रायपुर :छत्तीसगढ़ में चल रही धान खरीदी प्रक्रिया में किसानों को हो रही व्यावहारिक दिक्कतों को लेकर आज भाजपा किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह ठाकुर के नेतृत्व में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप तथा कृषि मंत्री रामविचार नेताम से मुलाकात किया। मिल रही शिकायतों और जमीनी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह मुलाकात अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

प्रदेश में इस समय युद्धस्तर पर धान खरीदी जारी है। सरकार ने खरीदी को सुचारू, पारदर्शी और तेज़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद कई जिलों में किसानों को टोकन जारी होने में देरी, पोर्टल/ऐप में तकनीकी खामियां, खरीदी केन्द्रों में प्रतिदिन सीमित क्षमता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इन्हीं मुद्दों को लेकर किसान मोर्चा ने आज मंत्रियों के सामने व्यापक और तथ्यपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की। प्रतिनिधि मंडल ने मांग रखी कि
- धान बेचने के लिए टोकन कटवाने की लिमिट को बढ़ाया जाए ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके
- पोर्टल-ऐप की तकनीकी दिक्कतों का त्वरित समाधान किया जाए ।
- दूरदराज़ व बांध-नहर प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त खरीदी शिविर लगाए जाएं
सहकारिता एवं कृषि मंत्री दोनों ने किसान मोर्चा की मांगों को गंभीरता से सुना और विश्वास दिलाया कि धान खरीदी प्रक्रिया को अधिक सुगम व निर्बाध बनाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज का एक-एक दाना खरीदना सरकार की प्रतिबद्धता है और किसी भी किसान को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
राज्य में 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी चल रही है।
अब तक 2.23 मिलियन टन (22.3 लाख मीट्रिक टन) से अधिक धान खरीदा जा चुका है।
इस खरीदी से लगभग 4,39,511 किसानों ने अपनी उपज बेची है।
धान की खरीदी MSP ₹3,100 प्रति क्विंटल (छत्तीसगढ़ सरकार के अतिरिक्त इनपुट सब्सिडी सहित) पर हो रही है।
किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में 6-7 दिनों के भीतर किया जा रहा है।
खरीदी में टेक्नोलॉजी आधारित सिस्टम के कारण भुगतान प्रक्रिया काफी पारदर्शी और तेज़ हो रही है।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक सिंह ठाकुर ने कहा कि किसान मोर्चा हर खेत, हर किसान की आवाज सरकार तक मजबूती से पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भरोसा जताया कि शीघ्र ही राज्य के किसान भाई वे सभी सुधार महसूस करेंगे जिनकी आज आवश्यकता जताई गई है ।

