छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इंजीनियर को आत्महत्या के लिए
उकसाने के आरोप में फरार कांग्रेस नेता और पार्षद सरपंच सहित एक अन्य को पुलिस ने मध्यप्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार किया है इंजीनियर की आत्महत्या और सुसाइड नोट बरामद होने के बाद तीनों आरोपी 1 माह से फरार चल रहे थे जिन्हें पुलिस पकड़ कर ले आई है जिनके पास से ब्याज के पैसे से खरीदे गए दो ए सी ,आईफोन, एप्पल वॉच ,मोबाइल और कार बरामद किया गया है यह पूरा मामला सकरी थाना क्षेत्र का है इंजीनियर रिषभ आसमा सिटी के रहने वाले थे उन्होंने करीब 1 माह पहले कीटनाशक पी कर आत्महत्या कर ली थी उनके पास से सुसाइड नोट मिला था जिसमें उन्होंने सूदखोर कांग्रेस नेता के प्रताड़ना की पूरी कहानी लिखी थी उन्होंने लिखा था कि वे इन लोगों से त्रस्त हो चुके हैं अब मेरे में हिम्मत नहीं है क्योंकि मैं इनसे न लड़ सकता हूं ना उनके मन मुताबिक पैसा दे सकता हूं कांग्रेस पार्षद होने के चलते मैं इन लोगों का कुछ नहीं कर सकता इन सब से लेनदेन में मेरी फैमिली का कोई हाथ नहीं है इन्हें परेशान न किया जाए आज मैं बहुत मजबूर होकर यह कदम उठाने जा रहा हूं अब मुझ में सहन शक्ति नहीं बची है मेरे पास मरने के अलावा कोई उपाय नहीं है इन सब को सजा जरूर दें सूदखोरी करने वाले नेताओं ने उनसे 4 गुना ब्याज वसूल लिया और उनकी कार को भी बिक्री नामा लिखवा कर हड़प लिया
एसपी के नाम 6 पेज का लिखा सुसाइड नोट
आत्महत्या करने से पहले इंजीनियर ऋषभ में एसपी के नाम 6 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था जिसे पुलिस ने जब्त किया था उन्होंने लिखा था कि जितेंद्र मिश्रा से ₹400000 उधार लिए थे इसके एवज में जितेंद्र हर सप्ताह ₹40000 ब्याज वसूलता था इसके अलावा ऋषभ ने कांग्रेस नेता और वार्ड नंबर 1 के पार्षद अमित भारते से भी अलग-अलग किस्तों में ₹400000 उधार लिए थे पार्षद ने उससे ₹300000 प्रतिमाह 10% ब्याज में दिया था इसी तरह एक लाख का हर दिन 10% ब्याज वसूलता था
इंजीनियर की मौत के बाद हो गए थे फरार
इंजीनियर की मौत और उनके पास से सुसाइड नोट बरामद होने के बाद पुलिस केस की जांच कर रही थी वही हापा के सरपंच और आरोपी संदीप मिश्रा, जितेंद्र मिश्रा और कांग्रेस नेता और पार्षद अमित भारते फरार हो गए थे उनके खिलाफ केस दर्ज करने के बाद से पुलिस उनके ठिकानों में दबिश देकर उनकी तलाश करने का दावा कर रही थी 1 माह बाद पुलिस ने भोपाल में दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार किया
