छत्तीसगढ़ सरकार में टूट ?? विपक्ष को बना सकती है और ज्यादा मजबूत….पढ़िए पूरी खबर*

छत्तीसगढ़ में सरकार के भीतर सब ठीक चल रहा था, तभी एकाएक सरकार के ढाई वर्ष पूर्ण होते ही अजीब सी सुगबुदाहट और हलचल पैदा हो गई। देखते ही देखते सरकार के भीतर ही एक अजीब सा असंतुलन का माहौल बन उठा फिलहाल तस्वीरें अबतक स्पष्ट नहीं है की राज्य का भविष्य क्या होगा ? मगर, भारतीय जनता पार्टी मिशन 2023 के टारगेट को लेकर अब तेजी से काम कर रही है. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी की नियुक्ति के बाद ही उन्होंने प्रदेश के गुटीय राजनीति को साधने का प्रयास किया था. यहीं नहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ में चल रहे सियासी झगड़े के बीच अपने लिए उम्मीद को एक बड़ी लौ भी देख ली है, हो ना हो सरकार के भीतर चल रहे खींच तान का कहीं न कहीं असर आगामी चुनावों में दिख सकता है,
मिशन 2023 के लिए रोड मैप को लेकर भी प्लान तैयार किया है. जिसके आधार पर ही उन्होंने मजबूत विपक्ष बनाने के लिए जोर दिया है. यहीं वजह है कि अब हो रहे उनके दौरे के पहले ही छत्तीसगढ़ में लंबे समय से अटके हुए जिला संभाग और प्रदेश प्रकोष्ठ के तमाम पदों पर नियुक्ति कर दी गई है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में मजबूत विपक्ष लाने में भाजपा को नए लोगों को मौका देना जरूरी होगा.

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के संगठन महामंत्री के रूप में सौदान सिंह सबसे पावरफुल लीडरों में शुमार थे. एक समय ऐसा माना जाता था कि वे मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी ज्यादा पावरफुल रहे हैं. उनके इशारे पर ही संगठन के तमाम पदों पर नियुक्तियां की जाती रही है. बीते लंबे समय से छत्तीसगढ़ में दबी जुबान से उनके खिलाफ माहौल बन रहा था. कार्यकर्ताओं में भी उनके नाम को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही थी. बीते दिनों आदिवासी लीडरों की बैठक में भी उनके व्यवहार को लेकर चर्चा की गई थी. अब ये आलाकमान का बड़ा फैसला माना जा रहा है कि प्रदेश की नई प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के दौरे के ठीक पहले ही सौदान सिंह का पत्ता काट दिया गया है. फिलहाल यह तो स्पष्ट है यदि स्थिति आगामी दिनों में भी सरकार के भीतर ऐसी ही बनी रही तो, निसंदेह इसका फायदा विपक्ष यानि भाजपा को जरूर पहुंचेगा
क्योंकि सरकार में खींचतान विपक्ष सहित तमाम पार्टियों के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है।