बिजली की दर वृद्धि और अघोषित बिजली कटौती से छत्तीसगढ़ की जनता परेशान-बालक साहू (जिलाध्यक्ष बालोद)

बिजली की दर वृद्धि और अघोषित बिजली कटौती से छत्तीसगढ़ की जनता परेशान-बालक साहू (जिलाध्यक्ष बालोद)

गुजरात की कंपनी का जेब भरने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की जेब काटने का प्रयास – प्रकाश सोनकर (जिला उपाध्यक्ष बालोद)

बालोद, 24 जून 2025। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष बालक साहू ने 1 जुलाई से बिजली दर में वृद्धि और समय हो रही अघोषित कटौती पर कहा है कि बिजली दर-दर की वृद्धि से आम जनता पर हर माह अतिरिक्तभार पड़ेगा, विद्युत कंपनी को ऐसा नहीं करना चाहिए।उन्होंने कहा कि अघोषित बिजली कटौती से जनता को तमाम तरह की परेशानियाँ झेलनी पड़ रही, बिजली के बिना सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सभी प्रकार के काम मे रुकावट आ रही, इस कमी से जो व्यक्तीगत परेशानियाँ झेलनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ बिजली सरप्लस राज्य है प्राकृतिक संसाधन से परिपूर्ण,यही वजह है कि देश के 5 ऐसे प्रदेश जो बिजली देश भर के राज्य को बेचते हैं उसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है I

जिला उपाध्यक्ष प्रकाश सोनकर ने बताया कि बिजली दर जो बढ़ा रहे हैं उसमें जो सबसे बड़ी बात है कि ट्रांसपोर्टिंग का रेट जो है यह 780 रुपए दे रहे हैं गुजरात की कंपनी अदानी को, जबकि उसी काम को गुजरात की कंपनी 350 रूपये में दूसरे ट्रांसपोर्टेरों को देती है। मतलब सरकार ने जानबूझकर ज्यादा रेट में काम दिया हुआ है। सरकार को अपने खर्चो में कटौती करनी चाहिए, आपने 4 कंपनी बनाई है जिसमें हर कंपनी में अधिकारी और कर्मचारी हैं, अगर 1 कंपनी होती तो अतिरिक्त 3 कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारी के वेतन और खर्चो की बचत होती। आप विद्युत कंपनियों के खर्चे कम नहीं कर रहे जिसकी भरपाई छत्तीसगढ़ की जनता से बिजली दर में बढाकर की जा रही है। बिल में हर माह ऊर्जा प्रभार के साथ अनेक गैरजरुरी चार्ज लिए जातें हैं। विगत कुछ माह पूर्व ही सरकार ने कमर्शियल का रेट बढ़ाया था जिसे व्यापारियों ने अपने सामान का रेट बढ़ाकार जनता से ही वसूला जा रहा है।विद्युत कंपनिया छत्तीसगढ़ की जनता की जेब काटने का काम कर रहे हैं और अपने खास को निजी फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

रोहित साहू जिला अध्यक्ष RTI विंग ने कहा कि अभी हाल ही मैं 1000 मेगावाट की बिजली का अनुबंध MoU छत्तीसगढ़ प्रदेश ने तेलंगाना से भी किया है I फिर भी, नियामक आयोग द्वारा “घाटे” का हवाला देकर दरों में वृद्धि करना तर्कसंगत नहीं प्रतीत होता , बल्कि भ्रष्टाचार का अंदेशा भी प्रतीत होता है । जिस प्रदेश के नागरिकों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए उस प्रदेश के नागरिकों को अब सबसे महंगी बिजली मिलनी जा रही I

रोशन सार्वा जिलाध्यक्ष ओबीसी विंग ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार को बिजली दर वृद्धि के फैसले को वापस लेना चाहिए और प्रदेश के उपभोक्ताओ को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाये, यही छत्तीसगढ के विकास का सार्थक मूल हैं I

पंकज जैन जिला मीडिया प्रभारी ने कहा कि यदि सरकार बढ़ी हुई बिजली दर को वापिस नहीं लेती है और अगर असमय बिजली कटौती करती है तो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी आम जनता के लिए सड़क की लड़ाई लड़ेगी।

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