बिलासपुर: बिलासपुर-कोनी रोड पर एक बिल्डर द्वारा मुख्य मार्ग से लगे नाले को पाटकर बनाई गई अवैध सड़क पर आखिरकार निगम का बुलडोजर चल गया।निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर नाले के ऊपर बनाई गई सीसी रोड को पूरी तरह से उखाड़ दिया। अब इस तोड़फोड़ की कार्रवाई में आए खर्च की वसूली भी बिल्डर से की जाएगी।
दरअसल, बिलासा ताल के पास एक बिल्डर ने लालच में आकर सरकारी नाले की जमीन पर कब्जा कर लिया था। उसने लगभग 100 मीटर तक नाले को पाटकर एक सड़क बना ली थी, जिससे उसकी प्लाटिंग बिलासपुर-रतनपुर मुख्य मार्ग से सीधे जुड़ गई। बिल्डर इस अवैध सड़क को अपनी प्लाटिंग का मुख्य मार्ग बताकर लोगों को महंगे दामों पर जमीन बेचने की फिराक में था।
इस अवैध निर्माण की शिकायत जब कलेक्टर तक पहुंची, तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए एसडीएम को जांच के आदेश दिए। एसडीएम ने मौके का मुआयना किया और तहसीलदार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। तहसीलदार की जांच में सड़क को अवैध पाया गया, जिसके बाद एसडीएम ने निगम कमिश्नर को इसकी सूचना दी और कार्रवाई करने के लिए कहा।
निगम की टीम ने बिना किसी देरी के मौके पर पहुंचकर बुलडोजर से अवैध सड़क को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है, जिन्होंने बिल्डर की इस हरकत पर नाराजगी जताई थी।
वहीं, देवरीखुर्द क्षेत्र में भी अवैध प्लाटिंग का गोरखधंधा लगातार जारी है। सतबहिया मंदिर क्षेत्र और बूटा पारा विजय नगर क्षेत्र में भी कई जगहों पर भूमि को बिना रेरा और टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग के प्लॉट बेचे जा रहे हैं। एसडीएम मनीष साहू ने इस मामले पर भी सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि देवरीखुर्द में भी जल्द ही अवैध प्लाटिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में सरकारी जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों में हड़कंप मच गया है। प्रशासन की इस सख्ती से उम्मीद है कि शहर में अवैध प्लाटिंग और सरकारी जमीनों पर कब्जे की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी।
