अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 22/10/2021 शुक्रवार को *विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस,इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे,अंतरराष्ट्रीय हकलाहट जागरूकता दिवस, सन्यासी, लेखक राम तीर्थ की जन्म जयंती* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*अशोक गोयल प्रथम, गिरिजा गोयल द्वितीय, नंदिनी

चौधरी तृतीय और रंजना गर्ग को सांतवना*

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत आठ माह से चल रहे नित्य आयोजित कार्यक्रम में 22/10/2021 शुक्रवार को *विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस,इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे,अंतरराष्ट्रीय हकलाहट जागरूकता दिवस, सन्यासी, लेखक राम तीर्थ की जन्म जयंती* आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम की अध्यक्षा डॉ अनीता अग्रवाल ने मां के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया। उन्होंने बताया कार्तिक मास के उपलक्ष में *भजन गायन प्रतियोगिता* का आयोजन किया गया जिसमे अशोक गोयल प्रथम, गिरिजा गोयल द्वितीय, नंदिनी चौधरी तृतीय और रंजना गर्ग को सांतवना स्थान प्राप्त हुआ। सभी विजेताओं को प्रशस्ति पत्र से पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम का *संचालन उमा बंसल* महासचिव कोरबा ने किया। उन्होंने मुख्य अतिथि मुख्य वक्ता विशिष्ट अतिथियों का डिजिटल तिलक लगा श्री फल मनी प्लांट का पौधा भेट कर स्वागत किया। संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके वक्तत्व के लिए डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

*कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बेदेही नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने अपने उद्बोधन में बताया इंटरनेशनल स्टटरिंग अवेयरनेस डे,अंतरराष्ट्रीय हकलाहट जागरूकता दिवस । यह दिन हकलाहट जो एक वाक् विकार है के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया गया।

कार्यक्रम की *विशिष्ट अतिथि नंदिनी गर्ग गुजरात* ने विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया विश्व आयोडीन अल्पतत निवारण दिवस का उद्देश्य सामान्य नागरिक व सरकार का आयोडीन जनित गंभीर बीमारियों की तरफ ध्यानाकर्षण है।आयोडीन की कमी व उससे उत्पन्न खतरों के कारण भारत सरकार द्वारा वर्ष 1962 में राष्ट्रीय घेंघा रोग नियंत्रण कार्यक्रम प्रारंभ किया।आयोडीन भोजन का सूक्ष्म पोषक तत्व है, जिसका भ्रूण के मानसिक विकास से वृद्ध के शारीरिक विकास क्रम तक महत्वपूर्ण योगदान है।
आयोडीन की कमी बच्चों में बौद्धिक विकलांगता एवं मस्तिष्क पर असर डालती है।उन्होंने आयोडीनयुक्त नमक की महत्वता, उपलब्धता एवं दैनिक जीवन में इसकी आवश्यकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ इससे उत्पन्न गंभीर शारीरिक रोगों के बारे में अवगत करवाया।
रंजना ने श्याम भजन प्रस्तुति से पूरे मंच को कृष्ण मय बना सभी सदस्यों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।

*कार्यक्रम की वरिष्ट उपाध्यक्ष* ने अपने उद्बोधन में बताया कैसे हम भारतीय विदेशी में भी अपने हिंदुत्व शंखनाद की ध्वनि से चाहूं मुखी विकास में धर्म के दायरे में रह अपनी संस्कृति की रक्षा कर आने वाले पीढ़ी को उससे परिचित करवाते है।

*सुलोचना धनावत* ने अपनी अभिव्यक्ति में कार्तिक पुण्य मास का महात्म , कार्तिक स्नान, पूजा और व्रत का महत्व बताया ।सभी सदस्य रूपी साधकों ने ओम नमः शिवाय, ॐ गम गणपतये नमः, काली मंत्र, महामृतुंजय मंत्र, गायत्री मंत्र आदि बीज मंत्रो का सामूहिक जाप किया गया। उन्होंने मंत्रोच्चारण, पूजा, साधना, ध्यान का महत्व बता पौराणिक कथा का रसपान करवा आध्यात्मिक दर्शन करवाया।

*उषा कलानोरिया* ने अपने अभिव्यक्ति में त्योहार परंपरा का दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है के बारे में बताया।

*पुष्पा अग्रवाल भगवती अग्रवाल* ने हकलाहट दिवस के बारे में विस्तार से सभी को अवगत करवा रायपुर के डॉक्टर सीताराम अग्रवाल के निशुल्क प्रशिक्षण द्वारा हकलाहट दूर करने के बारे में सभी को बता भविष्य में उनके मार्गदर्शन से कैंप लगाने की बात कही।

*अधिवक्ता मीरा अग्रवाल* ने भजन प्रस्तुति दे सभी को मंत्र मुग्ध किया।

*मधु अग्रवाल* ने अपने अभिव्यक्ति में सन्यासी लेखक रामतीर्थ के बारे में बताया एक हिन्दू धार्मिक नेता थे, जो अत्यधिक व्यक्तिगत और काव्यात्मक ढंग के व्यावहारिक वेदांत को पढ़ाने के लिए विख्यात थे। रामतीर्थ वेदांत की जीती जागती मूर्ति थे। उनका मूल नाम ‘तीरथ राम’ था। वह मनुष्य के दैवी स्वरूप के वर्णन के लिए सामान्य अनुभवों का प्रयोग करते थे। रामतीर्थ के लिए हर प्रत्यक्ष वस्तु ईश्वर का प्रतिबिंब थी। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने एक महान् समाज सुधारक, एक ओजस्वी वक्ता, एक श्रेष्ठ लेखक, एक तेजोमय संन्यासी और एक उच्च राष्ट्रवादी का दर्जा पाया। स्वामी रामतीर्थ जिसने अपने असाधारण कार्यों से पूरे विश्व में अपने नाम का डंका बजाया। मात्र 32 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने प्राण त्यागे, लेकिन इस अल्पायु में उनके खाते में जुड़ी अनेक असाधारण उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि अनुकरणीय जीवन जीने के लिए लम्बी आयु नहीं, ऊँची इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।

*प्रेमलता गोयल उपाध्यक्ष* ने आज का इतिहास बताया।
मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। सभी की उपस्तिथि और अभिव्यक्ति के लिए आभार व्यक्त कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।

कार्यक्रम में भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, उमा बंसल, उषा कलानोरिया, मधु अग्रवाल, गिरिजा गोयल, रंजना गर्ग, नंदिनी चौधरी, मीरा अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल ने अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।