लिंगियाडीह आये पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर विधायक सुशांत शुक्ला ने लगाए आरोप

सरकारी जमीनों के ख़रीद फरोख्त में संलिप्त हैं भूपेश बघेल-सुशांत शुक्ला

लिंगियाडीह बचाओ आंदोलन के समर्थन में बिलासपुर पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कड़े शब्दों में हमला बोला है। विधायक शुक्ला ने भूपेश बघेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या भूपेश बघेल शासकीय संपत्तियों पर अवैध कब्जे को संरक्षण देने आए हैं..? क्या भूपेश बघेल भी  सरकारी सम्पत्तियों के खरीद फ़रोख़्त में संलिप्त हैं ..? और इसीलिए सरकारी सम्पत्तियों को लूटने वालों के समर्थन में खड़े हैं

विधायक सुशांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान स्थानीय कांग्रेस पार्षद द्वारा राजीव गांधी न्याय पट्टा योजना के तहत सर्वे कराया गया, जिसमें 124 लोगों से पांच–पांच हजार रुपये की वसूली की गई, लेकिन आज तक किसी को पट्टा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस कथित वसूली और पट्टे न मिलने की जिम्मेदारी किसकी है।

उन्होंने आगे सवाल किया कि जिस आंदोलन को संरक्षण देने के लिए भूपेश बघेल बिलासपुर आए हैं, क्या उसी शासकीय भूमि पर वर्तमान कांग्रेस पार्षद का व्यवसायिक कार्य नहीं चल रहा है..? यदि ऐसा है तो जनता के सामने सच क्यों नहीं रखा जा रहा है।

विधायक सुशांत शुक्ला ने मीडिया के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि क्या वे वर्तमान कांग्रेस पार्षदों और बड़े नेताओं के नाम सार्वजनिक करने का साहस दिखाएंगे। उन्होंने कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव और पार्षद दिलीप पाटिल का नाम लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पहले भी और अब भी शासकीय संपत्तियों को लूटने का काम किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित आंदोलनकारी स्वयं हाईकोर्ट गए, लेकिन वहां वे अपने कब्जे को सिद्ध नहीं कर पाए। नगर निगम का स्पष्ट पक्ष है कि पात्र कब्जाधारियों को विधिवत स्थापित कर उनके आवास की व्यवस्था की जाएगी। इसके बावजूद सड़क चौड़ीकरण जैसे जनहितैषी कार्यों में बाधा डालकर भूपेश बघेल आखिर क्या सिद्ध करना चाहते हैं?

विधायक शुक्ला ने आंदोलन के स्वरूप पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर कार्यक्रम किया जा रहा है, वहां नाचा–गाना, भोजन और प्रसादी बांटकर भीड़ जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कौन सा आंदोलन है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी जमीनों की खरीद–फरोख्त में भी संलिप्तता के गंभीर आरोप पूर्व मुख्यमंत्री पर लग रहे हैं।

अंत में विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि बेजा कब्जे की राजनीति अब नहीं चलेगी, और शासकीय जमीनों की रक्षा तथा विकास कार्यों को हर हाल में आगे बढ़ाया जाएगा।

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