नेताजी सुभाष अमर क्रांतिदूत – द्विवेदी

नेताजी सुभाष अमर क्रांतिदूत – द्विवेदी
राजनांदगांव. भारत की आजादी के अद्वितीय महानायक नेताजी सुभाष चंद्र की जयंती परिप्रेक्ष्य में नगर के विचारप्रज्ञ प्राध्यापक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने विशिष्ट विचार विमर्श में कहा कि नेताजी सुभाष अमर क्रांति दूत एवं भारतमाता के सच्चे सपूत थे। सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व अदभूत संगठनकर्ता एवं आदर्श त्याग बलिदान के प्रतिमूर्ति नेताजी सुभाष सदैव ही देश-धरती की युवा-किशोर-प्रबुद्ध प्रादर्श अभिप्रेरक रहे हैं। ”तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगाÓÓ एवं जय हिन्द! जैसे अमर नारों के प्रणेता नेताजी सुभाष ने विशेष कूच गीत ”कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गायें जा, यह जिंदगी है कौम की तु कौम पर लुटाये जाÓÓ के माध्यम से युवाओं में अतिशय जोश भरा और तत्समय की सर्वश्रेष्ठ आजाद हिंद सेना तैयार कर देश को आजादी के लिए सर्वाधिक महत्पवपूर्ण पहल की और अण्डमान निकोबार एवं अन्य निकट द्वीपों में भारतीय तिरंगा फहराकर देश का गौरवगान संपूर्ण विश्व में बढ़ाया। आगे प्राध्यापक द्विवेदी ने विशेष रूप से बताया कि समसामयिक रूप से नेताजी सुभाष का अनुपम व्यक्तित्व एवं अदभुत कृतत्व देश-धरती की युवा-किशोर पीढ़ी को सर्वदा मातृभूमि के प्रति आदर्शतम कर्तव्य दायित्व निर्वहन करने की उल्लेखनीय प्रेरणा देता है। विशेषकर उनकी उच्च शिक्षा कठोर परिश्रम से प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना, सैनिक गणवेश और उसके अनुरूप अनुशासन प्रियता के साथ-साथ देश की संरक्षा, समृद्धि हेतु पल-प्रतिपल मानसिक रूप से चिंतन-मनन करना और उसके लिए शारीरिक रूप से सार्थक पहल भी करना। वास्तव में नेताजी का समग्र कृतित्व मातृभूमि की रक्षा-सेवा का अद्वितीय उदाहरण है। आइये महानायक नेताजी सुभाष की जयंती अवसर पर हम राष्ट्रधर्म प्रेरणा और उसके सुदृढ़ अनुपालन के लिए कृत संकल्पित हों। यही महानायक नेताजी सुभाषचंद्र के प्रति सच्ची – सार्थक श्रद्धांजलि होगी।