दिया गया।

*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बाराद्वार इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारत के इतिहास में कुछ तारीखें कभी नहीं भूली जा सकती हैं। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के पर्व पर पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर द्वारा किए गए निहत्थे मासूमों के हत्याकांड से केवल ब्रिटिश औपनिवेशिक राज की बर्बरता का ही परिचय नहीं मिलता, बल्कि इसने भारत के इतिहास की धारा को ही बदल दिया।

*मधु मित्तल* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में 13 अप्रैल 1919 को एक सभा रखी गई थी और उस सभा को भंग करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने सभा में उपस्थित लोगो पर गोलियों की बौछार कर दी और उस दिन अनेक लोगो की हत्या हो गयी उस दिन को श्रधांजलि देने के लिए इस दिन जलियांवाला बाग़ नरसंहार दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है।

*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *खालसा पंथ का स्थापना दिवस* हर वर्ष 13 अप्रैल को भव्य रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना अनंदपुर साहिब में की थी।

*पुष्पा अग्रवाल अध्यक्ष* रायपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया त्रवनकोर का साम्राज्य जिसे थिरुविथमकूर के राज्य के रूप में भी जाना जाता है, १७२९ से १९४९ तक एक भारतीय साम्राज्य था। इसपर त्रवनकोर राजपरिवार का शासन था, जिनकी गद्दी पहले पद्मनाभपुरम और फिर तिरुवनन्तपुरम में थी। अपने चरम पर, राज्य ने आधुनिक केरल के अधिकांश दक्षिणी हिस्सों (इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, पठानमथिट्टा, कोल्लम, और तिरुवनंतपुरम जिलों, और एर्नाकुलम जिले के कुछ हिस्सों) और आधुनिक तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से (कन्याकुमारी जिला और तेनकासी जिले के कुछ हिस्से) को आवरण किया।

*शीतल लाठ* अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सर *हैरी ग्राहम हैग* केसीएसआई सीआईई जेपी आईसीएस भारत में एक ब्रिटिश प्रशासक था। उन्होंने दो बार संयुक्त प्रांत के गवर्नर के रूप में कार्य किया। भारतीय स्वतंत्रता के लिए मोहनदास गांधी के अभियान के एक विरोधी थे, इसे “खतरे” के रूप में वर्णित किया।

*भगवती अग्रवाल* अध्यक्ष कोरबा इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *चन्दूलाल जयसिंह भाई शाह* (जन्म- 13 अप्रैल, 1898, गुजरात; मृत्यु- 25 नवम्बर, 1975, मुंबई) हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक थे। उन्हें भारतीय सिने इतिहास की प्रसिद्ध हस्तियों में गिना जाता है। वह एक प्रकार से संयोगवश ही फ़िल्मों में आये थे।

*मंजू गोयल* अध्यक्ष अंबिकापुर इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *बाबू गुलाबराय* (१७ जनवरी १८८८ – १३ अप्रैल १९६३) हिन्दी के आलोचक तथा निबन्धकार थे।

*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया बलराज साहनी, बचपन का नाम “युधिष्ठिर साहनी” था। हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। वे ख्यात लेखक भीष्म साहनी के बड़े भाई व चरित्र अभिनेता परीक्षत साहनी के पिता हैं। एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म और मंच अभिनेता थे, जो धरती के लाल, दो बीघा ज़मीन, काबूलीवाला और गरम हवा के लिए जाने जाते हैं।

*उमा बंसल* महासचिव ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्थिति अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर संपूर्ण विश्व के कल्याण हेतु शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन की घोषणा की।

कार्यक्रम में पार्वती अग्रवाल, सविता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, शीतल, मंजू अग्रवाल, उषा कला नोरिया, सुलोचना धनावत, मंजू गोयल, निमिषा गोयल, निशा गोयल, गिरजा गोयल, हेमलता, वंदना अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, सरला लोहिया, उमा बंसल, रेखा गर्ग, रंजना जिंदल,रंजना गर्ग, हेमलता, मंजू गोयल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, नवीन गोयल, साधना अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, किरण अग्रवाल, करती अग्रवाल, सुचिता गोयल, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, कमल बिहारी अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, कमलेश बोंदिया, मधु मित्तल ने अपनी अपनी प्रस्तुति और अभिव्यक्ति द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाया।