अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़
प्रांत द्वारा विगत दस माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 8/12/2021 बुधवार को *विवाह पंचमी,नेता तेज बहादुर सप्रू की जन्म तिथि,पेशवा बालाजी बाजीराव कि जन्म तिथि,नारायण शास्त्री मराठे जन्म तिथि,बालकृष्ण शर्मा नवीन जन्म तिथि,उदय शंकर जन्म तिथि,अमरनाथ विद्यालंकार जन्म तिथि, भाई परमानंद पुण्य तिथि, जनकवि रमाशंकर यादव पुण्यतिथि, भास्करराव दामले पुण्यतिथि, ऑपरेशन पैथन* पर आयोजित कार्यक्रम।
कार्यक्रम का संचालन *प्रेमलता गोयल* उपाध्यक्ष ने करते हुए कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर शिव भगवान, गणेश भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया।
*सरिया इकाई की अध्यक्षा डिंपल अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और मनी प्लांट का पौधा भेट कर स्वागत किया।उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।
*अशोक अग्रवाल* लैलूंगा से ने गणेश भजन प्रस्तुति से गणेश भगवान को विघ्न हरने की प्रार्थना की।
कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *विवाह पंचमी* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया भगवान राम चेतना के प्रतीक हैं और माता सीता प्रकृति शक्ति की. इसलिए चेतना और प्रकृति का मिलन होने से यह दिन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाना बहुत शुभ माना जाता है.।मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम ने माता सीता के साथ विवाह किया था. इसलिए इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसको विवाह पंचमी भी कहते हैं. भगवान राम चेतना के प्रतीक हैं और माता सीता प्रकृति शक्ति की. इसलिए चेतना और प्रकृति का मिलन होने से यह दिन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाना बहुत शुभ माना जाता है।अगर विवाह होने में बाधा आ रही हो तो वो समस्या दूर हो जाती है. मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है. वैवाहिक जीवन की समस्याओं का अंत भी हो जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है. इस दिन बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है. इस दिन सम्पूर्ण रामचरित-मानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
मुख्य अतिथि *आशा सिन्हा पटना* ने *महान् उदारवादी नेता तेज बहादुर सप्रू की जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया सर तेज बहादुर सप्रू प्रसिद्ध वकील, राजनेता और समाज सुधारक थे। उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले की उदारवादी नीतियों को आगे बढ़ाया और आजाद हिन्द फौज के सेनानियों का मुकदमा लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया* हैदराबाद ने *मराठा साम्राज्य का प्रसिद्ध पेशवा बालाजी बाजीराव की जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया बालाजी बाजी राव को नाना साहेब के नाम से भी जाना जाता है। वे मराठा साम्राज्य के पेशवा (प्रधानमंत्री) थे। इनके शासनकाल में मराठा साम्राज्य अपनी चरम उत्कर्ष पर पहुंचा जहाँ।। बालाजी बाजीराव 1740 में अपने पिता बाजीराव प्रथम की मृत्यु के बाद पेशवा के पद की जिम्मेदारी छत्रपति शाहू ने उन्हें अपना पेशवा नियुक्त किया. और वह चितपावन ब्राह्मण कुल के तीसरे पेशवा थे 1740 में अपने पिता बाजीराव प्रथम कीमृत्यु के बाद यह पेशवा के पद को इन्होंने संभाला 1741 में इन्होंने नागपुर के और बेरार के राजा रघुजी भोसले को बंगाल में अभियान करने के लिए प्रेरित किया था।
विशिष्ट अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *प्रसिद्ध मराठी विद्वान नारायण शास्त्री मराठे की जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया इन्होंने ‘प्रज्ञा मठ’ नामक विद्यालय की स्थापना व सन्न्यास लेने के बाद भी भारतीय शास्त्रों के और हिन्दू दार्शनिक विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए वे जीवन पर्यंत प्रयत्नशील रहे।
विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग गांधीग्राम* ने *आरएसएस के वरिष्ठतम प्रचारक भास्करराव दामले की पुण्य तिथि* पर अपने उद्बोधन में बताया वे गुजरात प्रांत में आरएसएस के अनुषांगिक संगठन पूर्व सैनिक सेवा परिषद, लघु उद्योग भारती के मार्गदर्शक रहे। देश की स्वतंत्रता के कार्य में अपना योगदान देने वाले भास्करराव ने आरएसएस के कार्य विस्तार में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया। आरएसएस पर तीन बार लगे प्रतिबंधों के भी वे साक्षी रहे। उन्होंने 78 वर्ष तक आरएसएस के प्रचारक के तौर पर कार्य किया। गुजरात में आरएसएस के कार्य विस्तार में दामलेजी का अमूल्य योगदान है। उनके साथ कार्य से हमे काफी कुछ सीख उसका अनुसरण करना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजिका कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने *बालकृष्ण शर्मा नवीन की जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया हिन्दी परम्परा और समकालीनता के कवि हैं। उनकी कविता में स्वच्छन्दतावादी धारा के प्रतिनिधि स्वर के साथ-साथ राष्ट्रीय आंदोलन की चेतना, गांधी दर्शन और संवेदनाओं की झंकृतियां समान ऊर्जा और उठान के साथ सुनी जा सकती हैं। आधुनिक हिन्दी कविता के विकास में उनका स्थान अविस्मरणीय है। वे जीवनभर पत्रकारिता और राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े रहे।नवीन जी द्विवेदी युग के कवि हैं। इनकी कविताओं में भक्ति-भावना, राष्ट्र-प्रेम तथा विद्रोह का स्वर प्रमुखता से आया है। आपने ब्रजभाषा के प्रभाव से युक्त खड़ी बोली हिन्दी में काव्य रचना की।उन्हे साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९६० में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
बरद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलामोरिता* ने भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य के नर्तक, नृत्य निर्देशक और बैले निर्माता *उदय शंकर की जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया उदय शंकर भारत में आधुनिक नृत्य के जन्मदाता और एक विश्व प्रसिद्ध भारतीय नर्तक एवं नृत्य-निर्देशक (कोरियोग्राफर) थे जिन्हें अधिकतर भारतीय शास्त्रीय, लोक और जनजातीय नृत्य के तत्वों में पिरोये गए पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य में पश्चिमी रंगमंचीय तकनीकों को अपनाने के लिए जाना जाता है; इस प्रकार उन्होंने आधुनिक भारतीय नृत्य की नींव रखी और बाद में 1920 और 1930 के दशक में उसे भारत, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकप्रिय बनाया और भारतीय नृत्य को दुनिया के मानचित्र पर प्रभावशाली ढंग से स्थापित किया।
*गिरिजा गोयल* ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता तथा सांसद *अमरनाथ विद्यालंकार की जन्म तिथि* अपने अभिव्यक्ति में बताया
अमरनाथ विद्यालंकार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता तथा सांसद थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सेनानियों में से वे एक थे। अमरनाथ विद्यालंकार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। स्वतन्त्रता के बाद 1957 से 1962 तक वे पंजाब सरकार में शिक्षा, श्रम तथा भाषा के मंत्री थे। वे प्रथम, तीसरी और पाँचवीं लोकसभा के सांसद भी रहे।
*कीर्ति अग्रवाल* ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान् क्रांतिकारी *भाई परमानन्द की पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया भाई परमानन्द भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। भाई जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे जहाँ आर्यसमाज और वैदिक धर्म के अनन्य प्रचारक थे, वहीं इतिहासकार, साहित्यमनीषी और शिक्षाविद् के रूप में भी उन्होंने ख्याति अर्जित की थी। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, पं॰ राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, करतार सिंह सराबा जैसे असंख्य राष्ट्रभक्त युवक उनसे प्रेरणा प्राप्त कर बलि-पथ के राही बने थे।देशभक्ति, राजनीतिक दृढ़ता तथा स्वतन्त्र विचारक के रूप में भाई जी का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा। आपने कठिन तथा संकटपूर्ण स्थितियों का डटकर सामना किया और कभी विचलित नहीं हुए।आपने अपने जीवन के संस्मरण भी लिखे हैं जो युवकों के लिये आज भी प्रेरणा देने में सक्षम हैं।
*राखी गर्ग* ने *जनकवि रमाशंकर यादव की पुण्य तिथि* पर अपने उद्बोधन में बताया रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ हिंदी के लोकप्रिय जनकवि हैं। प्रगतिशील परंपरा के इस कवि की रचनाओं का एकमात्र प्रकाशित संग्रह ‘नई खेती’ है। इसका प्रकाशन इनके जीवन के अंतिम दौर २०११ ई में हुआ। वे स्नातकोत्तर छात्र के रूप में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय से जुड़े। यह जुड़ाव आजीवन बना रहा। इनका निधन ८ दिसंबर २०१५ को ५८ वर्ष की अवस्था में हो गया।मंच से मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
वरिष्ट सदस्य *सुलोचना धनावत* ने *ऑपरेशन पायथन* अपने उद्बोधन में बताया *ऑपरेशन पायथन* ऑपरेशन ट्राइडेंट का अनुवर्ती, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची पर किए गए नौसेना के हमले का कूट नाम था। भारत द्वारा कराची बन्दरगाह पर ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत किये गये पहले हमले के बाद, पाकिस्तान ने अपने तट के हवाई निगरानी को बढ़ा दिया क्योंकि अरब सागर में भारतीय नौसेना के बड़े जहाजों की उपस्थिति से उन्हें लगा कि एक और हमले की योजना बनाई जा रही है। पाकिस्तानी युद्धपोतों ने व्यापारिक नौवहन के साथ घुल-मिलकर भारतीय नौसेना को मात देने का प्रयास किया। इन चालों का मुकाबला करने के लिए, 8/9 दिसंबर 1971 की रात को ऑपरेशन पायथन लागू किया गया। एक मिसाइल नाव और दो युद्ध-पोत की एक आक्रमणकारी समूह ने कराची के तट पर जहाजों के समूह पर हमला कर दिया। भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि पाकिस्तानी बेड़े के टैंकर पीएनएस डैका को मरम्मत से परे क्षतिग्रस्त कर दिया गया, और केमेरी ऑयल स्टोरेज पूरी तरह बर्बाद हो गया। कराची बंदरगाह में खड़े दो अन्य विदेशी जहाज भी हमले के दौरान डूब गए।
*पुष्पा अग्रवाल* ने *अभिनेता धर्मेंद्र* के जन्मदिन पर उनकी फिल्मों के बारे में परिचर्चा रख मंच से उन्हें जन्मदिन की बढ़िया प्रेषित की।
*उमा बंसल महासचिव* ने आज के मुख्य समाचार पर प्रकाश सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।
*सम्मेलन के सभी सदस्य* गिरिजा गोयल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, सुलोचना धनावत, निशा गोयल, उमा बंसल, प्रेमलता गोयल, राजबाला अग्रवाल, विजया डालमिया, पुष्पा अग्रवाल,नंदिनी चौधरी,रंजना गर्ग,मंजू गोयल,वंदना अग्रवाल,राखी गर्ग,रेखा गर्ग,कीर्ति अग्रवाल ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
