*रानी सती दादी का ऑनलाइन प्रशिक्षण से तैयार म्यूरल चित्र जीवंत प्रतीत* निबेदिता भट्टाचार्य
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा नित्य आयोजित कार्यक्रम में 24 सितंबर शुक्रवार को गूगल मीट पर ऑनलाइन निशुल्क कार्यशाला में *रानी* *सती दादी जी* का म्यूरल चित्र बनाना सिखाया गया। शिक्षिका आर्ट एंड क्राफ्ट की प्रशिक्षिका निवेदिता पंडा कोरबा ने सभी बहनों को लाइव प्रशिक्षण दिया।
*डॉ अनीता अग्रवाल अध्यक्ष* ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया गत साढ़े सात माह से नित्य गूगल मीट पर ऑनलाइन कार्यक्रम में अलग अलग विधाओं के विशेषज्ञ को बुला सदस्यो के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम और प्रशिक्षण दिए जाते है।
उन्होंने बताया कला ही आत्मिक शान्ति का माध्यम है। यह कठिन तपस्या है, साधना है। इसी के माध्यम से कलाकार सुनहरी और इन्द्रधनुषी आत्मा से स्वप्निल विचारों को साकार रूप देता है। कला में ऐसी शक्ति है जो लोगों को संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठाकर उसे ऐसे ऊँचे स्थान पर पहुँचा देती है जहाँ मनुष्य अपनी सृजनात्मकता क्षमता से जीवित कलाकृतियां बना डालता है।
उन्होंने डिजिटल तिलक लगा श्री फल मनी प्लांट का पौधा भेट कर *मुख्य अतिथि प्रशिक्षिका निबेदिता भट्टाचार्य का स्वागत किया*।
*हेमलता मित्तल* ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का श्री गणेश गणेश वंदना और पितरों के भजन से किया गया।
*मुख्य अतिथि निवेदिता पांडा प्रशिक्षिका आर्ट एंड क्राफ्ट* ने अपने उद्बोधन में आयोजको को इतने सुंदर आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने बताया पूरा जीवन कला का प्रतिरूप है बस हमे थोड़ा निखारने की आवश्यकता है।थोड़े से प्रयास से इसे बहुत सुंदर बना सकते है।
*कार्यक्रम की संचालिका एवम संयोजिका उमा बंसल* ने बताया
निवेदिता मैडम ने हर स्टेप को बड़े सरल भाषा में सभी को सिखाया। इस प्रशिक्षण में अलग अलग राज्यों की लगभग 35 बहनों ने इसे सिख कर सफलता पूर्वक अपना अपना चित्र पूरा बनाया। चित्र पूर्ण होने पर जीवंत प्रतीत हुआ। *सभी प्रतिभागियों को डिजिटल प्रशस्ति पत्र* प्रदान किया गया।
मुरल आर्ट द्वारा चित्र पूर्ण होने पर प्रशिक्षिका निवेदिता भट्टाचार्या मैडम को *स्मृति चिन्ह प्रदान* कर उन्हे इस निशुल्क प्रशिक्षण ,प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया गया।
*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने कहा मातृशक्ति में सृजनात्मक की कला रहती है बच्चों को सकारात्मक कार्य में लगा कर उनकी कला को निखारना माताओं का ही कार्य है ।इस कला को बच्चे सीख कर अपने ईश्वर की मूर्तियां बना कर
योग पूजा करें तो उन्हें बहुत खुशी होगी
संपूर्ण श्रृष्टि को प्रदूषण मुक्त, हरियाली से परिपूर्ण बनाए रखने की मंगल कामनाओ के साथ *शांति पाठ* द्वारा विधिवत कार्यक्रम समापन किया गया।
*कार्यक्रम के सभी सदस्य* बबली अग्रवाल, मीरा अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, भगवती अग्रवाल,उमा बंसल, गिरिजा गोयल, हेमलता मित्तल, मनीषा अग्रवाल, नीलिमा गोयल, रंजना गर्ग, नीता अग्रवाल, निबेदिता बनर्जी, निशा गुप्ता, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, रानू अग्रवाल, रेखा गर्ग, ऋषिका अग्रवाल, रुचि अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, सरिता गोयल, सीमा गुप्ता, शेफाली कलानोरिया, शैलजा जिंदल, शिखा गर्ग, सिया अग्रवाल, सुनील जैन, तुषार सिंघानिया, वंदना अग्रवाल, उषा कलानौरिया, कुसुम अग्रवाल, सरला लोहिया, सुलोचना धनावत की सक्रीय सहभागिता रही।
