अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा 19/12/2021 रविवार को गूगल **मंगसीर पूर्णिमा, वरदान दिवस, प्रखर उद्योगपति पद्मभूषण कस्तूरभाई लालभाई जन्म दिवस, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जन्म दिवस, पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

*न दिन बदलेगा न रात बदलेगी बदलना है तो खुद को बदलो क्यों बैठे हो दूसरो के सहारे* डॉ संतोष पांडे रायपुर

अंतराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत ग्यारह माह से प्रतिदिन आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में 19/12/2021 रविवार को गूगल **मंगसीर पूर्णिमा, वरदान दिवस, प्रखर उद्योगपति पद्मभूषण कस्तूरभाई लालभाई जन्म दिवस, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जन्म दिवस, मार्टिन लूथर किंग सीनियर जन्म दिवस, क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल बलिदान दिवस, क्रान्तिकारी रोशन सिंह बलिदान दिवस, ज्ञानपीठ उमा शंकर जोशी पुण्य तिथि, पर्यावरण विधि अनुपम मिश्र पुण्य तिथि, स्वातंत्र्या सैनिक डॉ सुरेंद्र बारलींगे निर्वाण दिवस, क्रांतिकारी अशफाक उल्लाह खान बलिदान दिवस, गोवा मुक्ति दिवस* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।

कार्यक्रम का संचालन अंबिकापुर इकाई की अध्यक्षा *प्रेमलता गोयल* ने करते हुए कार्यक्रम का श्री गणेश अपने निवास स्थान पर लक्ष्मी मां, गणेश भगवान के फोटो पर रोली अक्षत का तिलक लगा, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित, पूजा अर्चना आरती आराधना कर गणेश वंदना और पितरों जी की स्तुति से किया।

रायपुर इकाई की अध्यक्षा *पुष्पा अग्रवाल* ने सभी अतिथियों को तिलक लगा श्री फल और मनी प्लांट का पौधा भेट कर स्वागत किया।उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दे उन्हे उनके उद्बोधन के लिए बारी बारी से डिजिटल मंच पर आमंत्रित किया।

बाराद्वार इकाई की अध्यक्षा *उषा कलानौरिया* ने कार्यक्रम की संयोजिका संचालन करते हुए मनोरंजन सत्र का आयोजन करवाया।उन्होंने हास्य प्रस्तुति करवाई।

कार्यक्रम की अध्यक्ष *डॉ अनीता अग्रवाल* ने *प्रखर उद्योगपति पद्मभूषण कस्तूरभाई लालभाई जन्म दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया कस्तूरभाई का जन्म मोहिनी और लालभाई दलपतभाई, एक प्रमुख जैन परिवार में 1894 में झावेरीवाड़, अहमदाबाद , गुजरात में हुआ थाकस्तूरभाई लालभाई को उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये गुजरात से हैं।उन्होंने सार्वजनिक गतिविधियों के लिए अधिक समय समर्पित किया।

मुख्य अतिथि *डॉक्टर संतोष पांडे* मोटीवेटर रायपुर ने अपनी मोटिवेशनल स्पीच में बताया आज का दिन आज का है कल का पता नही खूब खुश रहिए।खुश रहना आपके हाथ में है।सफल होना आपके हाथ में है ईमानदारी से मेहनत करिए।सभी के अंदर कुछ अच्छा होता है उसे देख कर दिल से प्रशंसा करते रहिए जिंगदी जीना है जो समाज से लिया है अब वो वापस देने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा सभी रोज अपने आप से हर पल यह बात बोले
*न दिन बदलेगा न रात बदलेगी बदलना है तो खुद को बदलो क्यों बैठे हो दूसरो के सहारे*

विशिष्ट अतिथि *नंदिनी चौधरी सिंगापुर* ने *प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के जन्म तिथि* पर अपने उद्बोधन में बताया प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है; वे २००७ से २०१२ तक इस पद पर रहीं हैं।1 जून 2019 को भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया.
यह पुरुस्कार मेक्सिको के राजदूत मेल्बा प्रिआ ने पुणे के एमसीसीआईए भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में पाटिल को प्रदान किया।
प्रतिभा पाटिल यह पुरुस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनी।

विशिष्ट अतिथि *हेमलता मित्तल* ने वरदान दिवस के बारे में अपनी अभिव्यक्ति में बताया मां लक्ष्मी ने महाराजा अग्रसेन के ग्यारह सौ दिवस की तपस्या पूजा करने पर वरदान दिया की अग्र कुल में अखंड सुख शांति समृद्धि रहेंगी।

विशिष्ट अतिथि *कीर्ति अग्रवाल* ने *प्रतिभा पाटिल जन्म दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने महिलाओं के कल्‍याण को प्रमुखता देते हुए मुम्‍बई, दिल्‍ली जैसे महानगरों में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास की स्थापना करवाई. ग्रामीण युवाओं के लाभ हेतु जलगांव में इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा श्रम साधना न्यास की भी स्‍थापना की. इसके अलावा प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की देख-रेख में महिला विकास महामण्‍डल, जलगांव में दृष्टिहीन व्‍यक्तियों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय और विमुक्‍त जमातियों तथा बंजारा जनजातियों के निर्धन बच्चों के लिए एक स्‍कूल की स्‍थापना करवाई गई।

विशिष्ट अतिथि *प्रीति मोदी* ने *मार्टिन लूथर किंग सीनियर जन्म तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया मार्टिन लूथर किंग सीनियर एक अफ्रीकी-अमेरिकी बैपटिस्ट पादरी , मिशनरी और नागरिक अधिकार आंदोलन में एक प्रारंभिक व्यक्ति थे । वह नागरिक अधिकार नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर के पिता और नाम थे ।मार्टिन लूथर किंग बैपटिस्ट चर्च के सदस्य थे और उन्होंने उन मंत्रियों से प्रेरित होकर उपदेशक बनने का फैसला किया जो नस्लीय समानता के लिए खड़े होने के लिए तैयार थे । वह रेवरेंड एडी विलियम्स के साथ बोर्डिंग कर रहे थे, जो उस समय एबेनेज़र बैपटिस्ट चर्च के पादरी थे । उन्होंने दो साल की डिग्री के लिए डिलार्ड विश्वविद्यालय में भाग लिया । जब किंग ने विलियम्स की बेटी, अल्बर्टा को डेट करना शुरू किया , तो उसके परिवार ने उसे अपनी शिक्षा समाप्त करने और उपदेशक बनने के लिए प्रोत्साहित किया। किंग ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा ब्रायंट प्रिपरेटरी स्कूल में पूरी की, और अटलांटा के कई काले चर्चों में प्रचार करना शुरू किया ।

विशिष्ट अतिथि *सुशीला अग्रवाल कोलकाता* ने *राम प्रसाद बिस्मिल पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया राम प्रसाद *बिस्मिल* भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें ३० वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। ज्येष्ठ शुक्ल निर्जला एकादशी विक्रमी संवत् १९५४, शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे राम प्रसाद ३० वर्ष की आयु में पौष कृष्ण सफला एकादशी सोमवार, विक्रमी संवत् १९८४ को शहीद हुए। उन्होंने सन् १९१६ में १९ वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था। ११ वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया।

विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग गांधीग्राम* ने *अमर हुतात्मा रोशन सिंह पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारत के स्वाधीनता संग्राम में फाँसी पाकर अपने वंश को अमर कर देने वाले अमर हुतात्मा रोशनसिंह का जन्म शाहजहाँपुर (उ.प्र.) के खेड़ा नवादा ग्राम में 22 जनवरी, 1892 को एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ था। कहते हैं कि पूत के पाँव पालने में ही दिखायी दे जाते हैं। रोशनसिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ। बचपन से ही वे अत्यधिक साहसी थे। भय का लेशमात्र भी उनके जीवन में दिखायी नहीं देता था।बालपन में जिस काम को करने में उनके अन्य साथी हिचकते थे, रोशनसिंह आगे बढ़कर उसे अपने सबल कन्धों पर ले लेते थे।उनकी मानसिक दृढ़ता देखकर जेल अधिकारी हैरान थे। फाँसी के तख्ते पर चढ़कर उन्होंने प्रसन्न मन से वन्दे मातरम् का घोष तथा शान्ति मन्त्र का उच्चारण किया।

विशिष्ट अतिथि *विजया डालमिया हैदराबाद* ने *उमाशंकर जोशी पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया उमाशंकर जोशी ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित और गुजराती भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार है। इनका उपनाम ‘वासुकी’ है।उमाशंकर जोशी प्रतिभावान कवि और साहित्यकार थे। 1931 में प्रकाशित काव्य संकलन ‘विश्वशांती’ से उनकी ख्याति एक समर्थ कवि के रूप में हो गई थी। काव्य के अतिरिक्त उन्होंने साहित्य के अन्य अंगों, यथा कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना, निबंध आदि को भी पोषित किया। आधुनिक और गांधी युग के साहित्यकारों में उनका शीर्ष स्थान है। जोशीजी अध्यापक और संपादक रहे। वे गुजरात विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थे। फिर वहां के वाइस चांसलर भी बने। उन्हें राज्यसभा का सदस्य नामजद किया गया था। साहित्य अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया। 1979 में वे शांतिनिकेतन के विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त किए गए। उन्हें अनेक विश्वविद्यालयों ने डी.लिट्. की मानद उपाधियां दीं।

कोरबा इकाई की अध्यक्षा *भगवती अग्रवाल* ने *अनुपम मिश्र पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अनुपम मिश्र जाने माने लेखक, संपादक, छायाकार और गांधीवादी पर्यावरणविद् थे। पर्यावरण-संरक्षण के प्रति जनचेतना जगाने और सरकारों का ध्यानाकर्षित करने की दिशा में वह तब से काम कर रहे थे, जब देश में पर्यावरण रक्षा का कोई विभाग नहीं खुला था। आरम्भ में बिना सरकारी मदद के अनुपम मिश्र ने देश और दुनिया के पर्यावरण की जिस तल्लीनता और बारीकी से खोज-खबर ली है, वह कई सरकारों, विभागों और परियोजनाओं के लिए भी संभवतः संभव नहीं हो पाया है। उनकी कोशिश से सूखाग्रस्त अलवर में जल संरक्षण का काम शुरू हुआ जिसे दुनिया ने देखा और सराहा। सूख चुकी अरवरी नदी के पुनर्जीवन में उनकी कोशिश काबिले तारीफ रही है। इसी तरह उत्तराखण्ड और राजस्थान के लापोड़िया में परंपरागत जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया है।

बिलासपुर इकाई की अध्यक्षा *शीतल लाठ* ने *डॉ. सुरेंद्र शिवदास बारलिंगे पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डॉ. सुरेंद्र शिवदास बारलिंगे स्वांतत्र्य सैनिक, प्रखांड विद्वान प्राध्यापक,उत्कृष्ट वकील थे। वे संस्कृत, गणित, तत्त्वज्ञान, कायदा व खगोलशास्त्र के विद्वान थे।

वरिष्ट सदस्य *सुलोचना धनावत* ने *अशफाक उल्ला खाँ पुण्य तिथि* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया काकोरी कांड’ में फाँसी पाने वाले अशफाक उल्ला खाँ का जन्म 1900 ई0 में शाहजहाँपुर (उ.प्र.) में हुआ था। युवावस्था में उनकी मित्रता रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ से हुई, जो फरार अवस्था में शाहजहाँपुर के आर्यसमाज मन्दिर में रह रहे थे। पहले तो बिस्मिल को उन पर संदेह हुआ; पर एक घटना से उनके बीच विश्वास का जो बंधन स्थापित हुआ, वह कभी नहीं टूट पाया।जेल में अशफाक सदा मस्त रहकर गजल तथा गीत लिखते रहते थे।
हे मातृभूमि तेरी सेवा किया करूँगा
फाँसी मिले मुझे या हो जन्मकैद मेरी
बेड़ी बजा-बजाकर तेरा भजन करूँगा।।
वतन हमेशा रहे शादकाम और आजाद
हमारा क्या है हम रहें, न रहें।।

*निशा गोयल पत्थलगांव* ने *गोवा मुक्ति दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को देश में मनाया जाता है। यह उस दिन का प्रतीक है जब भारतीय सशस्त्र बलों ने 450 वर्षों के पुर्तगाली शासन के बाद 1961 में गोवा को मुक्त कराया था।

सरिया इकाई की अध्यक्षा *डिंपल अग्रवाल* ने रविवार का महात्म बताया।भगवान सूर्य की पौराणिक कथा सुनाई। ॐ आदित्याय नमः ॐ भास्कराय नमः मंत्र का जाप करवाया।

अंबिकापुर इकाई की अध्यक्षा *प्रेमलता गोयल* ने मंगसीर पूर्णिमा का महात्म बता सत्यनारायण भगवान की कथा सुना सर्व मंगल की मनोकामना की।

*उमा बंसल महासचिव कोरबा* ने आज के मुख्य समाचार पर प्रकाश डाला।

*गिरिजा गोयल* ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेट कर सम्मानित किया। सभी सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर विश्व कल्याण की भावना से शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया।

*सम्मेलन के सभी* डॉ संतोष पाण्डेय, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, गिरिजा गोयल, उषा कलानौरिया, उमा बंसल, सुलोचना धनावत, प्रेमलता गोयल, पुष्पा अग्रवाल, नंदिनी चौधरी, हेमलता मित्तल, किशोर धनावत, कृति छापारिया, सीमा गुप्ता, निशा गोयल, प्रीति मोदी, पूजा अग्रवाल, राजबाला गर्ग, रेखा गर्ग, राखी गोयल, शीतल लाठ, सिया अग्रवाल, शिव अग्रवाल, सुशीला अग्रवाल, विजया डालमिया, नंदिनी चौधरी ने भजन प्रस्तुति से भक्तिमय वातावरण बना सभी सदस्यों को झूमने गाने के लिए प्रेरित किया। अपनी अपनी अभिव्यक्ति और भजन प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।