राजनांदगांव. राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद की जयंती के अतीव महत्तवा परिप्रेक्ष्य में नगर के विचारप्रज्ञ प्राध्यापक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने समसामयिक आह्वान चिंतन टीप में बताया कि स्वामी विवेकानंद जी समग्र देश-धरती में श्रेष्ठ-उत्कृष्ट-आदर्श-युवा अभिप्रेरक, व्यक्तित्व-कृतित्व के जीवंत, अद्वितीय, प्रतिमान हुए है। अखिल विश्व में भारतीय सनातन संस्कृति एवं भारतीय वेदांत के अमर उन्नायक स्वामी विवेकानंद जी का परम-पावन, सहज-सरल, विचार-दर्शन सर्वदा से युवा-किशोर पीढ़ी को राष्ट्रबोधत्व के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक उत्थान की अद्भूत प्रेरणा देता है। माँ भारती के अतीती गौरव को पुन:स्थापित करने तथा विश्व गुरू के अनुपम वैभव को बनाए रखने में युवाओं की विशुद्ध रचनात्मक भूमिका एवं सतत क्रियाशीलता को अनिवार्यता से स्वीकार करने वाले स्वामी विवेकानंद जी ऐसे अनूठे महापुरूष हुए हैं जिनकी वाणी, विचार, संदेश, कार्य सूत्र प्रत्येक युग-काल -समय में अत्यंत प्रासंगिक हैं अनमोल है। आगे प्राध्यापक द्विवेदी ने विशेष जोर देकर स्पष्ट किया कि स्वामी जी का एक-एक विचार सूत्र, संदेश युवाओं को जीवन-संघर्ष में प्रमाणिकता के साथ आगे बढऩे, सार्थक उद्देश्य-लक्ष्य को प्राप्त करने की वृहत्तर क्षमता-दक्षता प्रदत्त करता है। श्रेयष्कर होगा कि प्रत्येक युवा-किशोर-प्रबुद्ध, स्वामी जी के विचार-साहित्य को पढ़े, समझे और मन-प्राण से आत्मसात कर संस्कृति रक्षा, राष्ट्र विकास में प्रत्यक्ष सहभागिता करके देश-धरती के प्रति अपने मौलिक अनिवार्य दायित्वों का निर्वहन करें। यही सच्चे सार्थक अर्थो में युवा-दिवस पर स्वामी विवेकानंद जी का पुण्यार्थ स्मरण होगा और युवा-प्रादर्श संकल्प भी होगा।
