सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में “न्योता भोजन” की अवधारणा रखी गई है।
***नवीन प्राथमिक शाला सिरगिट्टी की प्रभारी श्रीमती शशि सिंह द्वारा अपने पिता श्री मेलूराम नेताम जी के जन्मदिन के अवसर पर अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में शाला के सभी बच्चों को फल (केला )तथा 1पैकेट बिस्किट का वितरण किया गया।इस अवसर पर मितवा संस्था से हनी गुप्ता, शाला समिति के सदस्य शिवम अवस्थी तथा शिक्षक योगेश करंजगाँवकर उपस्थित थे।
“न्योता भोजन” सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्योहारों और अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व एवम् प्रियजनों की स्मृति में लोगों को भोजन प्रदान करने की परम्परा पर आधारित है। छत्तीसगढ़ में भोजन हेतु आमंत्रित करने को “न्योता” कहा जाता है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समाज के लोग और सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन में योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में नमकीन, फल, मिठाई, खीर, पूड़ी, अंकुरित अनाज आदि खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। किचन के लिए आवश्यक बर्तन भी उपलब्ध करा सकते हैं।
न्योता भोजन के लाभ:-
- समुदाय के बीच अपनेपन की भावना के विकास में मदद।
- शाला और स्थानीय समुदाय के बीच आपसी तालमेल में सहायक।
- सभी समुदाय और वर्ग के बच्चों में समानता की भावना का विकास। यदि आप भी खुशी के मौके पर “न्योता भोजन” कराना चाहते हैं तो हमें जरूर बताएं। अगर आप स्वयं आकर भोज कराएं तो हमें ज्यादा खुशी होगी या आप अपने आसपास के विद्यालय में भी भोज करा सकते हैं।
आप सभी सादर आमंत्रित हैं।।
योगेश करंजगाँवकर
9691213231

