कॉर्निवाल के लिए टुकड़ों में निकाले गए टेंडरों को कहते हैं रेवड़ी बांटना – कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष,आप*

 

*इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के एग्रो कॉर्निवाल बांट रहे रेवड़ी, चहेतों को काम देने के लिए कम दर का कोटेशन मंगाया – कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष,आप*

*कॉर्निवाल के लिए टुकड़ों में निकाले गए टेंडरों को कहते हैं रेवड़ी बांटना – कोमल हुपेंडी,प्रदेश अध्यक्ष,आप*

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय कार्निवल में विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए निकाल गए टेंडर रेवड़ी बांटने का सटीक उदाहरण है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अक्टूबर में आयोजित एग्रो कॉर्निवाल में क्रय नियमों को ताक पर रखकर तय सीमा से कम दर पर कोटेशन मंगवा कर चहेते फर्मों को ऑर्डर देने का सिलसिला चला। पांच दिवसीय आयोजन के लिए एक साथ कार्य का ऑर्डर देने के बजाय हर दिन का अलग-अलग ऑर्डर देकर तय सीमा से अधिक का
भुगतान किया गया। कृषि विवि में 14 से 18 अक्टूबर तक एग्रो कॉर्निवाल का आयोजन किया गया था। इसमें कृषि महाविद्यालय के माध्यम से कई कार्यों का भुगतान किया गया था। इसमें मंच की साज- सज्जा से लेकर कैटरिंग, कारपेंटिंग व कूलर के कार्य शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि महाविद्यालय प्रशासन को 3 लाख रुपए तक खर्च का अधिकार क्रय नियम में है। इससे अधिक खर्च करने
पर कृषि विवि से अनुमोदन लेना अनिवार्य है अथवा व्यापक स्तर पर टेंडर प्रक्रिया अपनानी पड़ती परंतु चहेते फर्मों को काम दिलाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया। इसमें कहा गया है कि 48 हजार वर्गफुट जगह पर हुए आयोजन के लिए कारपेंटिंग, जम्बो कूलर, पेडेस्टल फैन के लिए 2 लाख 97 हजार 360 की दर का कोटेशन डाला गया। इसी तरह एक अन्य कार्य के लिए 2 लाख 98 हजार रुपए का कोटेशन मंगाया गया अर्थात तय सीमा 3 लाख से कुछ कम जबकि संबंधित फर्मों को 5 दिनों के कार्य के लिए 14 लाख रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया। ऐसे में कॉर्निवाल के लिए निकाले गए अलग-अलग टेंडरों को लेकर रेवड़ी बांटे जाने का मामला उजागर हो गया हैं और अब सूत्रों का कहना है कि युद्ध स्तर पर लीपापोती चालू है।इसे कहते है रेवड़ी बांटना न की जनता को दिए मुफ्त मूलभूत सुविधा को रेवड़ी बांटना कहते है।

दिल्ली बदलीस,
पंजाब बदलिस
2023 में
बदलबो छत्तीसगढ़ ।