सुमित फाउंडेशन की सराहनीय पहल, जिंदगीय बचाने के जूनून ने दी दिशा, लोगों की करते हैं डर संभव मदद

जिंदगी को बचाने का जो सफर शुरू हुआ था वह सफर

लगातार आज भी जारी है और पूरी कोशिश है जो आगे भी हमेशा जारी रहेगी एक जरूरतमंद परिवार के लिए महंगे अस्पताल और महंगी एंबुलेंस का खर्च बहुत ज्यादा मुश्किल भरा काम होता है कई बार तो लोग आर्थिक अभाव की वजह से सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं ऐसा ही एक वाक्या तिल्दा में हुआ तिल्दा का एक जरूरतमंद परिवार जिसमें डॉक्टर का कहना था कि संभवत इन के किडनी में इंफेक्शन है पर कुछ कहा नहीं जा सकता है उन्होंने अटेंडर को सलाह दे इन्हें जल्द से जल्द रायपुर एम्स या मेकाहारा लेकर की सलाह दी परिवार इसके लिए तैयार तो था पर उन्होंने ले जाने के लिए जहां भी प्रयास किया समस्या आर्थिक अभाव में आकर रुक जाती थी मरीज को वेंटीलेटर एंबुलेंस की आवश्यकता थी परन्तु आज के समय में वेंटिलेटर एंबुलेंस गरीब के लिए अफोर्ड करना मुश्किल है पर एक गरीब परिवार जो किसी तरह अपनी रोजी-रोटी चला रहा हो उसके लिए वास्तव में वेंटिलेटर एंबुलेंस सेवा सोना खरीदने जैसी महंगी होती है तिल्दा के एक परिवार ने अपने किसी परिचित से अपने सोर्स से हमारा नंबर देकर कॉल किया पेशेंट की हालत बताइए और साथ यह जानकारी दी कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है उन्हें अटेंडर से बात करवा कर कहा कि कुछ ही देर में अटेंडर का कॉल आ गया अटेंडर से सारी जानकारी लेकर वहां के डॉक्टर से भी बात की जहां उन्होंने जानकारी दी कि परिवार बहुत ही ज्यादा जरूरतमंद है हो सके तो आप इनकी मदद कर दीजिए बस फिर क्या था वह परिवार जो लागत आती है एंबुलेंस में जैसे डीजल ड्राइवर पैरामेडिकल स्टाफ केवल इनका खर्च देने को तैयार थे क्योंकि उनके पास उतनी ही व्यवस्था थी और सुमित फाउंडेशन की विंगर एंबुलेंस ड्राइवर साहिल और पैरामेडिकल स्टाफ प्रभात पूरी गति के साथ बहुत ही कम समय में तिल्दा पहुंचे वहां से वेंटिलेटर सेवा में न केवल मरीज को अस्पताल तक लाया बल्कि अस्पताल में तब तक डटे रहे जब तक मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हो गया दोनों बहुत खुश थे जब इस तरह किसी की जिंदगी बचाने में उनके लिए पूरी कोशिश करते हैं और जब वह जिंदगी बच जाए तो बात ही कुछ और होती है तो दिल से खुशी मिलती है शायद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता