*अक्षय तृतीय पर गुड्डा गुड्डी का विवाह रचा सिखाया भारतीय परंपरा, रीति रस्म, संस्कार*
अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महिला इकाई छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा विगत पंद्रह माह से प्रतिदिन आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम की श्रृंखला में 3/5/2022 को दोपहर तीन बजे से गूगल मीट पर *अक्षय तृतीया, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, अन्तरराष्ट्रीय सूर्य दिवस, महाराणा प्रताप जयंती, गोल्डा मायर, इज़राइल की चौथी प्रधानमन्त्री जन्म तारीख, डाक्टर ज़ाकिर हुसैन, भारत के तीसरे राष्ट्रपति, नर्गिस भारतीय अभीनेत्री, प्रमोद महाजन, भारत के राजनीतिज्ञ पुण्य तिथि* पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम।
कार्यक्रम का श्री गणेश डॉ अनीता अग्रवाल ने अपने निवास स्थान पर भगवान हनुमान के छायाचित्र के सम्मुख श्री फल चढ़ा पूजा अर्चना आराधना से किया।
ने गणेश वंदना, ने पितरों की स्तुति, गुरु वंदना से किया।
उन्होंने अपने आतिथ्य उद्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत, वंदन, अभिनंदन किया।सभी को अक्षय तृतीया की ढेरो बढ़िया प्रेषित कर *अक्षय तृतीया* का महत्व बताया।
आज ही के दिन माँ गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था ।
महर्षी परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था ।
माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था ।
कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था ।
कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था ।
-सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था ।
ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण जी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है ।
वृन्दावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते है ।
इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था ।
अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि *नंदिनी चौधरी* ने *विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। विश्व स्तर पर प्रेस की आजादी को सम्मान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया, जिसे विश्व प्रेस दिवस के रूप में भी जाना जाता है।विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। प्रेस की आजादी और समाचारों को लोगों तक पहुंचाकर, सशक्त हो रहे मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना इसका उद्देश्य है।
विशिष्ट अतिथि *सबिता अग्रवाल* सन पुर ओडिसा ने *अन्तरराष्ट्रीय सूर्य दिवस* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया अन्तरराष्ट्रीय सूर्य दिवस , सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक वर्ष ‘3 मई’ को मनाया जाता है।
सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन करती है। यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़-पौधे और जीव-जन्तु) का सहारा है। वैसे तो सौर उर्जा को विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर ऊर्जा के रूप में जाना जाता है।
विशिष्ट अतिथि *अशोक अग्रवाल रायपुर* ने *महाराणा प्रताप जयंती* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया ( बैसाख शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशहा अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया और हिंदुस्थान के पुरे मुघल साम्राज्य को घुटनो पर ला दिया। उन्होंने उनकी वीर गाथाओं के कई किस्से सभी के समुख बताए।
विशिष्ट अतिथि *पार्बती अग्रवाल* लाऊ मुंडा उड़ीसा ने *गोल्डा मायर, इज़राइल की चौथी प्रधानमन्त्री जन्म तारीख* पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया गोल्डा मेयर इज़राइली शिक्षिका, राजनीतिज्ञ और इज़राइल की चौथी प्रधानमन्त्री थी। गोल्डा मेयर को श्रम और विदेश मंत्री मंत्री के रूप में सेवा करने के बाद 17 मार्च, 1969 में इजराइल का प्रधानमंत्री चुना गया था। उन्हें इज़राइली राजनीति की “लौह महिला” के रूप में वर्णित किया गया है| वर्ष 1974 में योम किपुर युद्ध के बाद मीर ने अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था|
विशिष्ट अतिथि *किशोर धनावत* ने अपनी अभिव्यक्ति में *डाक्टर ज़ाकिर हुसैन, भारत के तीसरे राष्ट्रपति* की पुण्य तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 – 3 मई, 1969 स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फ़रवरी, 1897 ई. में हैदराबाद, तेलंगाना के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था। कुछ समय बाद इनके पिता उत्तर प्रदेश में रहने आ गये थे।[2] केवल 23 वर्ष की अवस्था में वे ‘जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय’ की स्थापना दल के सदस्य बने। जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रमुख शिक्षाविद थे। वे अर्थशास्त्र में पीएच॰ डी॰ की डिग्री के लिए जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय गए और लौट कर जामिया के उप कुलपति के पद पर भी आसीन हुए। 1920 में उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना में योग दिया तथा इसके उपकुलपति बने। इनके नेतृत्व में जामिया मिलिया इस्लामिया का राष्ट्रवादी कार्यों तथा स्वाधीनता संग्राम की ओर झुकाव रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात वे अलीगढ़ विश्वविद्यालय के उपकुलपति बने तथा उनकी अध्यक्षता में ‘विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग’ भी गठित किया गया। इसके अलावा वे भारतीय प्रेस आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूनेस्को, अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा सेवा तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से भी जुड़े रहे। 1962 ई. में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने। उन्हें वर्ष 1963 मे भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1969 में असमय देहावसान के कारण वे अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
विशिष्ट अतिथि *रंजना गर्ग* गुजरात ने *नर्गिस भारतीय अभीनेत्री* की पुण्य तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया नरगिस दत्त (१ जून १९२८ – ३ मई १९८१), जन्म नाम फ़ातिमा रशिद लेकिन बाद में नाम परिवर्तित कर दिया गया था। इनका जन्म कोलकाता ,पश्चिम बंगाल में हुआ था।ये एक भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं जिन्होंने हिन्दी फ़िल्म अभिनेता सुनील दत्त से शादी की थी। इन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत बचपन तलाश-ए-हक़ (१९३५) में ही कर दी थी लेकिन इन्होंने एक्टिंग करनी १९४२ में तमन्ना फ़िल्म से शुरू की थी।
विशिष्ट अतिथि *यशोदा गुप्ता* कटनी मध्यप्रदेश ने *प्रमोद महाजन, भारत के राजनीतिज्ञ* की पुण्य तिथि पर अपनी अभिव्यक्ति में बताया
प्रमोद व्यंकटेश महाजन (30 अक्टूबर 1949 – 3 मई 2006)एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वो भारतीय जनता पार्टी के द्वितीय-श्रेणी के नेताओं में थे। वो “तकनीकज्ञ” रूप से नयी पीढ़ी के नेताओं में से थे जो जिनका कोई राजनैतिक आधार न होते हुए भी इतना राजनैतिक विकास किया हो। वो अपने गृहनगर महाराष्ट्र और भारत के पश्चिमी क्षेत्र में काफ़ी लोकप्रिय थे।
विशिष्ट अतिथि *शिखा गुप्ता* ने अपनी अभिव्यक्ति में प्रमुख घटनाओ पर प्रकाश डाला और बताया
१९१९ – अमानुल्ला खान द्वारा ब्रिटिश भारत पर आक्रमण।
१९२४ – सबसे पुरानी यहूदी युवा बिरादरी अलेफ ज़ैडिक अलेफ, ओमाहा, नेब्रास्का में स्थापित हुई।
१९४७ – विश्व युद्ध के बाद जापान में नया संविधान लागू हुआ।
२०१० – जापान की निसान के साथ मिलकर बजाज रेनो नामक छोटी कार बनाने वाली कंपनियों बजाज ऑटो व फ्रांस की रेनॉल्ट ने उसकी कीमत टाटा की नैनो से भी कम २५०० डॉलर अर्थात् लगभग १॰१० लाख रूपए रखने का निर्णय किया।
कार्यक्रम संयोजिका संचालिका *डिंपल अग्रवाल* ने अक्षय तृतीय का पौराणिक महत्व बता *गुड्डा गुडिया का विवाह* करवाया। गणेश वंदना डिंपल अग्रवाल, पितर वंदना रजनी जिंदल, गुरु वंदना निमिषा गोयल द्वारा किया। तत्पश्चात हनुमान चालीसा पाठ भगवती अग्रवाल द्वारा किया गया।
इसके बाद गुड्डा गुड्डी का विवाह समारोह का आयोजन किया गया ।दुल्हन पक्ष दूल्हे पक्ष में बहुत उत्साह रहा। डिंपल अग्रवाल ने अपने निवास पर गुड्डे गुड़िया का मंडप सजाकर विधिवत नेगचार प्रारंभ किया ।
*मधु मित्तल* द्वारा मंत्रोचार द्वारा देवी देवता का आव्हान कर व पितरो को मनाकर विवाह प्रारंभ किया। हल्दी गीत *उषा अग्रवाल* रायपुर, तेलबान गीत मधु मित्तल, बन्ना *तारा बेरीवाल*,*लक्ष्मी देवी गोयल* पत्थलगाँव, बन्नी *लक्षमी अग्रवाल* चरौदा भिलाई ने गाया
डिंपल अग्रवाल अपने निवास पर ही दुल्हा दुल्हन की हल्दी मेहदी, तेलबान का नेगचार किया ।
मेंहदी गीत *संगीता चौधरी,व अंशु अग्रवाल* ने नाचते हुए बहुत अच्छे से गाया उसके बाद डा अनीता अग्रवाल के निवास से निकासी निकाली गई दूल्हा की दादी बन *सुलोचना धनावत* आगे बढ़ सारे नेगचार करवा रही थी। तत्पश्चात वरमाला का कार्यक्रम किया गया डिपल ने सभी बाराती बहनो का जलपान से स्वागत किया मधु मित्तल द्वारा मंत्र पढ़ विवाह संस्कार संपन्न कराया व संस्कृत में सात वचन भी भरवाए, *विजया डालमिया* ने गीत के माध्यम से दुल्हन को समझाते हुए कहा कि तुम्हें सबको छोड़ ससुराल जाना होगा व सभी रिश्ते वहाँ अपनाना होगा।
सीठना *लक्ष्मी गोयल* ने विदाई गीत कुसुम अग्रवाल बहु स्वागत गीत मधु मित्तल, बधावा सुलोचना धनावत ने प्रस्तुत किया।
विवाह संपन्न होने पर सभी को बधाई शुभकामनाए प्रेषित की।
*उषा कलानोरिया* अध्यक्ष बारदवार इकाई कार्यक्रम संचालिका ने सभी अतिथियों और सदस्यों को उनकी उपस्तिथि अभिव्यक्ति और प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
उमा बंसल ने संपूर्ण विश्व के कल्याण की मंगल कामनाएं की। शांति पाठ द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।
कार्यक्रम में शामिल नंदिनी चौधरी, पार्बती अग्रवाल, सबिता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, रंजना गर्ग, यशोदा अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, डिंपल अग्रवाल, कुसुम अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, उषा अग्रवाल, लक्ष्मी अग्रवाल, अनुकूल रटेरिया, पुष्पा रतेरिया, वंदना अग्रवाल, सुलोचना धनावत, उषा कलानोरिया, रेखा गर्ग, मधु मित्तल, निशा गोयल, निमिषा गोयल, लक्ष्मी गोयल, संगीता चौधरी, मंजू गोयल, शीतल लाठ, रेखा गर्ग, अशोक अग्रवाल, किशोर धनावत, सिया अग्रवाल, विजया दलमिता, तारा बेरीवाल, कीर्ति अग्रवाल, उषा अग्रवाल, रजनी जिंदल, उषा काकार्णिया, उमा बंसल ने अपनी अभिव्यक्ति और प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया।
