4 अप्रैल 2025, शुक्रवार को गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के परिसर में स्थित मां काली मंदिर प्रांगण में नवरात्रि के शुभ अवसर पर बेहद निंदनीय घटना सामने आई है। मंदिर में पूजा-पाठ के समय, MSF (Muslim Students Federation) से जुड़े कुछ बाहरी लोग परिसर में जबरन घुस आए और मंदिर में भारी उत्पात मचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इन लोगों ने चप्पल-जूतों सहित मंदिर में प्रवेश किया, अशोभनीय और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया, गाली-गलौज की और धार्मिक स्थल की पवित्रता भंग की। यही नहीं, जब विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने इस आपत्तिजनक कृत्य को रोकने की कोशिश की, तो उन्हें न सिर्फ मारने की धमकी दी गई, बल्कि उनके साथ मारपीट भी की गई।
इस घटना ने हिन्दू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुँचाई है। नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व के दौरान मंदिर में इस प्रकार का अपमानजनक और आक्रामक आचरण सीधे तौर पर हिन्दू धर्म और उसकी मान्यताओं का अपमान है।
यह कोई पहली घटना नहीं है जहाँ MSF पर इस प्रकार के आरोप लगे हों। विश्वविद्यालय परिसर में पहले भी कई बार MSF से जुड़े छात्रों पर धार्मिक और सामाजिक माहौल को खराब करने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इस बार यह घटना सीधे एक मंदिर और आस्था पर हमला मानी जा रही है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि एक मुस्लिम छात्र संगठन, जो दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के बजाय मंदिर प्रांगण में इस तरह का कृत्य कर रहा है, वह न केवल सामाजिक सौहार्द्र के लिए खतरा है, बल्कि यह धार्मिक असहिष्णुता और नफरत फैलाने का प्रयास भी प्रतीत होता है।
जब अपने देश में रहने वाले संगठन और छात्र इस प्रकार के व्यवहार में शामिल होते हैं, तो यह सोचने पर मजबूर करता है कि धार्मिक सहिष्णुता और एकता की बात करने वाले समाज को किस दिशा में ले जाया जा रहा है। यह घटना विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि यदि ऐसे तत्वों पर तुरंत और कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में इससे भी गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
