*सीजीपीएससी परीक्षा में मूल निवासी शासकीय सेवकों की छूट को बहाल करने का राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील*
छत्तीसगढ़ लोक सेवा परीक्षा 2021 के लिये 30 दिसंबर तक आवेदन लिए जा रहे है। राज्य सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए 21 वर्ष की निम्न आयु सीमा और स्थानीय को 40 वर्ष की आयु सीमा का प्रावधान है। विशिष्ट वर्गों को मिलने वाली छूट मिलाकर कुल 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस परीक्षा में राज्य लोक सेवा के द्वारा भर्ती परीक्षा हेतु छत्तीसगढ़ के मूल निवासी शासकीय सेवकों की आयु सीमा में कटौती किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है।लोक सेवा आयोग के सूचना पत्र में मूलनिवासी शासकीय सेवकों को मिलने वाली डोमेसाइल की छूट केवल शिक्षित बेरोजगार को देना बताया गया है।मालूम हो कि सामान्य प्रशासन विभाग के सर्कुलर f-3-2/ 2015/ 1-3 नया रायपुर दिनांक 30-1- 2019 के अनुसार राज्य के मूल निवासियों के लिए 35 वर्ष में 5 वर्ष की छूट है जिसे शासकीय सेवकों के लिए जो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं उनको रोजगार प्राप्त हो जाने के कारण छ ग पीएससी के द्वारा आवेदन रिजेक्ट किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पीएससी के अनुसार एक बार नौकरी में आने के बाद 38 वर्ष की आयु उम्र में ही सारे अवसर समाप्त हो जाते हैं जबकि राज्य में व्यापम के द्वारा मंडी निरीक्षक सहायक संपरिक्षक ,ज्येष्ठ संपरिक्षक विभिन्न जिलों में न्यायालय द्वारा की जा रही भर्ती में सामान्य प्रशासन विभाग के 30-1- 2019 के सर्कुलर के अनुसार ही उच्चतर आयु सीमा में 5 वर्ष जोड़कर शासकीय सेवक को मिलने वाली 3 वर्ष के अतिरिक्त छूट के साथ तिरालिस वर्ष की उच्च आयु तक शामिल होने का अवसर मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ में शासन के एक ही आदेश से भर्ती की दो संस्थाओं के द्वारा उच्च आयु सीमा अलग-अलग भर्ती किए जाने से विरोधाभास की स्थिति बन गई है और अनेक प्रतियोगिताओं का भविष्य दांव पर लग गया है।
छत्तीसगढ़ प्रतियोगी संघ के सदस्यों ने राजभवन और मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ से ज्ञापन द्वारा गुहार लगाई कि देश के किसी भी राज्य में मूलनिवासी शासकीय सेवकों की शिक्षित बेरोजगार के आधार पर परिभाषा नहीं की जाती। व्यापम और विभागीय भर्तियों में सामान्य प्रशासन विभाग के 30-1-2019 के सर्कुलर के आधार पर तिरालिस वर्ष की आयु सीमा तक सामान्य वर्ग के शासकीय सेवकों को बैठने का प्रावधान है ,केवल शिक्षित बेरोजगारों के आधार पर छूट देने का नियम किसी राज्य में नहीं है।लोक सेवा आयोग और सामान्य प्रशासन विभाग को किए गए आवेदन पर पीएससी के पोर्टल में सुधार नहीं होने से सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के द्वारा छत्तीसगढ़ के राजभवन और सीएम हाउस को प्रेषित ज्ञापन छत्तीसगढ़ राज्य के निवासियों के साथ हो रहे हैं दुर्भावनापूर्ण भर्ती नीति के संबंध में अवगत कराते हुए भर्ती नीति नियमों में आई विसंगति की जांच आरंभ कर लापरवाह पदाधिकारियों को हटाने एवं स्थानीय निवासियों को दी जाने वाली 5 वर्ष की छूट सभी मूल निवासियों को दिए जाने का प्रावधान बहाल करने व आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने की मांग की है।
मालूम हो कि राज्य सेवा परीक्षा में शासकीय सेवकों की उच्च आयु सीमा में 3 वर्ष का प्रावधान मध्य प्रदेश शासन के 1973 के सर्कुलर 314/CR 102 -1 भोपाल 9 अप्रैल 1973 के आधार किया जाना बताया गया है, मध्यप्रदेश में 2021 में यह सर्कुलर लागू नहीं है और कालांतर में छूट को भी बढ़ाकर 5 वर्ष की कर दिया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ में 3 वर्ष की ही विशेष छूट दी जाती है।
सी जी लोक सेवा आयोग के द्वारा शासकीय सेवक जो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं उनकी मूलनिवासी की 5 वर्ष की छूट को इस आधार पर ही खारिज कर दिया जा रहा है कि वह पहले से ही रोजगार में किसी पद पर काम कर रहे हैं।
इसके विपरीत ऐसे अभ्यर्थी जो शा सेवक है और पहले निगम मंडल या संविदा कर्मी या शिक्षाकर्मी के रूप में है या रहे हैं, उन्हें किए गए सेवा बरसों को जोड़कर दोहरा रोजगार होने के बावजूद यह छूट दी जा रही है और उनके आवेदन को मान्य किया जा रहा है लेकिन मूल निवासी आवेदक केवल शासकीय सेवक हैं और अन्य किसी प्रकार की छूट के लिए अहर्ता धारी नहीं है उनकी डोमिसाइल की 5 छूट को समाप्त कर दिया गया है और 38 वर्ष की उच्च आयु सीमा में ही उनकी सभी प्रकार की छूट को परीक्षा में इससे ऊपर आयु की स्थिति में शामिल होना के लिए आवेदन अस्वीकृत किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पिछले माह तक आयोजित विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं में अन्य राज्यों की भांति शासकीय सेवकों को भी मूल निवासी की छूट देते हुए परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जा रहा था किंतु जारी विग्यापन में बिना किसी अधिसूचना के आवेदन खारिज हो जा रहे हैं।
उक्त नियम को लेकर छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक संघ, सहायक छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन, छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ नियम विरुद्ध कृत्य को लेकर रोष व्यक्त करते हुए शासन से अपेक्षा की है कि परीक्षा में फार्म भरने की तिथि बढ़ा दी जाए एवं अन्य राज्यों की भांति छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी शासकीय सेवकों को जो परीक्षा में स्थानीय निवासी की छूट समाप्त किए जाने पर वंचित हो रहे हैं उन सभी के आवेदन को मान्य किया जाए।
प्रदेश तृतीय कर्मचारी वर्ग संघ के अध्यक्ष रोहित तिवारी का कहना है कि राज्य सरकार 45 वर्ष तक विभिन्न प्रकार की छूट ओं को मिलाकर परीक्षा में बैठने और बेहतर नियोजन के अवसर राज्य के निवासियों को दिए दावा करती है वहीं दूसरी ओर लोक सेवा आयोग के द्वारा आयु सीमा में छूट की बजाय कटौती करते हुए अवसरों युवाओं को अवसरों से वंचित किया जा रहा है।इस हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को खुद पहल करना चाहिए। व्यापम वह अन्य विभाग द्वारा हो रही परीक्षाओं में 43 वर्षों तक शामिल होने का स्पष्ट नियम उल्लेख है और उसका भी आधार सामान्य प्रशासन का 30-1/2019 सर्कुलर है। आयोग की इस गलती से हजारों छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी हमेशा के लिए 38 वर्ष की आयु के बाद परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे जबकि मूल निवासी होने के कारण उनको 40 वर्ष की वैसे ही पात्रता है, गंभीरता से इसमें सुधार करना चाहिए चूंकि परीक्षा का फार्म भरने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है अतः सुधार होने तक अंतिम तिथि और परीक्षा तिथि बढ़ाई जानी चाहिए।
प्रतियोगी संघ के सुरेश वासवानी, रमन गर्ग, शैलेश पांडे ,उत्तम मिश्रा, भूपेश ठाकुर ने कहा व्यापम व विभागीय एजेंसियों द्वारा ली जा रही परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ शासन के समान प्रशासन के सर्कुलर के अनुसार ही 43 वर्ष तक की छूट राज्य के मूल निवासी शासकीय सेवक तो सामान्य वर्ग के हैं उन्हें मिलती है लेकिन सीजीपीएससी द्वारा आवेदन नहीं लिया जा रहा है ,पी एस सी सचिव ने पहले सुधार का हवाला दिया गया, अब मनमानी की जा रही है। जी ए डी और राज्य सरकार को भी इस ओर होश नहीं है कि लोक सेवा आयोग को स्पष्ट रूप से बता दिया जाए, जब देश के अन्य राज्यों में यह प्रावधान नहीं है तो छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के निवासियों के साथ हितों कुठाराघात क्यों किया जा रहा है। इसमें तत्काल सुधार होना चाहिए। आरंभिक परीक्षा की तिथि आवेदन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए एवं *मुख्यमंत्री जी को चाहिए कि वह 2 साल कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों के तैयारी में हुई बाधाओं को देखते हुए, राज्य के सभी निवासियों को राज्य सेवा परीक्षा में 2 वर्ष की अतिरिक्त छूट* अलग से प्रदान करें।अनेक लोग ऐसे हैं जो पीछे 2 वर्षों से महामारी के कारण प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावी होने के कारण परीक्षा नहीं दे पाए या एग्जाम की तैयारी ठीक से नहीं कर पाए। लेकिन इसके उलट युवाओं को परीक्षा में बैठने से वंचित किया जा रहा है।प्रतिभागियों ने बताया कि
सोशल मीडिया के माध्यम से भी अभियान चलाकर भी माननीय मुख्यमंत्री जी उस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उक्त सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल के सदस्यों सांसदों और विधायकों को भी पत्र भेजकर अवगत कराया जा रहा है।इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय में अर्जेंट हियरिंग के अंतर्गत भी प्रतिभागियों के एक समूह के द्वारा दाखिल किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है।
