*प्रेम शब्द जितना सुनने में छोटा लगता है,उतना ही इसका वृहद रुप है। जिसके ह्रदय में समा जाये वह प्रेम का सागर बन जाता @ सुलोचना धनावत*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पंद्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 6/5/2022 शुक्रवार को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर आयोजित ऑनलाइन सतसंग कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आराधना से किया।
उन्होंने अपने आतिथ्य उद्बोधन में सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत कर प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की उपयोगिता का बताते हुए कहा कि अनेकों घरों से फोन पर समय समय से बताया जा रहा है कि इन कार्यक्रमों का व्यक्तिगत जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। सभी घरेलू महिलाओं को एक प्लेटफार्म मिला है घर में रहते हुए अनेकों विशेषज्ञों द्वारा आयोजित कार्यक्रम से सभी लाभान्वित हुए है।अनेकों प्रतियोगिताओं में सहभागिता निभा अंदरूनी छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।हिंदू जन जागरण द्वारा प्रतिदिन के भजन, सुंदरकांड, अनेकों पाठ के आयोजन से घर एक देवालय और तीर्थ स्थान सा प्रतीत हो रहा है।इन कार्यक्रमों में व्यस्त होने से आपसी पारिवारिक टकराव, अशांति दूर हो रही है अनेकों के मानसिक स्तिथि पहले से अधिक सुदृढ़ ,आत्म विश्वास में बढ़ोतरी हुई है।
*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी सतसंग कार्यक्रम की संयोजिका संचालिका ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रेम शब्द जितना सुनने में छोटा लगता है,उतना ही इसका वृहद रुप है। जिसके ह्रदय में समा जाये वह प्रेम का सागर बन जाता है।दिन-दिन बढ़ता जाता है। कभी घटता नहीं।
मनुष्य चाहे तो अपने सद्कर्मो से, सुंदर व्यवहार से आस-पास का वातावरण ऐसा बना सकता है कि वहाँ रहने वालो का जीवन सुगंधित हो उठे एवं उसके शब्दों से रोम-रोम पुलकित हो उठे।
पल में प्रलय हो जायेगी इसलिये समय का सद्पयोग करो। हमेशा प्रभू की समीपता महसूस करो। किसी भी कार्य का संकल्प लेने पर उसे पुरा अवश्य करो।आत्मा कोअमर मानने वाला अपनी मृत्यू से नहीं डरता ।
*उषा अग्रवाल रायपुर* ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया रामायण में सीता जी का चरित्र भगवान श्री राम के बराबर ही है सीता जी के समस्त गुणों मे से एक गुण भी किसी स्त्री मे हो तो उनका संपूर्ण जीवन ही धन्य व सफल है धर्म अर्थ राज्य कार्य व अस्त्र- शस्त्र मे निपुरण सीता जी के गुणों के कारण ही राजा जनक द्वारा आयोजित विशाल स्वयंबर मे श्री राम व सीता जी का विवाह हुआ वनवास के समय भी सीता जी पति धर्म का पालन करते हुए श्री राम जी के साथ ही रही जब रावण ने सीता जी का हरण किया तब भी वे निडर व आत्मबल के साथ ही रही
रावण के वध के बाद समाज के कारण सीता जी ने श्री राम के सम्मुख अग्नि परीक्षा दी श्री राम के राज्याभिषेक के बाद सीता जी को पुन्ह वनवास हुआ वन मे लव- कुश का जनम हुआ
अंत में मै यही कहना चाहूँगी कि सीता जी का चरित्र संपूर्ण स्त्री जाति के लिए प्रेरणा व शिक्षा प्रदान करने वाला है
*सिया अग्रवाल* प्रांतीय उपाध्यक्ष ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया राजा जनक ने सीता स्वयंवर का न्योता अयोध्या नरेश को क्यों नहीं भेजा ,
राजा जनक के शासनकाल में एक व्यक्ति का विवाह था जब वह सज-संवर कर ससुराल चला तो रास्ते में एक जगह उसे दलदल मिला ,उसमें एक गाय फंसी हुई थी उसने सोचा कि गाय तो कुछ देर में मरने ही वाली है कीचड़ में जाने से मेरे जूते और कपड़े खराब हो जाएंगे ।अतः गाय के ऊपर पैर रखकर आगे बढ़ गया गाय ने जब यह देखा तो उसे श्राप दिया कि तुम जिसके लिए जा रहे हो उसे कभी नहीं देख पाओगे यदि देखोगे तो उसकी मौत हो जाएगी ,और गाय ने अपने प्राण त्याग दिये। अब वह व्यक्ति बहुत ही दुविधा में अपनी ससुराल पहुंचा और दरवाजे के बाहर ही बैठ गया ससुराल वालों ने उसे अंदर चलने के लिए बहुत कहा लेकिन वह नहीं गया उसकी पत्नी को जब पता चला तो वह खुद ही उसे बुलाने बाहर आई, उस व्यक्ति ने रास्ते में घटित सारी घटना पत्नी को बता दी पत्नी ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है मैं पतिव्रता स्त्री हूं आप मेरी और अवश्य देखो ।पत्नी की ओर देखते ही उसकी आंखों की रोशनी चली गई गाय के श्राप वह पत्नी को नहीं देख सका ,अब पत्नी ने विद्वानों के पास जाकर सारी बात बताई विद्वानों ने मंत्रणा करके एक उपाय सुझाया कि यदि कोई पतिव्रता स्त्री छलनी में गंगाजल लाकर उस जल के छींटे इस व्यक्ति की दोनों आंखों पर लगाए तो गोश्राप से मुक्ति मिल जाएगी राजा जनक ने सभी राजाओं को सूचना भेजी कि उनके राज्य में यदि कोई पतिव्रता स्त्री है तो उसे सम्मान सहित उनके राज्य में भेजें ।यह सूचना राजा दशरथ को भी मिली तो उसने सबसे पहले अपनी रानियों से पूछा प्रत्येक रानी का यही उत्तर था कि आप राज्य की किसी भी महिला यहां तक कि झाड़ू लगाने वाली से भी पूछेंगे तो उसे भी पतिव्रता पाएंगे, राजा ने सबसे निम्न मानी जाने वाली सफाई वाली को बुलाकर पतिव्रता होने के बारे में पूछा तो उसने स्वीकृति में गर्दन हिला दी। राजा ने उसे ही राज सम्मान के साथ जनकपुर भेज दिया वहां जाकर उसने गंगाजल को छलनी में भरा तो जल की एक भी बूंद नीचे नहीं गिरी यह दृश्य देख सब लोग आश्चर्यचकित रह गए ,उस महिला ने व्यक्ति की आंख में छिंटे मारे तो वह गो श्राप से मुक्त हो गया ।
सीता स्वयंवर के समय यह विचार कर कि जिस राज्य की सफाई करने वाली स्त्री भी पतिव्रता है तो वहां के पुरुष कितने शक्तिशाली होंगे और धनुष को आसानी से संघान कर लेंगे उन्होंने सोचा कहीं कोई निम्न वर्ग के पुरुष स्वयंवर में शामिल ना हो जाए इसलिए जनक जी ने अयोध्या नरेश को सीता स्वयंवर का न्योता नहीं भेजा।
*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बारदवार इकाई ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सांसदों को मिलने वाली स्थानीय क्षेत्र विकास निधि की संवैधानिक वैधता को यह कहकर बरकरार रखा कि संसद के पास इसके तहत कोष आवंटित करने की वैध शक्तियां हैं। इस योजना के तहत सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए दो करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं।
उमारू मुसा यार अदुआ की मृत्यु के बाद गुडलक जोनाथन नाइजीरिया के नए राष्ट्रपति बने।
मुंबई में हुए 26/11 हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब को मौत की सजा सुनाई गई।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में 195 महिलाओं सहित कुल 875 उम्मीदवार सफल हुए। जम्मू एवं कश्मीर के कुपव़ाडा के रहने वाले चिकित्सक शाह फैसल ने इसमें सर्वोच्च स्थान हासिल किया।
*डिंपल अग्रवाल* अध्यक्ष सरिया इकाई ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
*भगवती अग्रवाल* अध्यक्ष कोरबा इकाई ने सभी अतिथियों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
*पुष्पा अग्रवाल* अध्यक्ष रायपुर इकाई ने सभी सदस्यो को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए आभार प्रकट किया।
*मंजू गोयल* ने विश्व कल्याण की मंगल कामना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन किया।
*शीतल लाठ* अध्यक्ष बिलासपुर इकाई ने आगामी कार्यक्रमों के बारे में सभी को अवगत करवाया।
कार्यक्रम में नंदिनी चौधरी, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, रंजना गर्ग, राखी गर्ग, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, शिखा गुप्ता, विजया डालमिया, सुशीला अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, उषा अग्रवाल, उमा बंसल, उषा कलानोरिया, मंजू गोयल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी अग्रवाल, लक्ष्मी गोयल, मधु मित्तल, रजनी जिंदल, पुष्पा रातेरिया, वंदना अग्रवाल, सुलोचना धनावत, सीता अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
