भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार जारी मजबूती का असर देखने को मिल रहा है। तेज विकास दर की बदौलत भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। अब ब्रिटेन छठे पायदान पर पहुंच गया है। आइएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी डालर में की गई गणना के अनुसार भारत ने कैलेंडर वर्ष 2021 की आखिरी तिमाही में ब्रिटेन को पछाड़ा है।
वहीं जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक कैलेंडर वर्ष, 2022 की पहली तिमाही भारत ने अपनी बढ़त और मजबूत कर ली है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस तेजी के साथ भारत सालाना आधार पर भी जल्द दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की बात करें तो भारत से अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही आगे हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार जारी मजबूती का असर देखने को मिल रहा है। तेज विकास दर की बदौलत भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। अब ब्रिटेन छठे पायदान पर पहुंच गया है। आइएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी डालर में की गई गणना के अनुसार भारत ने कैलेंडर वर्ष 2021 की आखिरी तिमाही में ब्रिटेन को पछाड़ा है।
वहीं जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक कैलेंडर वर्ष, 2022 की पहली तिमाही भारत ने अपनी बढ़त और मजबूत कर ली है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस तेजी के साथ भारत सालाना आधार पर भी जल्द दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की बात करें तो भारत से अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही आगे हैं।
एक दशक पहले भारत 11वें स्थान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था। आइएमएफ द्वारा जारी आंकड़ों और मार्च तिमाही के अंत में डालर के विनिमय दर के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 854.7 अरब डालर था। इसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डालर था।
