किसान नेता राकेश टिकैत द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द न करने की सलाह ने राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। टिकैत ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को रद्द नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पड़ोसी देश के किसानों को नुकसान होगा। उनके इस बयान के बाद, भाजपा किसान मोर्चा के नेताओं ने उन्हें पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया है।
बी. पी. सिंह का विरोध
भाजपा किसान मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष बी. पी. सिंह ने राकेश टिकैत के बयान को निंदनीय और देशद्रोही करार दिया है। उन्होंने कहा, “यदि राकेश टिकैत को पाकिस्तान पसंद है, तो उन्हें वहीं चले जाना चाहिए। सरकार के खिलाफ इस तरह के बयान देना उचित नहीं है। प्रदेश के किसान इस बयान से आक्रोशित हैं , इस कृत्य के लिए राकेश टिकैत पर देश द्रोह की धारा लगाई जानी चाहिए ।”
राकेश टिकैत के बयान ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में तीखी बहस छेड़ दी है। भाजपा नेताओं ने उनके बयान को देशविरोधी करार दिया है और उनसे माफी की मांग की है। वहीं, टिकैत ने सरकार के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है। यह विवाद दर्शाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सार्वजनिक बयानों को लेकर कितनी सतर्कता बरतनी आवश्यक है।
