मंत्री टीएस सिंहदेव की बुधवार को बड़ी जीत हुई है। बृहस्पत सिंह ने भरे सदन में टीएस सिंहदेव से क्षमा मांगी है। उनका कहना है कि 24 जुलाई को अम्बिकापुर में मेरे काफ़िले पर हुए हमले को लेकर मैंने भावावेश में बयान दे दिया था, जिसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं।

इसके बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज ने भी स्पष्ट करते हुए कहा है कि हमले की इस घटना से टीएस सिंहदेव का कोई हाथ नहीं था। उन पर लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि जब यह बात कही गई तब सदन में सिंहदेव मौजूद नहीं थे।

सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल तक स्थगित होने के बाद फिर से शुरू हुई थी। इसके बाद पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बृहस्पति और टीएस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। इसके बाद बृहस्पत सिंह और ताम्रध्वज साहू का ये बयान सामने आया है। इस बयान के बाद टीएस सिंहदेव सदन में पहुंच सकते हैं। उन्होंने मंगलवार को स्थिति स्पष्ट नहीं होने तक सदन में रहना जरुरी नहीं समझता कहकर सदन चले गए थे।

इसके बाद मान मनौवल का दौर शुरू हुआ था। कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रिमंडल के साथ दो बार चर्चा की थी। एक बार की बैठक में सिंहदेव भी शामिल हुए थे। लेकिन बात नहीं बनी और फिर नाराजगी और अधिक बढ़ गई थी। हालांकि टीएस सिंहदेव की जिद रंग लाई और आखिरकार बृहस्पत सिंह ने टीएस बाबा से माफी मांगी। शासन ने भी उनकी मांग पर बृहस्पत सिंह पर हुए हमले में हाथ नहीं होने की स्थिति को स्पष्ट कर दिया।