बिलासपुर। जमुना पाली बुड़बुड़ कोयला खदान के शुरू होते ही रतनपुर से सेंदरी तक के कोयला डिपो संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शासन की सख्त गाइडलाइन के अनुसार अब खदान से 25 किलोमीटर की एयर डिस्टेंस के भीतर कोयले का भंडारण पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे में इस क्षेत्र में संचालित कोल डिपो का लाइसेंस अब नवीनीकृत नहीं किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि यदि कोई डिपो संचालक अफरा-तफरी या अनियमित गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसका लाइसेंस समयपूर्व रद्द कर दिया जाएगा। इस निर्णय से रतनपुर, बेलतरा, सेंदरी और आसपास के गांवों में संचालित कोल डिपो संचालकों में हड़कंप मच गया है। कुछ लोगों ने अपने डिपो बचाने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक संपर्क सक्रिय करने शुरू कर दिए हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि कोयला चोरी में लिप्त कई डिपो पर पुलिस किसी भी वक्त छापा मार सकती है।
इस समय रतनपुर क्षेत्र में आठ प्रमुख कोल डिपो संचालित हैं, जिनके लाइसेंस की अवधि आगामी वर्षों तक है, लेकिन नए आदेश के बाद उनका भविष्य अधर में है। इनमें अरपा फ्यूल प्रा. लि., कोलमेन लॉजिस्टिक, जगदम्बे ट्रेडिंग, जय अंबे कोलबेनिफिकेशन, कश्यप कोल डिपो, बालाजी ट्रेडर्स, तारा ट्रेडर्स और रमाकांत मौर्य कोल डिपो शामिल हैं।
