भारतीय जैन संघठना द्वारा आयोजित निःशुल्क दिव्यांग सेवा शिविर एवं स्वास्थ्य परीक्षण व परामर्श शिविर का चौथा दिन
अगर आपको परोपकार के कार्य देखना हो, सेवा भाव देखना हो, परमार्थ के कार्य देखना हो तो जैन समाज के कार्य देखिए – समाजसेवी रामावतार अग्रवाल
बिलासपुर । अगर आपको परोपकार के कार्य देखना हो, सेवा भाव देखना हो, परमार्थ के कार्य देखना हो तो जैन समाज के कार्य देखिए, जैन समाज से सीखिए। यह बात बिलासपुर के समाजसेवी रामावतार अग्रवाल ने भारतीय जैन संघठना द्वारा आयोजित हो रहे निःशुल्क दिव्यांग सेवा शिविर एवं स्वास्थ्य परीक्षण व परामर्श शिविर के चौथे दिन आयोजित चिकित्सा शिविर के शुभारम्भ के अवसर पर कही।
भगवान महावीर विकलांग सेवा सहायता समिति जयपुर एवं रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड के सहयोग से आयोजित हो रहे इस शिविर के चौथे दिन आमंत्रित अतिथियों में श्री रामावतार अग्रवाल के साथ समाजसेवी सवाई सिंघई प्रवीण कुमार जैन, श्रीमती शकुन जैन एवं प्रशांत कुमार जैन उपस्थित रहे। भगवान महावीर के छायाचित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ प्रवीण कोचर द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण के उपरांत आमंत्रित अतिथियों ने इस शिविर के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
अग्रवाल जी ने कहा कि जैन समाज शिक्षित और संपन्न होने के साथ-साथ देश-विदेश में परोपकार और परमार्थ के जिस तरह के कार्य करता रहता है वह बहुत ही पुण्य का काम है, जैन समाज के लोग परमार्थ का कार्य करके जो लोगों की दुआएं लेते हैं, उसी का परिणाम है कि जैन समाज संपन्न और प्रतिष्ठित समाज है। इन सबके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में भी इस समाज का बहुत बड़ा योगदान है क्योंकि सबसे ज्यादा आयकर जमा करने वाला समाज जैन समाज ही है। इसके साथ ही अग्रवाल जी ने कहा कि जैन साधु-साध्वी जिस प्रकार तप, त्याग व साधना करते हैं, आज के आधुनिक युग में वह असंभव सा लगता है। समाज के इन्हीं सब गुणों के कारण आज जैन समाज सबसे भरोसेमंद समाज है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि अगर मुझे अगला जन्म मिले तो मेरा जन्म जैन कुल में हो।
समाज सेवी प्रशांत जैन ने कहा कि भारतीय जैन संघठना ने इस शिविर के आयोजन में हमें बुलाकर जनसेवा के इस कार्य में माध्यम बनाकर बहुत बड़े पुण्य का भागीदार बनाया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मदद से एक दिव्यांग के भी परिवार में खुशियां आती है तो हम यह समझेंगे कि इस शिविर में आने का हमारा उद्देश्य सफल रहा। बीजेएस के इस आयोजन को देखकर मैं आश्वस्त हूं कि इस शिविर से आप सैकड़ों परिवारों में नई रौशनी दे रहे हैं। प्रवीण जैन ने कहा कि बीजेएस का यह आयोजन बिलासपुर के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा और अन्य समाज के लिए एक मिसाल कायम करेगा। बीजेएस के इस आयोजन को देखकर अब अन्य समाज के लोग भी ऐसे आयोजन के लिए आगे आएंगे।
आज के स्वास्थ्य शिविर का आयोजन श्री मंगला हॉस्पिटल बिलासपुर के सौजन्य से किया गया। जिसमें मंगला हॉस्पिटल बिलासपुर के निदेशक विजय जैन के नेतृत्व में जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर शंभू अग्रवाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अविनाश अग्रवाल, मैक्सीलोफैसियल सर्जन डॉक्टर सौरभ शर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उज्जवला कराड़े एवं फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर मीनल जैन ने अपनी सेवाएं दी। श्री मंगला हॉस्पिटल के जांच एवं परामर्श शिविर में 50 से अधिक लोगों ने विभिन्न चिकित्सकों से जांच करवाकर परामर्श लिया।
शिविर के पांचवें दिन कल होम्योपैथी आयुर्वेदिक एवं युवा परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसमें होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. सतीश कौशिक एवं डॉ अंशुमन जैन, आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राघवेन्द्र सिंह एवं योगा परामर्श के लिए डॉ. मोनिका पाठक, पूनम दोषी उपस्थित रहेंगी।
शिविर के बारे में सुनकर बिलासपुर एवं आसपास के अंचल के कई समाजसेवी, साहित्यकार, उद्योगपति एवं अन्य गणमान्य नागरिक प्रतिदिन शिविर का जायजा लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
इसी कड़ी में दोपहर को बिलासपुर के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं पूर्व जेल अधीक्षक राजेंद्र रंजन गायकवाड एवं जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष अनिल सलूजा ने भी इस शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने शिविर में आज आए हुए कुछ दिव्यांगों को अपने हाथों से कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र एवं वैशाखी प्रदान की। साथ ही साथ उन्होंने भारतीय जैन संघठना के इस अभिनव पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं संगठन के सभी सदस्यों एवं शिविर से जुड़े सभी स्वयंसेवकों को उनके सेवाभाव के लिए साधुवाद दिया।
कार्यक्रम में प्रवीण कोचर, संजय छाजेड़, आंचल जैन, अमित जैन, राजू तेजाणी, महिपाल सुराना, क्षिप्रा जैन, डॉ. मीनल जैन, डॉ. अंशुमन जैन, विजय जैन, गोपाल वेलानी, अभिनव डाकलिया, ऋतु जैन, पूर्णिमा सुराणा, सुनीता जैन, विनोद लुनिया, कमल जैन, मनीष जैन, अंकित गेड़िया, स्वप्निल जैन, राकेश तेजानी, रीतेश तेजानी, भावेश गांधी, अर्चना नाहर, जय कुमार जैन, अंशुल जैन, पराग जैन, अनिता जैन, नगर के गणमान्य नागरिक, दिव्यांग लाभार्थी, जीजीवी श्रवण लाइन योजना के स्वयंसेवक सत्यम शर्मा, रागिनी विश्वकर्मा, प्रांजली साहू, उन्नति साहू, गीतिका नेताम, मन्दाकिनी साहू उपस्थित रहे।
सिरगिट्टी से आई दसोदिया साहू जिनका एक पैर 1 साल पहले घाव के कारण काटना पड़ा था, आज शिविर में कृत्रिम पैर लगवाकर अपने परिवार वालों के साथ खुशी-खुशी दोनों पैरों में चलकर शिविर में घूम रही थी।
4 साल पहले एक्सीडेंट में अपना एक पैर गवां चुके हैं तालापारा निवासी शाहरुख मिर्जा अपने दोनों पैरों में चलकर शिविर से वापस ख़ुशी के आँसू के साथ गए।
सांप काटने के कारण अपना एक पैर गवां चुकी जागृति साहू शिविर से वापस बिना किसी सहारे के अपने दोनों पैरों पर चलकर गई।
केंवटाडीह चिलहाटी से आए 23 वर्षीय दिव्यांग भरत गोंड ने बताया कि 2 जनवरी 2022 में सड़क पार करते समय एक गाड़ी वाले ने उन्हें ठोकर मार दी थी, जिसके बाद उनके पैर काटने पड़े थे। पैर कटने के बाद विगत 2 वर्षों में उन्हें व उनके परिवार को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। आज इस शिविर में आकर ज़ब उन्हें कृत्रिम पैर प्रदान कर पुन: अपने पैरों पर चलाया गया तो उनके और उनके परिवार जनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
जांजगीर से आए रुपेश सूर्यवंशी जिन्होंने 9 महीने पहले काम करते समय अपना एक पैर गवा दिया था। शिविर में आज कृत्रिम पैर मिलने के बाद वह खुश होते हुए बोल रहे हैं कि अब मैं वापस काम में जा सकता हूँ।
टाटा कोनी देवरी से आए 75 वर्षीय मोहित राम जी जिन्होंने 25 वर्ष पूर्व अपना एक बार खो दिया था। किसी कीड़े के काटने के कारण उनके पैर में जहर फैल गया था जिस कारण से एक पैर काटना पड़ा। शिविर में आज उन्हें एक कृत्रिम पैर लगाया गया। 25 साल बाद आज वापस अपने दोनों पैर में खड़े होने होते ही भारतीय जैन संघठना की पूरी टीम को बहुत-बहुत आशीर्वाद दिया।
