ज़िला कांग्रेस कमेटी( शहर/ग्रामीण ) द्वारा 13 अप्रैल को कांग्रेस भवन में जलियांवाला बाग नर संहार में शहीद हुए सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई।

ज़िला कांग्रेस कमेटी( शहर/ग्रामीण ) द्वारा 13 अप्रैल को कांग्रेस भवन में जलियांवाला बाग नर संहार में शहीद हुए सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि जलियांवाला बाग की घटना ब्रिटिश हुकमत की बर्बरता और अमानवीय तत्वों का जीता जागता उदाहरण है ,रोलेट एक्ट के ,और सैफुद्दीन – किचलु की गिरफ्तारी के विरोध में शांति सभा का आयोजन किया गया था,पर जनरल डायर और ओ डायर की सोची समझी कुटलिता का परिणाम था जलियांवाला बाग ,जिसमे निहत्थे सेनानियो पर 1600 से भी अधिक राउंड की फायरिंग की गई , 376 से अधिक लोग मारे गए ,हजारो की तादात में लोग जीवन बचाने के लिए एक कुंए में कूद पड़े ,और घायल हो गए , बहुत बड़ा नरसंहार था , कुछ लोग बैसाखी के मेला देखने आये थे ,उनके साथ छोटे छोटे बच्चे थे ,पर आततायी ब्रिटीश अधिकारियो ने मानवता की सारी हदें पार कर दी ,
सैय्यद ज़फ़र अली, हरीश तिवारी एसएल रात्रे ने कहा कि पंजाब में बैसाखी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है ,लोग परिवार सहित अमृतसर में मेला देखने आए थे,और स्वर्ण मंदिर के पास जलियांवाला बाग है, जो सघन क्षेत्र में है ,और वहां तक पहुंचने का मार्ग अत्यंत संकीर्ण है ,जहां एक शांति सभा थी ,ब्रिटिश सरकार ने बड़ी घटना को अंजाम दिया ,उस घटना से उधम सिंह इतने व्यथित हुए की दोषी अधिकारियो को मारने की कसम ले ली और ब्रिटेन जाकर डायर की हत्या कर जलियावाला नरसंहार का बदला लिया ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी,एसएल रात्रे,विनोद शर्मा, त्रिभुवन कश्यप, माधव ओत्तलवार, चन्द्र शेखर मिश्रा, राकेश शर्मा,शिवा मिश्रा,विनोद साहू,सुभाष ठाकुर, शेख असलम,हेमन्त दृघस्कर,वीरेंद्र सारथी,राजेश शर्मा,मुकेश धन्यगाय, सत्येंद्र तिवारी,ब्रजेश साहू,मनोज शर्मा,दीपक रायचेलवार,अफ़रोज़ खान,उतरा सक्सेना, चन्द्रहास केशरवानी,रणजीत खनूजा,लक्ष्मी जांगड़े,राज कुमार बंजारे,हेरि डेनिएल,देवेंद्र मिश्रा,डी आर बंजारे,जगदीश कौशिक,मनोज शुक्ला,गणेश रजक,मोह अयूब आदि बड़ी संख्या मे उपस्थित थे ।