*ब्रह्मांड की खुशियों से शांति युक्त रखना है तो पृथ्वी पर सभी को मां का किरदार ममतामई, सहनशील, क्षमा शील, प्रेम की पराकाष्ठा की जीवंत प्रस्तुती देनी होगी @ डॉ अनीता*
*अंताक्षरी में प्रथम मधु मित्तल द्वितीय स्थान पर भगवती अग्रवाल व सुलोचना अग्रवाल बिलासपुर व तृतीय स्थान पर निमिषा गोयल*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पंद्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 8/5/2022 रविवार को *विश्व थैलेसीमिया दिवस, विश्व रेड क्रॉस डे, मातृ दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष ने अपने निवास स्थान पर भगवान गणेश के छाया चित्र पर रोली अक्षत का तिलक लगा श्री फल चढ़ा माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना आराधना से किया।
उन्होंने अपने आतिथ्य उद्बोधन में सभी अतिथियों और सदस्यों को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई प्रेषित कर मां की महिमा मंडित करते हुए *आहवान किया* की जीवन में अगर हर व्यक्ति मां का किरदार निभाए जो सहनशीलता, क्षमाशील भाव, लाड़ दुलार से भरा होगा तो धरती से राग द्वेष समाप्त हो जाएगा सभी दिशाओं में सिर्फ ममता, स्नेह, क्षमा, खुशहाली, तृप्ति की चादर बिछी होगी हवा भी सुगंधित प्यार भरी होगी और धरती पर स्वर्ग की अनुभूति होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षा *नंदिनी चौधरी* ने कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर *डा स्मृति* का जीवन परिचय व स्वागत गान डिंपल अग्रवाल व स्मृति चिन्ह उषा कलानोरिया द्वारा भेंट दिया गया।
*डॉक्टर स्मृति* ने *विश्व थैलेसीमिया दिवस* पर अपने उद्बोधन में बताया प्रतिवर्ष 8 मई को संपूर्ण विश्व में विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है। थैलेसीमिया रक्त संबंधी बीमारी है जो कि अनुवांशिक है। बचपन से ही यह रोग बच्चों में होता है और इसलिए उन्हें बार-बार ब्लड बैंक ले जाना होता है। इस बीमारी में खून की बहुत कमी होने लगती है इसलिए बच्चों को बाहरी खून देना होता है। खून के कमी से मरीज के शरीर में हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। इसी बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष इस दिन को मनाया जाता है। उन्होंने थैलेसीमिया के लक्षण एवं इसके इतिहास और विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई।
विशिष्ट अतिथि *सबिता अग्रवाल* सन पुर ओडिसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया थैलेसीमिया रक्त संबंधी अनुवांशिक बीमारी है । बचपन से ही यह रोग बच्चों में होता है और इसलिए उन्हें बार-बार ब्लड बैंक ले जाना होता है। इस बीमारी में खून की बहुत कमी होने लगती है इसलिए बच्चों को बाहरी खून देना होता है। खून के कमी से मरीज के शरीर में हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। इसी बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष इस दिन को मनाया जाता है।
विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया *रेड क्रॉस* एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इस संगठन का उद्देश्य है मानव जाति की रक्षा करना। रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा विपदा, आपदा या युद्ध के दौरान लोगों की सहायता करते हैं। भारत में भी रेड क्रॉस सोसयटी द्वारा मदद की जाती है। हर साल आपदा – विपदा की परिस्थिति में सरकार के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन कर लोगों को बचाया जाता है। संकट में फंसे लोगों की मदद की जाती है। नाश्ता, भोजन, उपचार, पीने का पानी, कपड़ें, रहने के लिए व्यवस्था करना जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
विशिष्ट अतिथि *पूजा अग्रवाल* बैंगलोर ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
हर साल 8 मई को विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है। 8 मई 1828 को जॉन हेनरी डिनैंट का जन्म हुआ था। उनका मुख्य उद्देश्य मानव सेवा था। उनके जन्मदिन को विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में मनाते हैं। इसके लिए 3 बार नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा गया है। रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा युद्ध के दौरान सहायता की जाती थी, उसी प्रकार कोरोना काल में भी सहायता की जा रही है। बहुत कम लोग रेड क्रॉस के बारे में जानते हैं।
*सुलोचना धनावत* प्रचार प्रसार प्रभारी ने अपनी अभिव्यक्ति में बताया
२०१०- छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने दंतेबाड़ा में टाड़मेटला हमले के एक माह बाद बीजापुर-भोपालपट्टनम राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर सीआरपीएफ के बख्तरबंद वाहन को बारूदी सुरंग विस्फोट कर उड़ा दिया। इस घटना में आठ जवान शहीद हो गए। विस्फोट में वहां से गुजर रहे दो नागरिक भी घायल हो गए।
*उषा कलानोरिया* कार्यक्रम संचालिका ने *मातृ दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में मां के गुणगान कर सभी मातृशक्ति का सम्मान करते हुए मंच पर मां थीम पर शानदार अँताक्षरी कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे उषा कलानोरिया द्वारा *पहले राउंड* में सभी बहनो को एक एक शब्द दिया गया वो शब्द मुखड़ा मे आना जरुरी था सभी को – नाराज, नाराज, अंधेरे, प्यारी, ममता, आंचल, बंधन, उजाला, माँ का प्यार, लुकाछिपी, उजाला शब्द दिए गये सभी बहनो ने एक से एक गाने गाकर अपनी अपनी माँ को समर्पित किया व *दूसरे राउंड* में बहनो को कविता या पत्र पढ़ कर सुनाना था उसमे भी सबने अपनी माँ को समर्पित करते हुए मंच पर एक से एक प्रस्तुति दी। अँताक्षरी मे कमलेश बोंदिया, पार्वती अग्रवाल, उषा रायपुर, निमिशा गोयल, सबिता अग्रवाल, मधु मित्तल, राजकुमारी गुप्ता, भगवती अग्रवाल, पुष्पा रतेरिया, सुलोचना बिलासपुर, व निशा गोयल ने भाग लिया *सरला लोहिया* ने निर्णायक की भूमिका निभाते हुए बहनो को नंबर दिया व *प्रथम मधु मित्तल व द्वितीय स्थान पर भगवती अग्रवाल व सुलोचना अग्रवाल बिलासपुर व तृतीय स्थान पर निमिषा गोयल* पत्थल गाँव की रही।
*भगवती अग्रवाल* ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
*डिंपल अग्रवाल* ने स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया।
*मंजू गोयल* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
*पुष्पा अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
*शीतल लाठ* ने स्वस्थ रहने के मूल मंत्र साझा किए।
*किरण अग्रवाल* ने सभी सदस्यो को उनकी प्रस्तुति के लिए आभार प्रकट किया।
*कुसुम अग्रवाल* ने विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन किया।
कार्यक्रम में नंदिनी चौधरी, सबिता अग्रवाल, पार्बती अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, रंजना गर्ग, राखी गर्ग, रेखा गर्ग, प्रतिमा गुप्ता, राजकुमारी गुप्ता, यशोदा गुप्ता, शिखा गुप्ता, निशा गोयल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी गोयल, रजनी जिंदल, मधु मित्तल, गिरिजा गोयल,भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कीर्ति अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, वंदना अग्रवाल, उषा कलानोरिया, उमा बंसल, सरला लोहिया, सुलोचना धनावत ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
