देवरीखुर्द, 19 अक्टूबर: स्थानीय पार्षद लक्ष्मी यादव पर लगातार अवैध कब्जे की मिल रही शिकायतों के बाद शुक्रवार को राजस्व विभाग का अमला देवरीखुर्द स्थित सतबहिनिया मंदिर की जमीन पर पहुंचा और जांच की। मौके पर पहुंचकर अमले ने पाया कि जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। स्थानीय लोग लगातार इस पर कब्जे की शिकायतें करते आ रहे थे।मगर निगम प्रशासन मौन था ।
और राजस्व अमला और नगर निगम की टीम जांच करने पहुंची ।


क्षेत्रवासियों के उग्र आंदोलन की चेतावनी के बाद
राजस्व अमला और नगर निगम की टीम जांच करने पहुंची ।
पटवारी ने विधिवत पार्षद लक्ष्मी यादव , मंदिर समिति के सदस्य , स्थानीय नागरिक और नगर निगम को नोटिस जारी कर स्थल निरीक्षण में उपस्थित रहने का समय दिया ।
राजस्व अमले की जांच के दौरान जनता बड़ी संख्य में मौके पर मौजूद थे, लेकिन किसी ने पंचनामा के दौरान अपना नाम उजागर नहीं किया। राजस्व अधिकारियों के मुताबिक, जांच में स्पष्ट रूप से यह पाया गया कि सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण और कब्जा किया जा रहा है। हालांकि, किसी भी कब्जाधारी ने मौके पर अपनी पहचान बताने से इंकार कर दिया, जिससे कार्यवाही में कुछ दिक्कतें आईं।

शासकीय सेवा में कार्यरत आंगन बाड़ी सहायिका पुष्पा वर्मा ने कबूल किया एक हिस्सा में जो आंगन बाड़ी के पीछे है उस पर कब्जा कर रही थी , जल्द महिला बाल विकास विभाग द्वारा भी विभागीय कार्यवाही की जा सकती है
दूसरे हिस्से में अनीता मार्को नमक आदिवासी विधवा महिला का दस वर्ष से मकान बना कर रही है जिसे पंचायत द्वारा पट्टा और कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त है । आगे 4 ब्लॉक में नए कब्जे किए जा रहे थे जिसकी शिकायत लगातार की जा रही थी ।
इस मामले में मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले कई महीनों से इस जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था और उन्होंने कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत की थी। मंदिर ट्रस्ट के सचिव सुभाष जायसवाल ने बताया कि, “हमने बार-बार प्रशासन को शिकायत की, लेकिन कार्रवाई में देरी होती रही। अब जाकर राजस्व अमला मौके पर आया है, और हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।”
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजू कश्यप ने बताया कि मंदिर की जमीन पर भाजपा शासन काल में कब्जा करना बहुत ही निंदनीय है सरकार हमें न्याय दे जब पार्षद ही कब्जे में शामिल हो तो जनता अपनी गुहार कहा लगाए।

राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में यह भूमि स्वच्छता उपयोग हेतु दर्ज है और किसी भी प्रकार का निजी कब्जा अवैध है। अब पंचनामा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि यदि आवश्यक हुआ तो अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
यह भी बताया जा रहा है कि उक्त जमीन पर कब्जे के मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप की भी संभावना है, क्योंकि पार्षद लक्ष्मी यादव का नाम इस मामले में पहले भी सामने आ चुका है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी और सख्ती से कार्रवाई करता है, ताकि सरकारी जमीन को मुक्त कराया जा सके और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।
