ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर /ग्रामीण ) द्वारा बिलासपुर के दो महान विभूतियों बैरिस्टर छेदीलाल और श्रीकांत वर्मा जी की जयंती कांग्रेस भवन में मनाई गई और छायाचित्रों पर माल्यापर्ण कर उन्हें पूण्य स्मरण किया गया । पश्चात श्रीकांत वर्मा जी की आदमकद प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि जब हम अतीत को झांकते है तब हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते है कि आजादी की लड़ाई में बैरिस्टर छेदीलाल जी ने अहम भूमिका अदा की ,इसी प्रकार केंद्र की राजनीति में लम्बे समय तक श्रीकांत वर्मा जी ने सेवाएं दी ,
स्व श्रीकांत वर्मा एक साहित्यकार,पत्रकार, स्तम्भकार, कवि ,समालोचक और कहानीकार थे, बिलासपुर जैसे कस्बाई वातावरण से निकल कर अपना ओरा को राजनीति और साहित्य के केनवास में इतना विस्तार दिया कि जो समय के पहियों से नही मिटेगा , कांग्रेस के लिए जहां कालजयी नारा ” गरीबी हटाओ” ” जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर ” दिए , वहीं
साहित्य के क्षेत्र में अनेक सम्मान व अवार्ड्स से सम्मानित किया गया, मगध के लिए मरणोपरांत उन्हें ” साहित्य अकादमी पुरस्कार ” मिला स्व श्रीकांत वर्मा जी का राजीनीतिक और साहित्यिक कद बहुत बड़ा रहा है पर अपनी जड़ जन्मभूमि बिलासपुर को नही भूले , उन्होंने बिलासपुर के विकास के लिए अपने मद की अधिकांश राशि दी ,आज बिलासपुर महानगर का स्वरूप ले रहा है उसके पीछे स्व श्रीकांत वर्मा जी की परिकल्पना है।
संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी ने कहा कि स्व बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल एक सम्पन्न परिवार से थे ,प्रयाग और इंग्लैंड में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात कुछ समय के लिए बनारस और कांगड़ी विश्वविद्यालय में अध्यापक रहे ,पर उन्हें रास नही आया और 1928 में कांग्रेस और गांधी जी विचार से प्रभावित होकर सक्रिय राजनीति में आ गए ,स्वतन्त्रता पूर्व 1937 के चुनाव में निर्वाचित हुए ,उनकी योग्यता और काबिलियत को देखते हुए संविधान सभा का सदस्य बनाये गए , 1956 में उनका निधन हुआ ,
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी,श्रीमती रत्ना सिंह,डॉ मधुलिका सिंह, विनोद शर्मा, माधव ओत्तालवार, राकेश शर्मा,विश्वम्भर गुलहरे, विनोद साहू,सीमा घृतेश,स्वर्णा शुक्ला,प्रियंका यादव, सुदेश नन्दिनी, वीरेंद्र सारथी,सुभाष ठाकुर,गौरव ऐरी, शाहिद कुरैशी,रेखेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित थे।
