हमर छत्तीसगढ़ के पहली तिहार “हरेली ” के जम्मों झन ला गाड़ा गाड़ा बधाई शुभकामनाएं देते हुए आम आदमी पार्टी कार्यालय में मनाया हरेली त्यौहार– भानू चंद्रा, प्रदेश संगठन मंत्री,आप।
निगम द्वारा औने पौने में जमीन बेचने के खेला का विरोध ,मांग न मानी तो होगा प्रदर्शन और आंदोलन – भानू चंद्रा, प्रदेश संगठन मंत्री, आप।
रायपुर । आज प्रदेश भर में हरेली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री भानू चंद्रा ने प्रदेश कार्यालय में भी सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार मनाया। उन्होंने प्रदेश वासियों को हमर छत्तीसगढ़ के पहली तिहार “हरेली ” के जम्मों झन ला गाड़ा गाड़ा बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की है।
प्रदेश संगठन मंत्री भानू चंद्रा ने आगे कहा कि रायपुर नगर निगम की महापौर परिषद द्वारा नगर निगम की मालिकाना हक की बेशकीमती जमीनों को बेचने के लिए निकाले गए टेंडर का हम विरोध करते है। कांग्रेस की नगर निगम भी अब भाजपा के बेचो नीति को लागू करना शुरू कर रही है। कांग्रेस पक्ष और भाजपा विपक्ष दोनों ही तरह तरह के सौंदर्यीकरण में भ्रष्टाचार कर निगम का खजाना खाली कर चुके है । देनदारियो के लिए अब पैसे नहीं है तो सरकारी निगम की जमीन बेचने निकल रहे है। बेतरतीब दुकान और कॉम्प्लेक्स तो बनवाए गए पर उनके डिजाइन और कीमत ऐसी रखी गई इतने बार टेंडर निकलने पर भी बेची नहीं जा सकी है।
शहर में बेशकीमती जमीन आज नगर निगम की अपनी है उसपर ईमानदारी से बिना भ्रष्टाचार किए डेवलपमेंट किया जाए तो बेहतर राजस्व और मालिकाना हक दोनो ही सुरक्षित रह सकता है ,लेकिन हबड़ तबड़ में मिली भगत से बेचने में आसानी से खेला किया जा सकता है।
भानू चंद्रा ने कहा कि निगम की जमीन को केवल इसलिए नही बेच देना चाहिए कि विकास के लिए राज्य शासन से राशि नही मिल रही है। आज निगम महानगर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भविष्य में निगम को हो सकता है और भी जमीन की आवश्यकता होगी किंतु पिछले ढाई वर्ष में महापौर अपनी ही सरकार से विकास के लिए राशि लेने में असफल साबित होते दिख रहे है या फिर ये एक सुनियोजित खेला भी हो सकता है। यही कारण है कि वे गोलबाजार के बाद नगर निगम की कीमती जमीन को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विज्ञापन निकाल रहे हैं।
शहर के प्राइम लोकेशन में होने के बावजूद निगम की दुकान का डिजाइन ,तो किसी कीमत, तो किसी को आकार पसंद नहीं, अब इसी दलील पर जमीन ही बेचने का लिया गया है फैसला । अमूमन लगभग 10 करोड़ की दुकानें बिकी नहीं इसलिए 80 करोड़ की जमीन टेंडर से बेचेगा निगम , दलील अच्छी है पर इसमें सुनियोजित खेला होगा निश्चित लग रहा है।
शहर के प्राइम लोकेशन में होने के बावजूद निगम की 10 करोड़ से ज्यादा की दुकानें 10-10 साल से नहीं बिकी है। दुकानों को बेचने 12 से 15 बार टैंडर करने के बाद भी कारोबारी सामने नहीं आ रहे हैं। किसी प्रोजेक्ट में खरीददारों को दुकानों की डिजाइन पसंद नहीं आ रही है तो किसी में साइज को लेकर कारोबारी पीछे हट रहे हैं। इसलिए निगम अब डूमरतराई में 80 करोड़ की जमीन टैंडर से बेचेगा, ताकि लोग अपनी पसंद की डिजाइन से दुकान बनाएं।
नगर निगम रायपुर में भाजपा की केंद्र सरकार की तरह बेचने का नया खेला शुरू किया जा रहा है जानकारी के अनुसार शहर के सभी जोन में सैकड़ों हेक्टेयर सरकारी जमीन हैं। डूमरतराई की जमीन बेचने के बाद नगर निगम की योजना शहर के अन्य इलाकों की व्यावसायिक और आवासीय सरकारी जमीनों को भी बेचने की है। इससे निगम को बड़ा राजस्व मिलने की उम्मीद है। निगम के जानकारों के मुताबिक जमीन की बिक्री लीजरेट के आधार पर नहीं बल्कि मालिकाना हक पर होगी।
भानू चंद्रा ने अंत में कहा की आम आदमी पार्टी कांग्रेस की भूपेश सरकार से अपील करती है कि संपत्ति बेचने के खेला पर तुरंत रोक लगाकर यह सब न होने दे नही तो आम आदमी पार्टी प्रदर्शन के साथ उग्र आंदोलन भी करेगी ।
