जमीन माफिया बेखौफ, प्रशासनिक चुप्पी से जनता में नाराजगी

बिलासपुर। । मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बावजूद बिलासपुर के घुरू, मेन्ड्रा, अमेरी और अब तोरवा देवरीखुर्द सहित महमंद क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का सिलसिला थम नहीं रहा है।

सकरी और बिलासपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले इन इलाकों में जमीन माफिया बेखौफ होकर खेती की जमीनों पर प्लॉट काटकर बेच रहे हैं। प्रशासनिक मौन और निगम की निष्क्रियता ने इस गोरखधंधे को और बढ़ावा दिया है।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, घुरू पटवारी हल्का में एक कथित जमीन माफिया के संरक्षण में खुलेआम रजिस्ट्री, नामांतरण और बी-1 दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं।

आरोप है कि पटवारी और तहसील के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से खेती की जमीनों को टुकड़ों में बांटकर अवैध प्लाटिंग की जा रही है।

गोकुलधाम स्थित खसरा नंबर 624, मेन्ड्रा के खसरा नंबर 700/3

और अब देवरीखुर्द में भी इसी प्रकार के मामले सामने आए हैं, जहां खेती की भूमि पर अवैध कॉलोनियों का विकास किया जा रहा है।

  सबसे चिंताजनक बात यह है कि सरकारी नहर की जमीन पर भी कॉलोनी की सड़क बना दी गई है, लेकिन अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई। मास्टर प्लान 2031 के तहत घुरू क्षेत्र को मिनी बिलासपुर के रूप में विकसित किया जाना है, फिर भी वहां खुलेआम जमीनों की अवैध खरीद-बिक्री जारी है।

कलेक्टर अवनीश शरण के स्थानांतरण के बाद से इस अवैध गतिविधि में तेज़ी आई है। निगम और राजस्व विभाग की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि “सब कुछ सेट है,” और यही कारण है कि किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं की जा रही।

इस मामले में सकरी तहसीलदार का कहना है कि संबंधित पटवारी को निर्देश दिए जाएंगे और चिन्हित खसरा नंबरों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

देर से सही मगर राजस्व अमला हरकत में आता हुआ दिख रहा है , जल्द ही सर्वे कर अवैध प्लाटिंग की जांच और कार्यवाही की जाएगी ।