अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 5/10/2021 मंगलवार को *रानी दुर्गावती जयंती, महानयिकी महारानी नाइकी देवी, समाजसुधर किशोरी लाल घनश्याम दास मशरूवाला जयंती, पद्म भूषण भगवतीचरण वर्मा के निर्वाण दिवस, शस्त्राघात मृतक श्राद्ध, विश्व शिक्षक दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*महाराजा अग्रसेन भजन गायन प्रतियोगिता में गुजरात की रंजना गर्ग और सुलोचना धनावत रही संयुक्त रूप से प्रथम*

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 5/10/2021 मंगलवार को *रानी दुर्गावती जयंती, महानयिकी महारानी नाइकी देवी, समाजसुधर किशोरी लाल घनश्याम दास मशरूवाला जयंती, पद्म भूषण भगवतीचरण वर्मा के निर्वाण दिवस, शस्त्राघात मृतक श्राद्ध, विश्व शिक्षक दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की *अध्यक्षा डॉ अनीता अग्रवाल* ने बताया आज महाराजा अग्रसेन जयंती के उपलक्ष में *ऑनलाइन महाराजा अग्रसेन गायन प्रतियोगिता* आयोजित की गई।सभी प्रतिभागियों ने उत्साह पूर्वक बढ़ चढ़ कर अपने सुमधुर आवाज में कर्ण प्रिय भजन गायन से पूरा मंच भक्तिमय कर दिया। निर्णायक मंडल के निर्णय के बाद *प्रथम सुलोचना धनावत और रंजना गर्ग*
*द्वितीय हेमलता मित्तल और नीलिमा गोयल*
*तृतीय डिंपल अग्रवाल और मंजू अग्रवाल*
*संतावना मधु अग्रवाल और भगवती अग्रवाल* स्थान प्राप्त किया। सभी विजेताओं को ऑनलाइन प्रशस्ति पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत संचालन कर्ता *उमा बंसल महासचिव* ने पितरों को नमन कर गणेश वंदना और पितरों के भजन से किया।उन्होंने मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता *बेदेहि नंदिनी चौधरी* का जीवन परिचय दे उनका डिजिटल मंच पर पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत कर उनके उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

*मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता बेदेहि नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने वीरांगना रानी दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। अपने उद्बोधन में कालिंजर किले में दुर्गाष्टमी पर जन्मी दुर्गावती के बारे में बताया कि वे अपने नाम के अनुरूप ही तेज, साहस, शौर्य , राष्ट प्रेम, महिला सशक्तिकरण विचार की पक्षधार सटीक उद्धरण, अदभुत मिसाल, बहादुर योद्धा वीरांगना रानी दुर्गावती ने सोलहवीं शताब्दी में महिलाओं और बेटियों को सशक्त बनाने के लिए कई प्रयास किए।उन्होंने अपनी सेना में भी एक महिला दस्ता बनाया था उन्हें युद्ध कौशल में परांगत बनाया अपने कार्यों से गोंडवाना साम्राज्य को स्वर्ण युग बनाया। इस वीरांगना से हमे बहुत कुछ सीख कर अनुसरण करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

*कुसुम अग्रवाल* भारत की सुपुत्री महानायिकी महारानी नाइकी देवी के बारे में अपनी अभिव्यक्ति में बताया आज से 843 साल पहले मोहमद गौरी को युद्ध के मैदान में बहुत बुरी तरह पराजित किया कैसे अपनी तलवार से मोहमद गौरी की सेना पर बिजली की तरह टूटी और मोहमद गौरी घायल अवस्था में सेना सहित भाग खड़ा हुआ। इस प्रसंग को बता उन्होंने सभी सदस्यों से *अपील की* की अब समय आ गया है अपने अंदर की वीरांगना को जन्म दे महिला सशक्तिकरण पर कार्य कर हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए कार्यरत रहे।

*उषा कलानौरिया* ने *किशोरी लाल घनश्याम दास मशरूवाला जयंती* पर समाज सुधारक तथा बुहसर्जक रचनाकार थे, गोपाल कृष्ण गोखले, बाल तिलक तथा थक्कर बाबा जैसे राष्ट्रीय नेताओं से गहरे रूप में प्रभावित हो जिन्होंने तलाक, तथा विधवा पुर्नविवाह जैसी स्थितियों का समर्थन करने वाले बुहसर्जक रचनाकार को श्रद्धांजलि समर्पित कर *उनके कार्यों को अमल* करने का आहवान किया।

*मधु अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में भगवती चरण वर्मा के निर्वाण दिवस पर कहा भगवतीचरण वर्मा हिन्दी साहित्यकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७१ में *पद्म भूषण* से सम्मानित किया गया था। चित्रलेखा उपन्यास ने वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिला हिन्दी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय बनाया। वर्मा की लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही है। आज मंच से श्रद्धांजलि अर्पित की।

*हेमलता मित्तल* ने *विश्व शिक्षक दिवस* पर आयोजित परिचर्चा में अपनी अभिव्यक्ति पेश कर बताया यह दिवस आध्यापकों को सामान्य रूप से और कतिपय कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया जाता है।अध्यापकों की स्थिति पर सदस्यो के लिए एक परिचर्चा आयोजित की गई जिसका विषय था अध्यापको की स्तिथि सभी उपस्थित सदस्य ने अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किये निष्कर्ष निकला की *शिक्षको की गुणवत्ता को निखारने के लिए गुरुकुल की स्थापना अति अनिवार्य है*

*भगवती अग्रवाल* ने अपनी अभिव्यक्ति में शिक्षको की गुणवत्ता को महिमा मंडित कर स्वरचित कविता सुनाई।

*सुलोचना धनावत* ने शस्त्राघात मृतक श्राद्ध पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया हिन्दू धर्म में मान्यता है कि शरीर नष्ट हो जाने के बाद भी आत्मा अजर-अमर रहती है। वह अपने कार्यों के भोग भोगने के लिए नाना प्रकार की योनियों में विचरण करती है। शास्त्रों में मृत्योपरांत मनुष्य की अवस्था भेद से उसके कल्याण के लिए समय-समय पर किए जाने वाले कृत्यों का निरूपण हुआ है।सामान्यत: जीवन में पाप और पुण्य दोनों होते हैं। पुण्य का फल स्वर्ग और पाप का फल नर्क होता है। नर्क में जीवात्मा को बहुत यातनाएं भोगनी पड़ती हैं। इनके मोक्ष के लिए श्राद्ध किया जाता है।

*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने आज का इतिहास बताया
सभी की उपस्तिथि अभिव्यक्ति का आभार व्यक्त कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम समापन किया गया।

कार्यक्रम में *डिंपल अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रेखा गर्ग, हेमलता मित्तल, कुसुम अग्रवाल, मीरा अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, रंजना गर्ग, नीलिमा गोयल, मधु अग्रवाल, मंजू गोयल* व समस्त सदस्यो ने अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।