आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस आज दे रही लोकतंत्र की दुहाई-धरमलाल कौशिक
आपातकाल में कांग्रेस ने संवैधानिक मर्यादाओं को पैरोंतले रौंदा-धरमलाल कौशिक
कांग्रेस ने संवैधानिक व्यवस्था के बदले देश को दिया आपातकाल-धरमलाल कौशिक
इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1925 को लागू किए आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर आज जिला भाजपा कार्यालय में बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जो कांग्रेस आज संविधान की दुहाई देकर लोकतन्त्र बचाने का नाटक कर रही है उसी कांग्रेस के एक सशक्त नेतृत्व ने 25 जून 1925 की रात देश को आपातकाल में झोंक दिया तब की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिर्फ अपनी सत्ता जाने के भय से ना केवल लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया अपितु लोकतांत्रिक संस्थाओं, निष्पक्ष न्यायपालिका और प्रेस की स्वतंत्रता को अपने पैरों तले रौंदा आपातकाल के 50 वर्ष हो जाने के बाद भी आज कांग्रेस उसी आपातकाल वाले मानसिकता से ग्रस्थ दिखाई देती है आज भी कांग्रेस शासित राज्यों में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि वहां विरोधीयों का दमन,धार्मिक तुष्टिकरण और सत्ता का अहंकार खुलेआम दिखाई देता है
श्री कौशिक ने बताया कि 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय जिस पर इंदिरा गांधी को चुनाव में दोषी ठहराया गया और उन्हें 6 वर्षों तक किसी भी निर्वाचित पद पर रहने से अयोग्य करार दिया इससे राजनीतिक अस्थिरता तेजी से उभरी और सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आंतरिक अशांति का हवाला देकर राष्ट्रपति के माध्यम से आपातकाल लगवा दिया जिसके परिणाम में रातों-रात प्रेस की बिजली काट दी गई नेताओं को बंदी बना लिया गया संविधान के अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को रौंदा गया सांसद और न्यायपालिका को अपंग बना दिया गया संविधान के आड़ में रोटी सेंकने वाली कांग्रेस ने एक झटके में देश की संवैधानिक व्यवस्था को तानाशाही में बदल दिया
बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि आजादी के वर्षों बाद भी परिवारवाद में जकड़ी हुई कांग्रेस ने तब इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा जैसे नारे कांग्रेस की उसे मानसिकता को दर्शाते थे जिसके तहत इंदिरा गांधी ने देश को व्यक्ति पूजा और परिवार वाद की प्रयोगशाला बना दिया था सत्ता की चाबी सिर्फ एक खानदान विशेष के पास ही रखने की शुरू से ही हिमायत करने वाली कांग्रेस ने एक गैर निर्वाचित और गैर संवैधानिक पद के व्यक्ति इन्दिरा गांधी के सुपुत्र संजय गांधी द्वारा देश की नीतियों पर निर्णय लिया जाने लगा जो आपातकाल में कांग्रेस की अघोषित सट्टा का असली केंद्र बन चुका था निशा जैसे काले कानून के जरिए एक लाख से अधिक नागरिकों को बिना किसी मुकदमे की जेल में ठोस दिया गया जिनमें श्री जयप्रकाश नारायण अटल बिहारी वाजपेई श्री लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी श्री राजनाथ सिंह सहित तमाम वरिष्ठ पक्षी नेता और पत्रकार शामिल थे यहां तक की कांग्रेस शासन ने छात्रों तक को जेल में सड़ने पर मजबूर कर दिया था आपातकाल के इस कल दौर में कांग्रेस ने न्यायपालिका पर कभी न भरने वाले घाव दिए इंदिरा गांधी ने जस्टिस एच आर खन्ना जैसे ईमानदार जज को सीनियर होने के बावजूद मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया क्योंकि उन्होंने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया था
इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को महफूज रखने के लिए संविधान में 39 वांऔर 42 वां जैसा क्रूर और अलोकतांत्रिक संशोधन किया जिसके तहत प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष पदों को न्यायिक समीक्षा से पार कर दिया
इमर्जिंग इमरजेंसी की विभीषिका पर प्रकाश डालते हुए श्री धरमलाल कौशिक ने बताया कि इमरजेंसी काल में कांग्रेस सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आपातकाल के दौरान यदि किसी नागरिक को गोली मार दी जाए तब भी उसे अदालत जाने का अधिकार नहीं है गरीबों के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने का स्वांग रच रहे राहुल गांधी या कैसे भूल जाते हैं कि उनकी दादी इंदिरा ने दिल्ली के तुर्कमान गेट पर अपने घरों को बचाने के लिए गुहार लगाने वाले गरीबों पर गोलियां चलवाई थी यह कांग्रेस की गरीबी हटाओ की नीति को चरितार्थ करती है कांग्रेस ने सिर्फ अपनी सत्ता को बचाने के लिए बल्कि वैचारिक एजेंडे को थोपने के लिए भी संविधान के साथ खिलवाड़ किया संविधान में संशोधन कर धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़े गए ताकि कांग्रेस अपने वैचारिक एजेंडे को राष्ट्र पर थोप सके इसी संशोधन से आपातकाल की अवधि बढ़ा दी गई और राष्ट्रपति को संसद की पूर्व मंजूरी के बिना आपातकाल घोषित करने का अधिकार मिल गया
श्री कौशिक ने कहा कि जब जब कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया गया है उसने ना जनादेश का सम्मान किया और ना विपक्ष की गरिमा बनाई रखी है वह आज भी लोकतंत्र को तभी मानती है जब कुर्सी उसके पास हो कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार की मानसिकता आज भी हम ही राष्ट्र हैं की सोच से बंधे हैं और यही कारण है कि उन्हें जनता का स्पष्ट बहुमत भी हमेशा लोकतंत्र पर संकट नजर आता है और इसी सोच के कारण है कि सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाना और देश की छवि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खराब करना कांग्रेस की रणनीति बन चुकी है जब देश हर मोर्चे पर प्रगति कर रहा है तब कांग्रेस सरकार की हर उपलब्धि को झूठलाने में लगी है यह वही नकारात्मक मानसिकता है जिसे 1975 में देश को पीछे खींचा था कांग्रेस जब देश की सुरक्षा सैन्य कार्यवाही या विदेश नीति पर जिस तरह से सवाल उठाती है वह केवल राजनीतिक अवसरवाद नहीं बल्कि राष्ट्र हित के विरुद्ध तर्कहीन विरोध है आपातकाल आजादी के बाद देश में पहली बार हुई ऐसी घटना है जिसमें सरकार ने राष्ट्र के शत्रु नहीं बल्कि अपनी जनता को ही बंदी बना लिया आज भी कांग्रेस इस मानसिकता के साथ चल रही है सिर्फ तरीकों में बदलाव हुआ है नियत आज भी वैसे ही तानाशाही वाली है इस अवसर पर भाजपा जिला शहर के अध्यक्ष दीपक सिंह जिला मीडिया प्रभारी प्रणव शर्मा समदरिया उपस्थित थे
