महापुरूषों के विचार-सूत्र, देश-धरती के समृद्धि का आधार – द्विवेदी

राजनांदगांव. विश्व अहिंसा दिवस के महत्तम परिप्रेक्ष्य एवं माँ भारती के अमर सपूत द्वेय महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर नगर के विचारप्रज्ञ प्राध्यापक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने विशिष्ट विचार विमर्श में बताया कि देश-धरती में राम राज्य की संस्थापना के प्रखर समर्थक महात्मा गांधी जी का समग्र विचार दर्शन सत्य, अहिंसा एवं स्वदेशी अर्थव्यवस्था का प्रबल पक्षधर रहा है। हमारा स्वच्छ भारत अभियान भी महात्मा गांधी जी के ही प्रमुख विचार-सूत्रों पर आधारित है। जय जवान, जय किसान का अमर नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी का संपूर्ण कृतित्व-व्यक्तित्व, सादगी, देश-भक्ति, सत्य-निष्ठा और ईमानदारी की अद्वितीय मिशाल रहा है। आगे समसामयिक संदर्भ चर्चा में प्राध्यापक द्विवेदी ने युवा-किशोर-प्रबुद्ध पीढ़ी को आह्वान्वित करते हुए कहा कि आज की प्रमुख आवश्यकता है देश-धरती की समृद्धि, संविकास यात्रा में सर्व जन-जन की अनिवार्य सहभागिता होनी चाहिए। सभी विशुद्ध रचनात्मकता के साथ अपने घर-आंगन, गली-मोहल्ले को स्वच्छ रखें तथा हरियाली, हरितिमा से भी समृद्ध करें, और मानक स्तरीय जल, मिट्टी, वायु आदि पर्यातत्वों का सतत् संरक्षण, संवर्धन भी करें साथ ही पूर्ण सादगी, ईमानदारी, राष्ट्रबोध्तत्व की अवधारणा को मन-प्राण से धारित करते हुए श्रेष्ठ-श्रेयष्कर नागरिक बन स्व-कर्तव्यों एवं दायित्वों परिपालन भी करें। सहज, सरल अर्थो में महापुरूषों की जन्म-जयंती दिवस मनाने का मूल उद्देश्य भी यही होता है कि हम उनके कृतित्व को, विचार दर्शन को अंतस से स्वीकार कर नित्य जीवन-चर्या, कार्य-व्यवहार में अवश्य लायें। यही महापुरूषों के जन्म-जयंती दिवस का सत्य, सार्थक संकल्प होगा।