हिन्दू क्षत्रीय वाहिनी की बिलासपुर महिला ईकाई का प्रयास

हिन्दू क्षत्रीय वाहिनी की बिलासपुर महिला ईकाई का प्रयास

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प्रयास था कार्यक्रम का नाम ही नहीं अपितु बिलासपुर क्षत्रीय वाहिनी की महिला ईकाई द्वारा कार्यक्रम प्रयास लखीराम ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया कार्यक्रम में छह माह से पन्द्रह वर्ष तक के किड्स फन क्लब बैक टू फन स्कूल के बच्चो ने रामायण के मुख्य प्रसंगों को वृतांत में समझने की कोशिश की । रामायण में राम जन्म राम भगवान की बाल्यावस्था , स्वयंवर , कैकेयी – मंथरा प्रसंग , भगवान वनवास का प्रसंग सूर्पनखा कांड , मेघनाथ और लक्ष्मण कांड , हनुमान जी का संजीवनी बूटी प्रसंग, विभीषण और राम जी की वार्तालाप, रावण वध और उनकी तीन बातें और भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास के उपरांत अयोध्या पुनः आगमन पर दिवाली किस उपलक्ष्य में मनाते है वह पूर्ण रूप से भगवान की आरती द्वारा सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम में आते सभी लोगों से पवित्र रामायण के विषय में प्रश्न पूछकर उपहार के रूप में उनको रामचरित मानस या हनुमान चालीसा ही दी गयी । कार्यक्रम में डी.एल.एस. कालेज के बच्चों ने पेड़ों को बचाने और गौकाष्ट को उपयोगिता में अधिक लाने पर एक एक्ट भी किया गया। अभिजोत सिंह गिल ५ वर्षिय इस बालक ने अपनी सुरक्षा में गतका नामक रश्मि सिंह , शैलेष प्रताप सिंह प्रदेश सचिव राष्ट्रीय अध्यक्ष एच धर्मेन्द्र सिंह जी , महिप सिंह जी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिलासपुर शहर के विधायक श्री शैलेष पांडेय जी ने अपनी उपस्थिति से

कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया। विशिष्ट अतिथि के रूप में अजय त्रिपाठी बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर , डॉ. आरती पांडेय, मखीजा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर से डॉ. ओम मखीजा वीनिय भावनानी जी , किरण सिंह , अखिलेष पांडेय जी भी रहे। कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्वलन के साथ भारतीय नृत्य भारत नाट्यम के साथ की गई , इस नृत्य को मुख्य रूप से किवनूर कौर गिल उनके साथ श्यमभवी और बानी ने उनका साथ दिया। कार्यक्रम में आये अतिथियों का स्वागत पीपल और तुलसी के पौधे से किए गए । कार्यक्रम के अंत में गोबर से निर्मित लकड़ी गौकाष्ट के अन्तेष्टी प्रोजेक्ट का विमोचन डॉ ओम मखीजा , अजय त्रिपाठी सर ,डॉ आरती पांडेय और हिन्दू क्षत्रीय वाहिनी की जिला अध्यक्ष क्षमा सिंह ,कल्पना सिंह , वर्तिका सिंह , प्रियंका सिंह , क्षमता सिंह के द्वारा किया गया ।

इस प्रोजेक्ट में गोबर से बनी लकड़ी की उपयोगिता में लाने के लिए लोगो को जागरूक किया गया क्योंकि जब किसी की मृत्यु होती है तो १५ वर्ष के दो पेड़ो को काट कर हम अंतिम क्रिया में लकड़ी का उपयोग में ला सकते है जो संकेष्ट्र के स्थान पर यदि हम गोबर से बनी लकड़ी गौकाष्ट का उपयोग करते हैं तो हमारे इस दिशा में कट रहे वृक्षों पर प्रतिबंध हम खुद लगायेंगे और आने वाली पीढ़ी को हम सौगात के रूप में पर्यावरण को शुद्ध वायु के रूप में देंगे । अंत में सभी बच्चे जिन्होंने रामायण के नाट्य कार्यक्रम में भाग लिया था उनको प्रमाणपत्र और हिंदू क्षत्रीय वाहिनी की तरफ से उपहार भेट में दिए गए । हिंदू क्षत्रीय वाहिनी के कार्यक्रम प्रयास में राम जी की नि:शुल्क पाठशाला के बारे में भी बताया गया । इस पाठशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चो को बचपन से ही हिंदु संस्कृति से जोड़कर रखना है। कार्यक्रम का नाम (प्रयास) रखने का उद्देश्य यह है कि कार्यक्रम के सभी विषय प्रयास की परिभाषा में ही उपयुक्त है । परंतु प्रयास का प्रारम्भ ही हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए हैं तो इस प्रयास के सहभगी बिलासपुर के हिंदुत्व को प्रमाणित करने के लिए सभी बने इसका प्रथम प्रयास है,


कार्यक्रम मे सहयोगी रहे माखीजा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, विनायक नेत्रालय, लायंस क्लब डी.जी.दिलिप भण्डारी जी का,सहयोग फाउन्डेशन, जीत फाउंडेशन, खण्डूजा एक्सीडेंटल हास्पिटल, विश्व हिंदु परिषद ,श्री राम की रसोई,संजीवनी हास्पिटल और किड्स फन क्लब बैक टू फन स्कूल का विशेष सहयोग रहा।