*बारदाने व खरीदी केंद्र की अव्यवस्थाओं को जल्द दूर करे बघेल सरकार, नहीं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहे सरकारः-* कोमल हुपेण्डी,प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़

*टोकन व बारदानों की कमी जल्द दूर करे प्रदेश सरकार:-* दीपक आरदे,जिला अध्यक्ष आम आदमी पार्टी बालोद

पहले सूखा उसके बाद फिर अचानक से नवंबर के महिने में प्राकृतिक आपदा के रूप में आए बेमौसम बारिश तबाही के कगार पर खड़ा प्रदेश के किसान के साथ कांग्रेसी भूपेश बघेल सरकार छल करने में लगी हुई है। पहले अव्यवस्था एवं अब बारदाने के कमी का हवाला दिया कर डराया जा रहा है।
एक तरफ तो राज्य सरकार इस बार समर्थन मूल्य पर 105 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान उपार्जन की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर किसानों को मजबूर किया जा रहा है कि वे खुद से बारदाने लेकर आए। धान खरीदी के वक्त बारदाने की व्यवस्था करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं दूसरी ओर यह सरकार केंद्र सरकार पर पर्याप्त बार दाने मुहैय्या नहीं कराने का आरोप लगा रही है। भाजपा लगतार केंद्र की मोदी सरकार को बचाने में लगी हुई है।
प्रदेश के अन्नदाताओं के साथ हो रहे इस धोखा से किसान और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता काफी क्षुब्द हैं।
आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी ने कहा – राज्य सरकार 30% बारदाना किसानों से मांग रही है,जिसकी कीमत मार्केट में 40 से 50 रुपए प्रति बारदाना है और राज्य सरकार इसके लिए मात्र 18 रूपये भुगतान की बात कर रही है।
कोमल हुपेण्डी ने कहा स्थिति तो यह है कि जिन किसानों ने गत वर्ष बारदाना धान खरीदी के लिए दिया था उसका भुगतान आज तक लंबित है। इसलिए आप मांग करती है कि राज्य सरकार किसानों का लंबित भुगतान अविलंब जारी करे और बजाए किसानों को खुद से बारदाने लाने के लिए इसकी व्यवस्था खुद करें। नहीं तो किसानों को 60 रूपया प्रति बारदाने के दर पर बघेल सरकार भुगतान करें, आप प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की।

कोमल हुपेण्डी ने आरोप लगाया कि 1 दिसंबर से रिकार्ड खरीदी करने की बात कह कर बघेल सरकार ने धान खरीदी शुरूआत तो कर दिया है लेकिन सोसाईटी एवं धान खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी का आलम है। आप नेताओं ने धान खरीदी केंद्र के दौरे में पाया कि अव्यवस्था के कारण किसान परेशान हैं। बालोद में इसी अव्यवस्था के कारण 17 महिलाएं घायल हो गई।
कोमल हुपेण्डी ने कहा मुख्यमंत्री यह पहले बताए कि क्या प्रति एकड़ मात्र 15 क्विंटल धान का उत्पादन ही होता है क्या? 15 क्विंटल धान के बाद जो किसानों का धान बच जाता है उसे मजबूर होकर किसानों को बिचौलियों के हाथ सस्ती कीमत पर धान बेचना पड़ता है। किसानों के साथ ऐसा दोहरा रवैया क्यों ?
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार से मांग करती है कि धान खरीददारी की भुगतान की तिथि स्पष्ट करें और खुद की अव्यवस्था के कारण जो स्थिति उत्पन्न हो रही है उसे दूर करे। एक एक दाने खरीदने का जो वायदा किया था उसे पूरा करें। नहीं तो सड़क पर उतरकर आप इस सरकार की ईंट से ईंट बजा देगी।
जिलाध्यक्ष दीपक आरदे ने कहा कि बारदाने और खरीदी केंद्रो पर टोकन की समस्या है, और अन्य अव्यवस्थाओं को दूर करें नहीं तो आपके कार्यकर्ता किसानों के साथ मिलकर संबंधित अधिकारी एवं नेताओं को घेरने वक्त नहीं लगाएगी।